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कोरिया: पढ़ई तुंहर दुआर के जरिए बच्चों को कोरोना से बचाव के बताए जा रहे नियम - कोरिया में मोहल्ला क्लास

कोरिया में कोरोना महामारी के बीच पंचम रोहिणी नामक शिक्षक बच्चों को शिक्षा दे रहे हैं. यह मोहल्ला क्लास और पढ़ई तुहर दुआर के तहत बच्चों को उनके मोहल्ले में लाउडस्पीकर के जरिए पढ़ाते हैं.

Teachers teach children
बच्चों को पढ़ाते शिक्षक
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Published : Nov 28, 2020, 8:28 PM IST

कोरिया. कोरोना महामारी के बीच शिक्षा की लौ जलाये रखने के उद्देश्य से कोरिया के मनेंद्रगढ़ में शिक्षक पंचम रोहिणी बच्चों को शिक्षा दे रहे हैं. वह करीब 9 ग्राम पंचायतों के कुल 22 केन्द्रों में पढ़ई हमर पारा के तहत बच्चों को पढ़ाते हैं. यह पढ़ाई लिखाई मोहल्ला क्लास के माध्यम से की जा रही है.

लाउडस्पीकर के जरिए हो रही पढ़ाई

यहां श्री पंचम के द्वारा बच्चों को लाउडस्पीकर के जरिए पढ़ाया जाता है. इस कोविड महामारी के समय स्कूल से दूर रहने के कारण अध्यापन कार्य में होने वाली समस्याओं को दूर करने के लिए एक सार्थक और अभिनव पहल किया जा रहा है. पंचम रोहिणी पंचायतों में घूम-घूम कर स्कूली बच्चों को पढ़ा रहे हैं. पंचम विद्यार्थियों से सहमति प्राप्त कर मोहल्ला क्लास संचालन हेतु प्रेरित करते हैं.

शिक्षा के साथ कोविड से बचाव का बता रहे नियम

लाउडस्पीकर के जरिये क्लास लेने में यहां उन्हें गांव के पालक, जनप्रतिनिधि और पढ़े-लिखे नव युवकों का भी सहयोग बढ़-चढकर मिल रहा है. कोरोना महामारी से बचाव हेतु बच्चों को सोशल डिस्टेंसिंग, सैनिटाइजर के उपयोग के बारे में बताया जा रहा है.

बच्चे पंचम रोहिणी को प्यार से कहते हैं चाचा

बच्चों को कोविड महामारी की जानकारी भी प्रदान की जाती है और गांव में भी जागरूकता हेतु प्रचार-प्रसार किया जाता है. इससे लोग अपने बच्चों को भी सोशल डिस्टेंसिग का महत्व बताते हुए नियमित रूप से मोहल्ला क्लास में पढ़ने के लिए भेजने लगे हैं. बच्चे भावनात्मक लगाव के कारण अब पंचम रोहिणी को चाचा कहकर बुलाते हैं. पंचम रोहिणी की इस कोशिश को ETV भारत सलाम करता है.

कोरिया. कोरोना महामारी के बीच शिक्षा की लौ जलाये रखने के उद्देश्य से कोरिया के मनेंद्रगढ़ में शिक्षक पंचम रोहिणी बच्चों को शिक्षा दे रहे हैं. वह करीब 9 ग्राम पंचायतों के कुल 22 केन्द्रों में पढ़ई हमर पारा के तहत बच्चों को पढ़ाते हैं. यह पढ़ाई लिखाई मोहल्ला क्लास के माध्यम से की जा रही है.

लाउडस्पीकर के जरिए हो रही पढ़ाई

यहां श्री पंचम के द्वारा बच्चों को लाउडस्पीकर के जरिए पढ़ाया जाता है. इस कोविड महामारी के समय स्कूल से दूर रहने के कारण अध्यापन कार्य में होने वाली समस्याओं को दूर करने के लिए एक सार्थक और अभिनव पहल किया जा रहा है. पंचम रोहिणी पंचायतों में घूम-घूम कर स्कूली बच्चों को पढ़ा रहे हैं. पंचम विद्यार्थियों से सहमति प्राप्त कर मोहल्ला क्लास संचालन हेतु प्रेरित करते हैं.

शिक्षा के साथ कोविड से बचाव का बता रहे नियम

लाउडस्पीकर के जरिये क्लास लेने में यहां उन्हें गांव के पालक, जनप्रतिनिधि और पढ़े-लिखे नव युवकों का भी सहयोग बढ़-चढकर मिल रहा है. कोरोना महामारी से बचाव हेतु बच्चों को सोशल डिस्टेंसिंग, सैनिटाइजर के उपयोग के बारे में बताया जा रहा है.

बच्चे पंचम रोहिणी को प्यार से कहते हैं चाचा

बच्चों को कोविड महामारी की जानकारी भी प्रदान की जाती है और गांव में भी जागरूकता हेतु प्रचार-प्रसार किया जाता है. इससे लोग अपने बच्चों को भी सोशल डिस्टेंसिग का महत्व बताते हुए नियमित रूप से मोहल्ला क्लास में पढ़ने के लिए भेजने लगे हैं. बच्चे भावनात्मक लगाव के कारण अब पंचम रोहिणी को चाचा कहकर बुलाते हैं. पंचम रोहिणी की इस कोशिश को ETV भारत सलाम करता है.

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