कोरिया: जिन हाथों में कॉपी और पेन होना चाहिए वो स्कूल का गेट खोलने के साथ-साथ टाट-पट्टी झाड़ने का काम कर रहे हैं. मामला कोरिया जिले की ग्राम पंचायत मेंड्राडोल में संचालित स्कूल का है. यहां बच्चे हर रोज समय से स्कूल पहुंचते हैं. गेट खोलनेकी जिम्मेदारी इन्हीं के कंधों पर रहती है जिसे बखूबी निभाते भी हैं, इसके बाद झाड़ू उठाते हैं और साफ सफाई में जुट जाते हैं.
प्यून की गैरहाजिरी में करते हैं काम
इस बारे में जब हमने स्कूल के शिक्षक से बात की तो उनका क्या कहना है आप खुद सुन लीजिए. दरअसल यहां किताबी ज्ञान के साथ-साथ वर्कलोड मैनेजमेंट का पाठ भी पढ़ाया जाता है, तभी तो प्यून की गैरहाजिरी में उसके काम का बोझ इन मासूमों को उठाना पड़ता है.
साफ-सफाई के लिए होती है कर्मचारी की नियुक्ति
सरकार एक ओर ग्रामीण इलाकों में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए करोड़ों रुपयों को पानी की तरह बहा रही है. साफ सफाई के लिए स्कूलों में बकायदा कर्मचारी की नियुक्ति भी की जाती है, लेकिन बावजूद इसके इन स्कूलों का हाल क्या है इसका अंदाजा आप खुद ही लगा सकते हैं.