कोरिया: वैकुंठपुर जिला अस्पताल (Vaikunthpur District Hospital) में बीमार बच्चों की संख्या अचानक बढ़ गई है. यहां 80 बच्चे भर्ती हैं. उनमें से 75 सर्दी-खांसी और बुखार से पीड़ित हैं. 20 बच्चाें काे सांस लेने में तकलीफ हाे रही है. जिन्हें ऑक्सीजन सपाेर्ट पर रखा गया है. इनमें नवजात से लेकर 7 साल तक के बच्चे शामिल हैं. बड़ी चिंता की बात यह है कि इस लक्षण से इस महीने यहां एक बच्चे की मौत हो चुकी है. अस्पताल में हालात इतने खराब हैं कि डॉक्टर बच्चों को ओपीडी के बाहर जमीन पर चादर बिछा कर भर्ती किये हुए हैं. भर्ती बच्चों में 70 फीसदी की उम्र एक साल से कम है.
जिला अस्पताल के हालात ये है कि बच्चों के लिए बेड तक की व्यवस्था नहीं है. मरीजों की संख्या बढ़ने से बच्चों को नीचे फर्श पर चादर बिछाकर एडमिट किया गया है. उनका इलाज चल रहा है. डॉक्टर ने बताया कि अस्पताल में भर्ती बच्चों में 30% बच्चे ऐसे है. जिनको ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है.
30% बच्चे ऑक्सीजन के सहारे, CMHO ने कहा 'चिंता की कोई बात नहीं'
CMHO डॉ शर्मा ने बताया कि 'जिले में 3 बच्चों की मौत हुई है. लेकिन वे बच्चे मौसमी बीमारी की चपेट में नही थे, उनमे वायरल इन्फेक्शन (viral infection) नहीं था. पहले से किसी बीमारी से ग्रसित थे. हमारी पूरी टीम इस वायरल इन्फेक्शन पर नजर बनाए हुए है. चिंता की कोई बात नहीं है. अभी तक 20% बच्चों को ठीक कर डिस्चार्ज भी किया जा चुका है'.
अविभावकों की लापरवाही से अधिकांश बच्चे हो रहे बीमारी का शिकार
बच्चों को सर्दी, खांसी एवं हल्का बुखार (वायरल बुखार) होने पर अभिभावक बच्चों का तुरत इलाज नहीं कराते हैं. वायरल बुखार से ग्रस्त बच्चों का सही समय पर इलाज नहीं होने से नाक के सहारे इन्फेक्शन बच्चे के फेफड़ों में पहुंच जाता है. फेफड़ा में इन्फेक्शन होते ही बच्चा निमोनिया का शिकार हो रहा है.
इन दिनों कभी तेज धूप निकल जाती है तो कभी बारिश होने लगती है. इस कारण लोग सर्दी, खांसी एवं बुखार (वायरल बुखार) के शिकार हो रहे हैं. सर्दी, खांसी एवं बुखार से ग्रस्त लोगों के संपर्क में आने वाले बच्चे भी वायरल बुखार के शिकार हो रहे हैं. वायरल बुखार सांस से फैलती है. इस कारण वायरल बुखार से ग्रस्त बच्चे के संपर्क में आने वाले अन्य बच्चे भी वायरल बुखार से ग्रस्त हो जाते हैं. यही कारण है कि जिले में बच्चों में वायरल बुखार तेजी से फैल रहा है.