कोरिया: छत्तीसगढ़ में ठंड बढ़ने लगी है. इसी के साथ ही प्रशासन की तैयारी शुरू हो गई है. प्रदेश के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग सचिव ने राज्य के सभी संभावित कलेक्टरों और मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारियों को ठंड के मौसम में शीतलहर और पाला से बचाव के प्रबंधन करने के निर्देश जारी किए है.
उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि भारत सरकार राष्ट्रीय आपदा एवं प्रबंधन प्राधिकरण और भारत मौसम विज्ञान केंद्र की समय-समय पर जारी दिशा निर्देश के अनुसार प्रदेश में सामान्य तौर पर दिसंबर से जनवरी के बीच ठंड की व्यापकता रहेगी. कभी-कभी शीतलहर के चलने का अनुमान भी है. नगरी ग्रामीण और ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले गरीबों, वृद्ध, स्कूल जाने वाले विद्यार्थी और ठंड से प्रभावित होने वाले जन सामान्य को बचाव के लिए समुचित प्रबंध अभी से कर लिए जाने की बात कही गई है.
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शीतलहर से बचाव के लिए रिक्शा चालकों, दैनिक मजदूर, असहाय व्यक्तियों के रेन बसेरा में रहने की समुचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं. रात्रि में पर्याप्त मात्रा में कंबल रखने की व्यवस्था करने को भी कहा गया है. राज्य किसी भी जिले में शीतलहर की स्थिति में शीतलहर प्रकोप से बचाव हेतु अलाव की व्यवस्था करने के दिशा निर्देश भी दिए गए हैं. इसमें यह सावधानी रखी जाएगी कहीं आगजनी की घटना न हो. ठंड़ के प्रकोप से बचाव के लिए आवश्यक दवाओं का भंडार और चिकित्सा सेवाएं लोगों को उपलब्ध कराने की समुचित व्यवस्था करने के लिए जिला चिकित्सा दल गठित करने के निर्देश दिए गए हैं.
फसलों को भी बचाना होगा
रवि फसलों के बचाव के लिए कृषि विभाग की आवश्यक समन्वय स्थापित कर आवश्यक समुचित व्यवस्था करने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं. इसी तरह से तापमान सामान्य से कम होने की स्थिति में प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय के समय पर आवश्यक परिवर्तन करने को कहा गया है. शीतलहर के कारण यदि कहीं पर किसी भी व्यक्ति की मृत्यु होने पर उसकी तत्काल सूचना ईमेल पर उपलब्ध कराने की बात कही गई है.
सहायता करने के निर्देश
ठेड के कारण मरने पर पीड़ित परिवारों और प्रभावित किसानों को आवश्यक अनुदान सहायता दिए जाने की बात कही गई है. प्रकोप से बचाव और प्रबंधन के लिए स्थानीय यूनिसेफ रेड क्रॉस सोसाइटी और उसकी संगठन से भी आवश्यक सहयोग दिया जाएगा.