कोरिया: भरतपुर क्षेत्र के माड़ीसरई के माध्यमिक शाला के प्रधान पाठक की अनूठी पहल की सराहना हर कोई कर रहा है. छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण की वजह से स्कूल बंद है. बच्चों की पढ़ाई का नुकसान न हो इसलिए ऑनलाइन क्लास चलाने का फैसला लिया गया. लेकिन कई क्षेत्रों में नेटवर्क की समस्या के कारण ऑनलाइन क्लास में दिक्कतें हो रही हैं. जिसे देखते हुए मोहल्ला क्लास की शुरुआत की गई. माड़ीसरई के माध्यमिक शाला के प्रधान पाठक ने गौठान को ही स्कूल में तब्दील कर दिया है. यहां गौठान के सेड में कक्षा लगाई जा रही है.
माड़ीसरई माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक गौठान के सेड में बच्चों को पढ़ा रहे हैं. ऑनलाइन पढ़ाई की योजना में बच्चों की कम उपस्थिति को देखते हुए स्कूल शिक्षा विभाग ने शिक्षकों को ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित करने का प्रस्ताव दिया गया था, जहां मास्क और फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए बच्चों को पढ़ाया जा सके.
नियमों का पालन करते हुए पढ़ रहे बच्चे
इस व्यवस्था के तहत शिक्षकों ने बच्चों को गौठान में पढ़ाना शुरू किया है, जो सुरक्षित जगह है. यहां फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए बच्चे पढ़ रहे हैं. स्कूल शिक्षा विभाग इस व्यवस्था के प्रचार-प्रसार में लगा है कि दूसरे शिक्षक भी प्रेरित हो रहे हैं ताकि वे भी मोहल्ला क्लास ले सकें.
पढ़ें- SPECIAL: बच्चों का भविष्य संवारने कर रहे दिन-रात मेहनत, रचनात्मकता ने दिलाई अलग पहचान
पढ़ई तुंहर दुआर योजना के तहत हर बच्चे के पास एंड्राइड फोन की उपलब्धता नहीं होने से पढ़ाई में दिक्कत आ रही थी. जिसके कारण बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई में शामिल नहीं हो पाते थे. लेकिन अब विद्यार्थी समाजिक दूरी बना कर और मास्क का उपयोग करते हुए गौठान सेड के नीचे अपना भविष्य गढ़ने के लिए मेहनत कर रहे हैं.