कोरिया : जिले के जनकपुर भरतपुर विकासखंड के पथले नदी के पास पिछले 20 सालों से लगातार विश्वकर्मा पूजा किया जा रहा है. इस साल भी क्षेत्र के राज मिस्त्री और उनके सहयोगी साथियों ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए बड़े ही हर्षोल्लास के साथ विश्वकर्मा भगवान की पूजा-अर्चना की. पूजा के बाद भंडारे का भी आयोजन किया गया.
कमेटी के सदस्यों ने बताया कि विश्वकर्मा भगवान का मंदिर क्षेत्र में कहीं नहीं है. सभी राज मिस्त्री और उनके साथियों के सहयोग से श्रमदान कर मंदिर निर्माण कराया जाना है, लेकिन वन विभाग ने मंदिर निर्माण पर रोक लगा दी है. इसे लेकर पूर्व विधायक से भी कई बार मंदिर बनाने की अनुमति के लिए आवेदन भी दिया गया है, लेकिन आज तक इसका कोई समाधान नहीं निकल पाया है.
विश्व के पहले इंजीनियर
भगवान विश्वकर्मा को निर्माण और सृजन का देवता माना जाता है. इनके जन्मदिन को विश्व के पहले इंजीनियर के तौर पर देशभर में विश्वकर्मा जयंती के रूप में मनाया जाता है. इस पर्व का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व है. भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विश्वकर्मा पूजा मनाया जाता है.
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बता दें कि विश्वकर्मा जयंती के दिन निर्माण से जुड़ी मशीनों, औजारों, दुकानों की पूजा विधि-विधान से की जाती है. मान्यता है कि वैदिक देवता के रूप में सर्वमान्य देव शिल्पी विश्वकर्मा अपने विशिष्ट ज्ञान-विज्ञान के कारण मानव ही नहीं, देवगणों द्वारा भी पूजित हैं. कहते हैं कि देव विश्वकर्मा के पूजन के बिना कोई भी तकनीकी कार्य शुभ नहीं होता. ऐसा माना जाता है कि विश्वकर्मा भगवान की पूजा करने से दुर्घटनाओं और आर्थिक परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता.