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बिजली का इंतजार करता शासकीय अस्पताल

कोरिया जिले के 100 बिस्तरों वाला सरकारी अस्पताल इन दिनों अंधेरे से लड़ाई लड़ रहा (plight of janakpur government hospital) है. इस अस्पताल में रात को लाइट नहीं रहती.जिससे मरीज परेशान रहते हैं.

Government hospital of Janakpur waiting for electricity
बिजली का इंतजार करता शासकीय अस्पताल
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Published : Aug 8, 2022, 3:37 PM IST

कोरिया : स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर दावे करने वाली छत्तीसगढ़ सरकार के अस्पतालों का आज क्या हालत है. यह किसी से छिपी नहीं है. योजनाओं के नाम पर शासन करोड़ों रुपए तो खर्च कर देती हैं.लेकिन उसका जमीनी स्तर पर कितना क्रियान्वयन हो पाता (plight of janakpur government hospital) हैं. इसे जनकपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में आसानी से देखा जा सकता है.बारिश के मौसम में अंधेरे के बीच लोगों को सांप बिच्छू और अन्य जीव जंतुओं का डर बना रहता है. लेकिन अस्पताल प्रबंधन को इस बात से कोई सरोकार नही है. जनकपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का जिसके चारों तरफ बरसात के मौसम में अंधेरा छाया रहता (no light in janakpur government hospital) है. लेकिन इस ओर अस्पताल प्रबंधन ध्यान ही नहीं दे रहा है. जनकपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों और उनके परिवारजनों का आना जाना लगा रहता है. रात के अंधेरे में जनकपुर का सौ बिस्तरों वाला अस्पताल लाइट के लिए तरसता रहता है.

मरीज होते हैं परेशान : इस मामले में हमारी बात जब अस्पताल में आए हुए मरीजों के परिजनों से हुई तो उन्होंने बताया कि रात में अस्पताल प्रांगण के किसी भी कोने में लाइट की व्यवस्था नहीं है. जिससे लोगों को सांप और बिच्छू के काटने का डर बना रहता(Government hospital of Janakpur waiting for electricity) है. सूत्र बताते हैं कि अस्पताल प्रबंधन के द्वारा व्यवस्था के नाम पर जीवनदीप समिति से लाखों रुपए खर्च कर दिए जाते हैं. लेकिन अस्पताल के चारों तरफ लाइट नहीं लगवाई गई है जो अस्पताल प्रबंधन की उदासीनता को दर्शाता (koriya news) है.

अनहोनी का इंतजार कर रहा अस्पताल : अस्पताल प्रबंधन अस्पताल कैंपस के अंदर जीव जंतु से किसी के काटने की अनहोनी का इंतजार कर रहा है. अस्पताल प्रबंधन के दावे पूरी तरह से खोखले हैं. क्योंकि लाखों रुपये खर्च करने के बावजूद भी अस्पताल प्रांगण के अंदर अंधेरा ही अंधेरा रहता है. जबकि प्रांगण के अंदर और अस्पताल के चारों तरफ लाइट लगाई जा सकती है. इस मामले में जिम्मेदार जनकपुर के जनप्रतिनिधियों को भी ध्यान देना होगा ताकि बारिश के मौसम में लोगों को परेशानी ना (janakpur news ) हो.

कोरिया : स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर दावे करने वाली छत्तीसगढ़ सरकार के अस्पतालों का आज क्या हालत है. यह किसी से छिपी नहीं है. योजनाओं के नाम पर शासन करोड़ों रुपए तो खर्च कर देती हैं.लेकिन उसका जमीनी स्तर पर कितना क्रियान्वयन हो पाता (plight of janakpur government hospital) हैं. इसे जनकपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में आसानी से देखा जा सकता है.बारिश के मौसम में अंधेरे के बीच लोगों को सांप बिच्छू और अन्य जीव जंतुओं का डर बना रहता है. लेकिन अस्पताल प्रबंधन को इस बात से कोई सरोकार नही है. जनकपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का जिसके चारों तरफ बरसात के मौसम में अंधेरा छाया रहता (no light in janakpur government hospital) है. लेकिन इस ओर अस्पताल प्रबंधन ध्यान ही नहीं दे रहा है. जनकपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों और उनके परिवारजनों का आना जाना लगा रहता है. रात के अंधेरे में जनकपुर का सौ बिस्तरों वाला अस्पताल लाइट के लिए तरसता रहता है.

मरीज होते हैं परेशान : इस मामले में हमारी बात जब अस्पताल में आए हुए मरीजों के परिजनों से हुई तो उन्होंने बताया कि रात में अस्पताल प्रांगण के किसी भी कोने में लाइट की व्यवस्था नहीं है. जिससे लोगों को सांप और बिच्छू के काटने का डर बना रहता(Government hospital of Janakpur waiting for electricity) है. सूत्र बताते हैं कि अस्पताल प्रबंधन के द्वारा व्यवस्था के नाम पर जीवनदीप समिति से लाखों रुपए खर्च कर दिए जाते हैं. लेकिन अस्पताल के चारों तरफ लाइट नहीं लगवाई गई है जो अस्पताल प्रबंधन की उदासीनता को दर्शाता (koriya news) है.

अनहोनी का इंतजार कर रहा अस्पताल : अस्पताल प्रबंधन अस्पताल कैंपस के अंदर जीव जंतु से किसी के काटने की अनहोनी का इंतजार कर रहा है. अस्पताल प्रबंधन के दावे पूरी तरह से खोखले हैं. क्योंकि लाखों रुपये खर्च करने के बावजूद भी अस्पताल प्रांगण के अंदर अंधेरा ही अंधेरा रहता है. जबकि प्रांगण के अंदर और अस्पताल के चारों तरफ लाइट लगाई जा सकती है. इस मामले में जिम्मेदार जनकपुर के जनप्रतिनिधियों को भी ध्यान देना होगा ताकि बारिश के मौसम में लोगों को परेशानी ना (janakpur news ) हो.

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