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सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में रात भर शव की निगरानी करने को मजबूर परिवार

कोरिया के सोनहत स्वास्थ्य केंद्र में मर्चुरी नहीं होने की वजह से मृतक के परिवार को रात भर शव की निगरानी करनी पड़ी.

अस्पताल में रखा शव
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Published : Apr 27, 2019, 8:56 PM IST

कोरिया: जिले के ग्रामीण इलाकों में संचालित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की हालत कैसी है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सोनहत विकासखंड के सामुदायिक स्वास्थ केंद्र में शव को रखने के लिए एक मर्चुरी तक नहीं है.

शव की रखवाली करता रहा परिवार


वाहन की ठोकर से हुई युवक की मौत
स्वास्थ्य केंद्र में मर्चुरी नहीं होने की वजह से मृतक के परिजनों को परेशान होना पड़ता है. जिला मुख्यालय बैंकुठपुर से करीब 35 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद सोनहत विकासखंड के रजौली में बीती रात अज्ञात वाहन की ठोकर से बाइक सवार युवक की मौत हो गई थी.


शादी में शामिल होने गया था
मृतक कलुआ कोटमी सूरजपुर से अपने रिश्तेदार बेटी की शादी में शामिल होने के लिए रजौली आ रहा था. इस दौरान अज्ञात वाहन ने उसे टक्कर मार दी. आसपास के लोगों ने घायल युवक को तत्काल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.


शव की सुरक्षा करते रहे परिजन
युवक की मौत की खबर मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया और लोग स्वास्थ्य केंद्र में जमा होने लगे. इधर रात होने की वजह से शव का पोस्टमार्टम नहीं हो पाया, जिसकी वजह से शव को अस्पताल में ही रखना पड़ा. हैरानी वाली बात यह है कि प्रदेश की पहली विधानसभा भरतपुर सोनहत के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में मर्च्युरी तक नहीं है, जिसकी वजह से शव को खुले में बरामदे में ही रखना पड़ा. परिवार के लोग पूरी रात अंधेरे में शव की सुरक्षा करते रहे.


सरकारी दावों की खुली पोल
सुबह होने पर डॉक्टर ने मृतक का पोस्टमार्टम कर शव परिजनों को सौंप दिया. लेकिन बड़ा सवाल यह है कि अस्पताल में तमाम सुविधाओं की बात कही जाती है, लेकिन मर्च्युरी का न होना सरकारी दावों की पोल खोलने के लिए काफी है.

कोरिया: जिले के ग्रामीण इलाकों में संचालित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की हालत कैसी है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सोनहत विकासखंड के सामुदायिक स्वास्थ केंद्र में शव को रखने के लिए एक मर्चुरी तक नहीं है.

शव की रखवाली करता रहा परिवार


वाहन की ठोकर से हुई युवक की मौत
स्वास्थ्य केंद्र में मर्चुरी नहीं होने की वजह से मृतक के परिजनों को परेशान होना पड़ता है. जिला मुख्यालय बैंकुठपुर से करीब 35 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद सोनहत विकासखंड के रजौली में बीती रात अज्ञात वाहन की ठोकर से बाइक सवार युवक की मौत हो गई थी.


शादी में शामिल होने गया था
मृतक कलुआ कोटमी सूरजपुर से अपने रिश्तेदार बेटी की शादी में शामिल होने के लिए रजौली आ रहा था. इस दौरान अज्ञात वाहन ने उसे टक्कर मार दी. आसपास के लोगों ने घायल युवक को तत्काल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.


शव की सुरक्षा करते रहे परिजन
युवक की मौत की खबर मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया और लोग स्वास्थ्य केंद्र में जमा होने लगे. इधर रात होने की वजह से शव का पोस्टमार्टम नहीं हो पाया, जिसकी वजह से शव को अस्पताल में ही रखना पड़ा. हैरानी वाली बात यह है कि प्रदेश की पहली विधानसभा भरतपुर सोनहत के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में मर्च्युरी तक नहीं है, जिसकी वजह से शव को खुले में बरामदे में ही रखना पड़ा. परिवार के लोग पूरी रात अंधेरे में शव की सुरक्षा करते रहे.


सरकारी दावों की खुली पोल
सुबह होने पर डॉक्टर ने मृतक का पोस्टमार्टम कर शव परिजनों को सौंप दिया. लेकिन बड़ा सवाल यह है कि अस्पताल में तमाम सुविधाओं की बात कही जाती है, लेकिन मर्च्युरी का न होना सरकारी दावों की पोल खोलने के लिए काफी है.

Intro:एंकर -कोरिया जिले के ग्रामीण इलाकों में संचालित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की हालत कैसी है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सोनहत विकासखंड के सामुदायिक स्वास्थ केंद्र में शव को रखने के लिए एक मर्चुरी तक नहीं है जिसके चलते मृतक के परिजनों को होने वाली परेशानी का सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है।Body: बी ओ -जिला मुख्यालय बैंकुठपुर से लगभग 35 किलोमीटर दूर सोनहत विकासखंड के रजौली में बीती रात अज्ञात वाहन की ठोकर से एक मोटरसाइकिल सवार युवक की मौत हो गई। मृतक कलुआ कोटमी जिला सूरजपुर से अपने साढू भाई की बेटी की शादी में शामिल होने के लिए रजौली आया आ रहा था। इस दौरान अज्ञात वाहन ने उसे ठोकर मार दी। आसपास के लोगों ने घायल युवक को तत्काल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। युवक की मौत की खबर मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया और सभी लोग स्वास्थ्य केंद्र में जमा होने लगे। इधर रात होने की वजह से शव का पोस्टमार्टम नहीं हो पाया जिसके चलते शव को अस्पताल में ही रखना पड़ा लेकिन हैरानी वाली बात यह है कि प्रदेश की प्रथम विधानसभा भरतपुर सोनहत के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में 1 मर्च्युरी तक नहीं है जिसके चलते मृतक के शव को खुले में बरामदे में ही रखना पड़ा। परिवार के लोग पूरी रात अंधेरे में शव की तकवारी करते रहे ।सुबह होने पर डॉक्टर ने मृतक का पोस्टमार्टम कर शव परिजनों को सौंप दिया ।Conclusion:लेकिन बड़ा सवाल यह है कि अस्पताल में तमाम सुविधाओं की बात कही जाती है लेकिन एक मर्च्युरी तक ना होना सरकारी दावों की पोल खोलने के लिए काफी है।
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