कोरिया: जनकपुर इलाके के कई धान खरीदी केंद्रों में जगह की कमी हो गई है. लिहाजा धान खरीदी केंद्रों को बंद करने की नौबत आ गई है. साथ ही इलाके में बदलते मौसम ने किसानों और लैम्पस प्रबंधकों की भी परेशानी को बढ़ा दिया है. बारिश की स्थिति बनी हुई है. केंद्रों में बफर लिमिट से दोगुनी मात्रा में धान जमा हो गया है. विकासखंड भरतपुर के 6 केंद्रों में किसानों का धान समर्थन मूल्य पर खरीदा जा रहा है. यहां कुछ केंद्रों में बरदाने की कमी देखने को मिल रही है. दो-तीन दिन लगातार बारिश हुई. जिससे बारिश के कारण धान खरीदी प्रभावित हुई है.
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धान का उठाव नहीं होने के कारण खरीदी बंद कर दी गई है. धान खरीदी केंद्रों में जगह की कमी हो गई है. दूसरी ओर किसान अपनी फसल समर्थन मूल्य पर बेचने का इंतजार कर रहें हैं. जनकपुर क्षेत्र के लगभग सभी खरीदी केंद्रों का हाल बेहाल है. बता दें छत्तीसगढ़ में 1 दिसंबर से समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी की जा रही है. देरी से शुरू हुई खरीदी के कारण किसानों में भी फसल बेचने की होड़ लगी हुई है.
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बफर लिमिट से ज्यादा धान की खरीदी
- धान खरीदी केंद्र सिंगरौली की बफर लिमिट 2200 क्विंटल है. यहां 5000 क्विंटल धान खरीदा हो चुकी है. बारदाने की कमी से किसान परेशान हैं. मंगलवार को 2000 खाली बारदाना जनकपुर से पहुंचने के बाद खरीदी शुरू की जा सकी थी. अब जगह की कमी के कारण नए टोकन किसानों को नहीं दिए जा रहें हैं. धान का उठाव नहीं होने से खरीदी बंद गई है.
- सहकारी समिति माडीसरई की 2700 क्विंटल बफर लिमिट है. लेकिन यहां 6027 क्विंटल धान खरीदा गया है. किसानों का कहना है कि धान परिवहन नहीं होने और बारिश को देखते हुए 2 दिन से खरीदी ठप है. अब जगह के अभाव में किसानों का टोकन भी नहीं काटा जा रहा है. किसान धान खरीदी केंद्रों के चक्कर काट रहें हैं.
- सहकारी समिति जनकपुर की बफर लिमिट 3500 क्विंटल निर्धारित है. लेकिन अब तक 7500 क्विंटल धान खरीदा हो चुकी है. धान का उठाव नहीं होने की वजह से खरीदी के लिए जगह की किल्लत हो रही है. यहां भी किसानों का टोकन जारी नहीं हो रहा है.
- सहकारी समिति कोटाडोल में 2600 क्विंटल बफर लिमिट निर्धारित किया गया है. लेकिन किसानों से 3600 क्विंटल धान खरीदी हो चुकी है. जगह की कमी के कारण नया टोकन जारी होना बंद हो चुका है.
- ग्राम कंजिया स्थित सहकारी समिति गढ़वाल और नवीन धान खरीदी केंद्र कुवारपुर में भी ऐसी ही स्थिति बनी हुई है.