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लघु वनोपज समिति में तेंदूपत्ता संग्रहण का काम शुरू, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं - Korea tendu pata Leaves Storage

लघु वनोपज समिति भरतपुर में तेंदूपत्ता संग्रहण का काम शुरू हो गया है. यहां पर ग्रामीण बिना सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क लगाकर काम कर रहे हैं.

Tendu leaf collection work started in Small Forest Produce Committee in koriya
लघु वनोपज समिति में तेंदूपत्ता संग्रहण
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Published : May 25, 2020, 7:08 PM IST

Updated : May 25, 2020, 7:52 PM IST

कोरिया: जनकपुर लघु वनोपज समिति भरतपुर में तेंदूपत्ता संग्रहण का काम शुरू हो गया है, लेकिन यहां किसी निर्देश का पालन नहीं किया जा रहा है. सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. तेंदूपत्ता संग्रहण का काम शुरू होते ही ग्रामीण सुबह से ही आसपास के जंगलों में जाते हैं. ग्रामीण गर्मी के महीनों में सुबह से ही इस काम में लग जाते हैं. महिलाएं और पुरुष तेंदूपत्ता तोड़कर लाते हैं और संग्रहण के बाद 52 पत्तों को बांधकर पुड़ा बनाया जाता है.

लघु वनोपज समिति में तेंदूपत्ता संग्रहण का काम शुरू

इस पत्ते से बीड़ी का निर्माण भी किया जाता है. फिर इन्हें 10-10 की लाइन से सुखाया जाता है. हर साल सबसे पहले तेंदूपत्ता की आवक जनकपुर में ही होती है, हालांकि इस बार मौसम के बदलाव के चलते पेड़ों की पत्तियां भी अधिकतर खराब हैं. इस बार सरकार ने प्रति सैकड़ा 400 रुपए के दर से संग्राहक को भुगतान करने का फैसला किया है.

पढ़ें- SPECIAL : 'हरे सोने' पर कोरोना की मार, ग्रामीण परेशान

बिना सोशल डिस्टेंसिंग और बिना मास्क के कर रहे हैं काम

जनकपुर में तीन लाख पत्ती संग्रह करने की योजना समिति ने बनाई है. वहीं जब सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क के बारे में एसडीओ कवर से जानकारी मांगी गई, तो उन्होंने बताया कि सभी वितरण समिति को मास्क और सैनिटाइजर का वितरण किया गया है, जबकि तेंदूपत्ता संग्राहकों ने न मास्क लगाया था और न तो सोशल डिस्टेंसिंग का ही पालन कर रहे थे. लगभग सारे वितरण केंद्र में यही नजारा दिख रहा था.

'लोगों का सरकार से भरोसा उठ गया है'

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के विभिन्न विभागों ने लघु उद्योग की जो जानकारी दी है, उसके ठीक विपरीत प्रदेश की स्थिति है. अधिकांश स्थानों पर तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य बंद होने से लोगों का सरकार से भरोसा उठ गया है. कांग्रेस ने तेंदूपत्ता खरीदी को लेकर चुनाव में जो घोषणा किए थे, उसे पूरा करना चाहिए.

'कोरोना वायरस को सरकार ने गंभीरता से लिया'

वहीं राज्य सरकार के स्कूली शिक्षा मंत्री डॉ प्रेमसाय सिंह के प्रतिनिधि कुमार सिंहदेव ने बताया कि छत्तीसगढ़ सहित जिले में सरकार कोरोना वायरस को लेकर बेहद गंभीर है, जिसका असर तेंदूपत्ता संग्रहण पर भी पड़ा है. वहीं मध्यप्रदेश में हो सकता है कि टारगेट पूरा हो गया हो. वहां पर संक्रमित मरीजों की संख्या अभी हजारों में है. उन्होंने कहा कि हमारे यहां इस विषम परिस्थिति को देखते हुए गांव और आदिवासी अंचल के लोगों ने स्वेच्छा से कम मात्रा में तेंदूपत्ता तोड़ने का काम किया है. उम्मीद है कि हम लक्ष्य को पूरा जरूर कर लेंगे.

कोरिया: जनकपुर लघु वनोपज समिति भरतपुर में तेंदूपत्ता संग्रहण का काम शुरू हो गया है, लेकिन यहां किसी निर्देश का पालन नहीं किया जा रहा है. सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. तेंदूपत्ता संग्रहण का काम शुरू होते ही ग्रामीण सुबह से ही आसपास के जंगलों में जाते हैं. ग्रामीण गर्मी के महीनों में सुबह से ही इस काम में लग जाते हैं. महिलाएं और पुरुष तेंदूपत्ता तोड़कर लाते हैं और संग्रहण के बाद 52 पत्तों को बांधकर पुड़ा बनाया जाता है.

लघु वनोपज समिति में तेंदूपत्ता संग्रहण का काम शुरू

इस पत्ते से बीड़ी का निर्माण भी किया जाता है. फिर इन्हें 10-10 की लाइन से सुखाया जाता है. हर साल सबसे पहले तेंदूपत्ता की आवक जनकपुर में ही होती है, हालांकि इस बार मौसम के बदलाव के चलते पेड़ों की पत्तियां भी अधिकतर खराब हैं. इस बार सरकार ने प्रति सैकड़ा 400 रुपए के दर से संग्राहक को भुगतान करने का फैसला किया है.

पढ़ें- SPECIAL : 'हरे सोने' पर कोरोना की मार, ग्रामीण परेशान

बिना सोशल डिस्टेंसिंग और बिना मास्क के कर रहे हैं काम

जनकपुर में तीन लाख पत्ती संग्रह करने की योजना समिति ने बनाई है. वहीं जब सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क के बारे में एसडीओ कवर से जानकारी मांगी गई, तो उन्होंने बताया कि सभी वितरण समिति को मास्क और सैनिटाइजर का वितरण किया गया है, जबकि तेंदूपत्ता संग्राहकों ने न मास्क लगाया था और न तो सोशल डिस्टेंसिंग का ही पालन कर रहे थे. लगभग सारे वितरण केंद्र में यही नजारा दिख रहा था.

'लोगों का सरकार से भरोसा उठ गया है'

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के विभिन्न विभागों ने लघु उद्योग की जो जानकारी दी है, उसके ठीक विपरीत प्रदेश की स्थिति है. अधिकांश स्थानों पर तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य बंद होने से लोगों का सरकार से भरोसा उठ गया है. कांग्रेस ने तेंदूपत्ता खरीदी को लेकर चुनाव में जो घोषणा किए थे, उसे पूरा करना चाहिए.

'कोरोना वायरस को सरकार ने गंभीरता से लिया'

वहीं राज्य सरकार के स्कूली शिक्षा मंत्री डॉ प्रेमसाय सिंह के प्रतिनिधि कुमार सिंहदेव ने बताया कि छत्तीसगढ़ सहित जिले में सरकार कोरोना वायरस को लेकर बेहद गंभीर है, जिसका असर तेंदूपत्ता संग्रहण पर भी पड़ा है. वहीं मध्यप्रदेश में हो सकता है कि टारगेट पूरा हो गया हो. वहां पर संक्रमित मरीजों की संख्या अभी हजारों में है. उन्होंने कहा कि हमारे यहां इस विषम परिस्थिति को देखते हुए गांव और आदिवासी अंचल के लोगों ने स्वेच्छा से कम मात्रा में तेंदूपत्ता तोड़ने का काम किया है. उम्मीद है कि हम लक्ष्य को पूरा जरूर कर लेंगे.

Last Updated : May 25, 2020, 7:52 PM IST
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