कोरिया: जिले में राशनकार्ड वितरण कार्यक्रम में पहुंचे खाद्य सांस्कृतिक मंत्री अमरजीत भगत ने करमा पर्व को बड़े ही धूम-धाम के साथ मनाया.
कार्यक्रम को और खास बनाने के लिए विशेष आयोजन भी किया गया था, जिसमें सरगुजा संभाग के लगभग 20 कर्मा नृत्य टीमों ने नृत्य से मौके पर मौजूद हजारों दर्शकों का मन मोह लिया.
मांदर की थाप पर नाचने लगे मंत्री जी
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे प्रदेश के खाद्य-संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत और कार्यक्रम के अध्यक्ष राज्य मंत्री दर्जा प्राप्त गुलाब कमरो, मनेन्द्रगढ़ विधायक विनय जायसवाल अपने आप को रोक न सके और कर्मा नृत्य के टीमों के साथ मांदर ( ढोल ) गले में फंसा कर कदम से कदम मिला कर नाचने लगे.
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जानिए किस तरह मनाया गया करमा पर्व
⦁ कार्यक्रम की शुरुआत पूजा स्थल पंडाल के बीचों-बीच रखे करम डार से होती है. जहां करम डार का कलम लगाया जाता है और करमडार के चारों ओर व्रतधारियों की ओर से लाए गए ज्वार को सजा कर गोल रखा जाता है.
⦁ जिसके बाद स्थानीय बैगा विधिवत पूजा पाठ करने के बाद बैगा की ओर से सभी व्रत धारी महिलाओं, पुरूषों, युवतियों और बच्चों को करम देवजी के बारे में जानकारियां दी जाती हैं.
⦁ इस त्योहार को मनाने के पीछे मान्यता है कि इस पूजा से कर्म अच्छे होते हैं और भक्त के सभी काम पूरे होते हैं.
⦁ जिसके कर्म अच्छे नहीं होते है वो अगर करमदेव की पूजा पूरी विधि विधान से करें, तो उनका भी कर्म अच्छा हो जाता है.
⦁ ग्रामीण अंचलों में इस त्यौहार में करमडार के पास रखे ज्वार के सामने करमा नृत्य करना ग्रामीणों की परंपरा है.