ETV Bharat / state

जब मांदर की थाप पर नाचने लगे भूपेश सरकार के मंत्री - कोरिया का करमा पर्व

करमा पर्व के दौरान कार्यक्रम में पहुंचे मंत्री अमरजीत भगत खुद को नहीं रोक पाए और गले में मांदर ( ढोल ) टांगकर नाचने लगे.

मंत्री अमरजीत भगत
author img

By

Published : Sep 10, 2019, 7:49 PM IST

Updated : Sep 10, 2019, 8:19 PM IST

कोरिया: जिले में राशनकार्ड वितरण कार्यक्रम में पहुंचे खाद्य सांस्कृतिक मंत्री अमरजीत भगत ने करमा पर्व को बड़े ही धूम-धाम के साथ मनाया.

जब मांदर की थाप पर नाचने लगे भूपेश सरकार के मंत्री

कार्यक्रम को और खास बनाने के लिए विशेष आयोजन भी किया गया था, जिसमें सरगुजा संभाग के लगभग 20 कर्मा नृत्य टीमों ने नृत्य से मौके पर मौजूद हजारों दर्शकों का मन मोह लिया.

मांदर की थाप पर नाचने लगे मंत्री जी
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे प्रदेश के खाद्य-संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत और कार्यक्रम के अध्यक्ष राज्य मंत्री दर्जा प्राप्त गुलाब कमरो, मनेन्द्रगढ़ विधायक विनय जायसवाल अपने आप को रोक न सके और कर्मा नृत्य के टीमों के साथ मांदर ( ढोल ) गले में फंसा कर कदम से कदम मिला कर नाचने लगे.

पढ़ें - लखमा के बयान पर संग्राम, बीजेपी ने किया वार तो मंत्री अमरजीत ने किया बचाव

जानिए किस तरह मनाया गया करमा पर्व
⦁ कार्यक्रम की शुरुआत पूजा स्थल पंडाल के बीचों-बीच रखे करम डार से होती है. जहां करम डार का कलम लगाया जाता है और करमडार के चारों ओर व्रतधारियों की ओर से लाए गए ज्वार को सजा कर गोल रखा जाता है.
⦁ जिसके बाद स्थानीय बैगा विधिवत पूजा पाठ करने के बाद बैगा की ओर से सभी व्रत धारी महिलाओं, पुरूषों, युवतियों और बच्चों को करम देवजी के बारे में जानकारियां दी जाती हैं.
⦁ इस त्योहार को मनाने के पीछे मान्यता है कि इस पूजा से कर्म अच्छे होते हैं और भक्त के सभी काम पूरे होते हैं.
⦁ जिसके कर्म अच्छे नहीं होते है वो अगर करमदेव की पूजा पूरी विधि विधान से करें, तो उनका भी कर्म अच्छा हो जाता है.
⦁ ग्रामीण अंचलों में इस त्यौहार में करमडार के पास रखे ज्वार के सामने करमा नृत्य करना ग्रामीणों की परंपरा है.

कोरिया: जिले में राशनकार्ड वितरण कार्यक्रम में पहुंचे खाद्य सांस्कृतिक मंत्री अमरजीत भगत ने करमा पर्व को बड़े ही धूम-धाम के साथ मनाया.

जब मांदर की थाप पर नाचने लगे भूपेश सरकार के मंत्री

कार्यक्रम को और खास बनाने के लिए विशेष आयोजन भी किया गया था, जिसमें सरगुजा संभाग के लगभग 20 कर्मा नृत्य टीमों ने नृत्य से मौके पर मौजूद हजारों दर्शकों का मन मोह लिया.

मांदर की थाप पर नाचने लगे मंत्री जी
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे प्रदेश के खाद्य-संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत और कार्यक्रम के अध्यक्ष राज्य मंत्री दर्जा प्राप्त गुलाब कमरो, मनेन्द्रगढ़ विधायक विनय जायसवाल अपने आप को रोक न सके और कर्मा नृत्य के टीमों के साथ मांदर ( ढोल ) गले में फंसा कर कदम से कदम मिला कर नाचने लगे.

पढ़ें - लखमा के बयान पर संग्राम, बीजेपी ने किया वार तो मंत्री अमरजीत ने किया बचाव

जानिए किस तरह मनाया गया करमा पर्व
⦁ कार्यक्रम की शुरुआत पूजा स्थल पंडाल के बीचों-बीच रखे करम डार से होती है. जहां करम डार का कलम लगाया जाता है और करमडार के चारों ओर व्रतधारियों की ओर से लाए गए ज्वार को सजा कर गोल रखा जाता है.
⦁ जिसके बाद स्थानीय बैगा विधिवत पूजा पाठ करने के बाद बैगा की ओर से सभी व्रत धारी महिलाओं, पुरूषों, युवतियों और बच्चों को करम देवजी के बारे में जानकारियां दी जाती हैं.
⦁ इस त्योहार को मनाने के पीछे मान्यता है कि इस पूजा से कर्म अच्छे होते हैं और भक्त के सभी काम पूरे होते हैं.
⦁ जिसके कर्म अच्छे नहीं होते है वो अगर करमदेव की पूजा पूरी विधि विधान से करें, तो उनका भी कर्म अच्छा हो जाता है.
⦁ ग्रामीण अंचलों में इस त्यौहार में करमडार के पास रखे ज्वार के सामने करमा नृत्य करना ग्रामीणों की परंपरा है.

Intro:कोरिया जिले में राशनकार्ड वितरण कार्यक्रम में पहुचे खाद्य सांस्कृतिक मंत्री अमरजीत भगत में करमा पर्व को बड़े ही धूम-धाम के साथ मनाया। इस कार्यक्रम को और खास मनाने के लिए विशेष आयोजन भी किया गया। जिसमें सरगुजा संभाग के लगभग 20 कर्मा नृत्य टीमों ने हिस्सा लेकर अपने कर्मा नृत्य से उपस्थित हजारों दर्शकों का मन मोह लिया।

Body:कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पहुँचे प्रदेश के खाद्य-संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत व कार्यक्रम के अध्यक्ष राज्य मंत्री दर्जा प्राप्त गुलाब कमरों, मनेन्द्रगढ़ विधायक विनय जायसवाल अपने आप को रोक न सके और कर्मा नृत्य के टीमों के साथ मांदर ( ढ़ोल ) गले में फंसा कर कदम से कदम मिला कर खुब नाचे। कार्यक्रम की शुरुआत कार्यक्रम के पूजा स्थल पण्डाल के बीचों - बीच रखे करम डार से होती है। जहाँ करम डार का कलम लगाया जाता है और करमडार के चारों तरफ व्रतधारियों द्वारा लाये गये ज्वार को सजा कर गोल रखा जाता है। जिसके बाद स्थानीय बैगा द्वारा विधिवत पूजा पाठ करने के बाद बैगा के द्वारा सभी व्रत धारियों महिला, पुरूष, युवतियो व बच्चों को करम देवजी के बारे में जानकारियां दी जाती है। इस त्यौहार को मनाने के पीछे मान्यता है कि इस पूजा से कर्म अच्छे होते है एवं उसके सभी काम पूरे होते है। जिसके कर्म अच्छे नहीं होते है वो अगर करमदेव की पूजा पूरी विधि विधान से करे तो उनका भी कर्म अच्छा हो जाता है।Conclusion: ग्रामीण अंचलों में इस त्यौहार में करमडार के पास रखे ज्वार के सामने करमा नृत्य करना ग्रामीणों की पंरमपरा है।
Last Updated : Sep 10, 2019, 8:19 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.