कोरिया: मनेंद्रगढ़ विधायक विनय जायसवाल के जाति मामले को लेकर व्यवहार न्यायालय मनेन्द्रगढ़ में दायर याचिका मामले में एक बार फिर सुनवाई आदेश जारी हुए हैं. वहीं इस मामले में याचिका कर्ता सुमन्त गांगुली का कहना है कि यह न्याय की जीत है. फैसला चाहे जो भी हो लेकिन कम से कम यहां मामले की सुनवाई तो होगी.
बता दें कि विधायक विनय जायसवाल की जाति मामले को लेकर चिरमिरी खंडगवा निवासी सुमंत गांगुली ने व्यवहार न्यायालय में एक परिवाद दायर किया था, लेकिन न्यायालय ने इस परिवाद को ये कहकर खारिज कर दिया कि यह मामला मनेंद्रगढ़ क्षेत्र से जुड़ा नहीं है, इस पर सुनवाई नहीं हो सकती. इसके बाद सुमंत गांगुली ने फिर इस मामले को एडीजे प्रथम न्यायालय में दाखिल किया. जिसपर न्यायाधीश ने ये कहते हुए मामले को लोअर कोर्ट में भेज दिया कि इस मामले की सुनवाई यहां नहीं की जा सकती है.
न्यायालय में पेश होने का दिया आदेश
अब इस मामले में 20 मार्च 2020 को सुनवाई होनी है और न्यायालय ने विधायक को मनेंद्रगढ़ न्यायालय में हाजिर होने के निर्देश दिए हैं. मामले की जानकारी देते हुए परिवाद दायर करने वाले के अधिवक्ता शफीक खान ने बताया कि शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़ा वर्ग का लाभ लेने के लिए विनय जायसवाल ने अपनी गलत जाति में प्रमाण प्रत्र बनाकर पिछड़ा वर्ग का लाभ लिया. इससे शासन को भारी नुकसान हुआ है.