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कोरिया: पूजा-अर्चना के साथ रोका-छेका अभियान की शुरुआत - जनकपुर-भरतपुर में रोका छेका अभियान

कोरिया के जनकपुर-भरतपुर में रोका-छेका अभियान की शुरुआत की गई. आयोजित कार्यक्रम में इलाके के कई कांग्रेस नेता और जनप्रतिनिधि शामिल हुए. वहीं मौके पर पहुंचे ग्रामीणों ने इस अभियान की जमकर तारीफ की.

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जनकपुर-भरतपुर में रोका छेका अभियान की शुरूआत
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Published : Jun 21, 2020, 7:46 AM IST

Updated : Jun 21, 2020, 8:10 AM IST

कोरिया: जनकपुर-भरतपुर में रोका-छेका अभियान की शुरुआत की गई. ग्राम पंचायत के जनप्रतिनिधियों की ओर से विभिन्न कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया. इस दौरान ग्राम पंचायत के सरपंच और सचिव ने कांजी हाउस की पूजा की. कार्यक्रम में इलाके के कई कांग्रेस नेता और जनप्रतिनिधि शामिल हुए. इसके अलावा बड़ी संख्या में लोग भी शामिल हुए.

ग्रामीणों की मानें तो सरकार का यह अभियान किसानों के हित में है. साथ ही इसे मवेशियों की सुरक्षा की ओर एक व्यापक कदम भी बताया, जिससे फसलों का नुकसान तो कम होगा ही साथ ही मवेशियों की सुरक्षा हो सकेगी. ग्रामीण में इस अभियान को लेकर काफी उत्साह दिखा. नरवा, गरवा, घुरवा, बारी योजना की शुरुआत सरकार ने की थी. जिसके तहत कई ग्राम पंचायतों से लेकर जिला स्तर तक गौठान बनाए गए थे. अब रोका-छेका के जरिए किसानों की मदद के लिए शासन ने यह अभियान चलाया है.

पढ़ें: CORONA EFFECT: अब तक नहीं मिला खाद-बीज, कैसे खेती करेंगे जिले के किसान

शासन ने फसलों को मवेशियों से बचाने के लिए 20 हजार गांवों में गोबर गैस, जैविक खाद प्रोसेसिंग की योजना बनाई है. इसके लिए रोका-छेका अभियान चलाया जा रहा है. इसके जरिए शहरों और गांव की सड़कों से पशुओं को गौठानों में पहुंचाने की तैयारी है. ताकि लोगों को रोजगार मिल सके और फसलों के साथ प्रदेश में पशुधन को भी सुरक्षित रखा जा सके. शासन की नरवा, गरवा, घुरवा, बारी योजना को इस अभियान से तेजी मिल सकेगी.

कोरिया: जनकपुर-भरतपुर में रोका-छेका अभियान की शुरुआत की गई. ग्राम पंचायत के जनप्रतिनिधियों की ओर से विभिन्न कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया. इस दौरान ग्राम पंचायत के सरपंच और सचिव ने कांजी हाउस की पूजा की. कार्यक्रम में इलाके के कई कांग्रेस नेता और जनप्रतिनिधि शामिल हुए. इसके अलावा बड़ी संख्या में लोग भी शामिल हुए.

ग्रामीणों की मानें तो सरकार का यह अभियान किसानों के हित में है. साथ ही इसे मवेशियों की सुरक्षा की ओर एक व्यापक कदम भी बताया, जिससे फसलों का नुकसान तो कम होगा ही साथ ही मवेशियों की सुरक्षा हो सकेगी. ग्रामीण में इस अभियान को लेकर काफी उत्साह दिखा. नरवा, गरवा, घुरवा, बारी योजना की शुरुआत सरकार ने की थी. जिसके तहत कई ग्राम पंचायतों से लेकर जिला स्तर तक गौठान बनाए गए थे. अब रोका-छेका के जरिए किसानों की मदद के लिए शासन ने यह अभियान चलाया है.

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शासन ने फसलों को मवेशियों से बचाने के लिए 20 हजार गांवों में गोबर गैस, जैविक खाद प्रोसेसिंग की योजना बनाई है. इसके लिए रोका-छेका अभियान चलाया जा रहा है. इसके जरिए शहरों और गांव की सड़कों से पशुओं को गौठानों में पहुंचाने की तैयारी है. ताकि लोगों को रोजगार मिल सके और फसलों के साथ प्रदेश में पशुधन को भी सुरक्षित रखा जा सके. शासन की नरवा, गरवा, घुरवा, बारी योजना को इस अभियान से तेजी मिल सकेगी.

Last Updated : Jun 21, 2020, 8:10 AM IST
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