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MCB health news: एमसीबी में स्वास्थ्य व्यवस्था बदतर, मूलभूत चिकित्सा व्यवस्था से वंचित लोग - एमसीबी में अस्पताल

मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर में चिकित्सा व्यवस्था लचर हैं. यहां लोगों को अस्पताल में मूलभूत चिकित्सा भी नहीं मिल पा रही है. यही कारण है कि लोग केन्द्र और राज्य सरकार से मूलभूत सुविधाओं को मुहैया कराने की मांग कर रहे हैं.Hospital in MCB

MCB health news
एमसीबी स्वास्थ्य न्यूज
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Published : Mar 17, 2023, 12:08 PM IST

एमसीबी में स्वास्थ्य व्यवस्था बदतर

एमसीबी: एमसीबी में स्वास्थ्य व्यवस्था बद से बदतर है. लोगों को सोनोग्राफी के लिए बाहर जाना पड़ रहा है. सरकारी अस्पताल में स्त्री रोग विशेषज्ञ की कमी है. इतना ही नहीं अस्पताल में डॉक्टरों के बैठने के लिए और मरीज के इलाज करने के लिए चेम्बर तक नहीं है. एक ही चेम्बर में तीन-तीन डॉक्टर मरीजों का इलाज कर रहे हैं.

स्वास्थ्य व्यवस्था बदहाल: मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर जिला मुख्यालय मनेंद्रगढ़ में चिकित्सा व्यवस्था बद से बदतर है. यहां न तो कोई स्त्री रोग विशेषज्ञ है और न ही कोई रेडियोलॉजिस्ट. यही कारण है कि यहां के लोगों को काफी तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. बात अगर मनेन्द्रगढ़ शहर की करें तो यहां केंद्र सरकार का केंद्रीय चिकित्सालय और राज्य सरकार का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र दो बड़ा अस्पताल है. हालांकि दोनों ही अस्पताल में स्थिति बेहद खराब है.

सोनोग्राफी के लिए लोगों को जाना पड़ रहा बाहर: मिनी रत्न कह जाने वाली कम्पनी एसईसीएल का केंद्रीय चिकित्सालय, जो मनेंद्रगढ़ के आमाखेरवा में है. कोयला मजदूर और उनके परिवार के लिए ये चिकित्सालय खोला गया था. हालांकि पिछले सात साल से सोनोग्राफी मशीन न होने के कारण सोनोग्राफी जैसी महत्वपूर्ण सुविधा बन्द पड़ी है. एक साल से अधिक समय से यहां स्त्री रोग विशेषज्ञ नहीं हैं.

मनेंद्रगढ़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भी कई साल से सोनोग्राफी नहीं हो पा रही है. दो साल से कोई गायनोलॉजिस्ट यहां नही है. जिसके कारण लोग निजी नर्सिंग होम में जाने को मजबूर हैं. लोगों की समस्या है कि सिर्फ स्त्री रोग के दो निजी डॉक्टरों को छोड़ दिया जाए तो पूरे क्षेत्र में कहीं भी सोनोग्राफी की सुविधा नहीं है. यही कारण है कि यहां के लोगों की सोनोग्राफी कराने के लिए बाहर जाना पड़ रहा है.

यह भी पढ़ें: Kawardha Ragging Case: कवर्धा रैगिंग मामले में बड़ी कार्रवाई, 8 छात्र हिरासत में

सरकार से इस ओर ध्यान देने की मांग: प्रबल स्त्री फॉउंडेशन की अध्यक्ष रश्मि सोनकर ने सरकार से इस ओर ध्यान देकर सुविधा देने की मांग की है. उन्होंने कहा है कि "सुरक्षित प्रसव हर महिला के लिए महत्वपूर्ण है. ऐसे में सुविधाओं के अभाव में उन्हें उनके अधिकारों से वंचित किया जा रहा है. केंद्र और राज्य सरकार दोंनो के अस्पतालों में न तो गायनोलॉजिस्ट है और न ही रेडियोलाजिस्ट.

सील कर दी गई सोनोग्राफी मशीन: इस संबंध में सीएचएमओ डॉक्टर सुरेश तिवारी ने कहा कि "एक निजी अस्पताल के जांच के बाद वहां सोनोग्राफी मशीन सील कर दी गई है. जबकि एक अस्पताल संचालक ने स्वयं इसे बंद कर दिया है. जिसके बाद शहर में सोनोग्राफी सुविधा बंद हो गयी है."

एमसीबी में स्वास्थ्य व्यवस्था बदतर

एमसीबी: एमसीबी में स्वास्थ्य व्यवस्था बद से बदतर है. लोगों को सोनोग्राफी के लिए बाहर जाना पड़ रहा है. सरकारी अस्पताल में स्त्री रोग विशेषज्ञ की कमी है. इतना ही नहीं अस्पताल में डॉक्टरों के बैठने के लिए और मरीज के इलाज करने के लिए चेम्बर तक नहीं है. एक ही चेम्बर में तीन-तीन डॉक्टर मरीजों का इलाज कर रहे हैं.

स्वास्थ्य व्यवस्था बदहाल: मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर जिला मुख्यालय मनेंद्रगढ़ में चिकित्सा व्यवस्था बद से बदतर है. यहां न तो कोई स्त्री रोग विशेषज्ञ है और न ही कोई रेडियोलॉजिस्ट. यही कारण है कि यहां के लोगों को काफी तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. बात अगर मनेन्द्रगढ़ शहर की करें तो यहां केंद्र सरकार का केंद्रीय चिकित्सालय और राज्य सरकार का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र दो बड़ा अस्पताल है. हालांकि दोनों ही अस्पताल में स्थिति बेहद खराब है.

सोनोग्राफी के लिए लोगों को जाना पड़ रहा बाहर: मिनी रत्न कह जाने वाली कम्पनी एसईसीएल का केंद्रीय चिकित्सालय, जो मनेंद्रगढ़ के आमाखेरवा में है. कोयला मजदूर और उनके परिवार के लिए ये चिकित्सालय खोला गया था. हालांकि पिछले सात साल से सोनोग्राफी मशीन न होने के कारण सोनोग्राफी जैसी महत्वपूर्ण सुविधा बन्द पड़ी है. एक साल से अधिक समय से यहां स्त्री रोग विशेषज्ञ नहीं हैं.

मनेंद्रगढ़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भी कई साल से सोनोग्राफी नहीं हो पा रही है. दो साल से कोई गायनोलॉजिस्ट यहां नही है. जिसके कारण लोग निजी नर्सिंग होम में जाने को मजबूर हैं. लोगों की समस्या है कि सिर्फ स्त्री रोग के दो निजी डॉक्टरों को छोड़ दिया जाए तो पूरे क्षेत्र में कहीं भी सोनोग्राफी की सुविधा नहीं है. यही कारण है कि यहां के लोगों की सोनोग्राफी कराने के लिए बाहर जाना पड़ रहा है.

यह भी पढ़ें: Kawardha Ragging Case: कवर्धा रैगिंग मामले में बड़ी कार्रवाई, 8 छात्र हिरासत में

सरकार से इस ओर ध्यान देने की मांग: प्रबल स्त्री फॉउंडेशन की अध्यक्ष रश्मि सोनकर ने सरकार से इस ओर ध्यान देकर सुविधा देने की मांग की है. उन्होंने कहा है कि "सुरक्षित प्रसव हर महिला के लिए महत्वपूर्ण है. ऐसे में सुविधाओं के अभाव में उन्हें उनके अधिकारों से वंचित किया जा रहा है. केंद्र और राज्य सरकार दोंनो के अस्पतालों में न तो गायनोलॉजिस्ट है और न ही रेडियोलाजिस्ट.

सील कर दी गई सोनोग्राफी मशीन: इस संबंध में सीएचएमओ डॉक्टर सुरेश तिवारी ने कहा कि "एक निजी अस्पताल के जांच के बाद वहां सोनोग्राफी मशीन सील कर दी गई है. जबकि एक अस्पताल संचालक ने स्वयं इसे बंद कर दिया है. जिसके बाद शहर में सोनोग्राफी सुविधा बंद हो गयी है."

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