कोरिया: गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान रामगढ़-सोनहत में साउथ अफ्रीका से चीता लाकर वंश बढ़ाने की तैयारी की जा रही है. इसे लेकर केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ वन विभाग से रिपोर्ट मांगी है. साल 2012 में साउथ अफ्रीका से चीता लाने की कवायद शुरू की गई थी. उस समय देशभर के चुनिंदा राष्ट्रीय उद्यान का सर्वे कराया गया था. इसके बाद दक्षिण अफ्रीका से चीते लाकर रखने के लिए अनुकूल रहवास क्षेत्रों का चयन करने का प्रोजेक्ट बना था
वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (डब्ल्यूआईआई) और वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया (डब्ल्यूटीआई) ने सर्वे किया था. इसमेंं गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान का चयन किया गया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट में मामला लंबित था. करीब 10 साल बाद सुप्रीम कोर्ट से हरी झंडी मिलने के बाद केंद्र सरकार ने वन विभाग छत्तीसगढ़ को पत्र लिखकर गुरु घासीदास नेशनल पार्क में प्राकृतिक रूप से चीता के रहने, खाने के इंतजाम की सर्वे रिपोर्ट मांगी थी.
साउथ अफ्रीका के नामीबिया से लाए जाएंगे चीते
चीते के लिए उपयुक्त राष्ट्रीय उद्यान को लेकर दिल्ली में बैठक हुई थी. उसके बाद राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण से सभी राष्ट्रीय उद्यान का ब्यौरा मांगा गया था. योजना के तहत कुल 20 चीता साउथ अफ्रीका के नामीबिया से लाने की तैयारी है. हालांकि गुरु घासीदास राष्ट्रीय में कितने चीते लाए जाएंगे. फिलहाल स्पष्ट नहीं है. ऐसी चर्चा है कि पहली खेप में सिर्फ दो या तीन चीते लाए जाएंगे.
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कोर्ट से अनुमति मिलने के बाद भेजा गया है प्रपोजल
करीब दस साल पहले सर्वे हुआ था. उसके बाद सुप्रीम कोर्ट में मामला लंबित था. कोर्ट से अनुमति मिलने के बाद पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ के माध्यम से केंद्र सरकार को प्रपोजल भेजा गया है. मामले में केंद्र सरकार का पत्र आया है. चीता अफ्रीका से लाया जाना है. उससे पहले डब्ल्यूआईआई और डब्ल्यूटीआई की टीम सर्वे करने आएगी. संभावना है कि साल 2021की शुरुआत में टीम सर्वे करने आ सकती है.