कोरिया: छत्तीसगढ़ में किसान परेशान हैं. धान खरीदी में बहुत मुसीबतें आ रही हैं. भरतपुर तहसील के जनकपुर धान खरीदी केंद्र में किसानों को 20 क्विंटल से अधिक का टोकन नहीं मिल रहा है. जिन किसानों 40 से 50 क्विंटल या उससे अधिक का टोकन कटवाना है, वे परेशान हैं.
टोकन कटवाने के लिए किसान समिति का चक्कट काटने के लिए मजबूर हैं. सरकार जनवरी अंत तक धान खरीदने वाली है. जनकपुर धान खरीदी केंद्र का हालत देखकर अब किसानों को चिंता सता रही है कि उनका धान बिकेगा या नहीं. किसानों का कहना है कि अगर आने वाले दिनों में टोकन नहीं मिला तो वे धरना-प्रदर्शन करेंगे.
पढ़ें- कोरिया: धान खरीदी केंद्रों में किसान कर रहे मजदूरी का काम
एसडीएम से मिले किसान
अपनी समस्याएं लेकर किसानों का एक दल भरतपुर एसडीएम के पास पहुंचा. अधिकारी से उन्हें जल्द समाधान का आश्वासन मिला है.
धान रखने की जगह नहीं
किसानों का टोकन न कटने का प्रमुख कारण धान का उठाव न होना है. जनकपुर धान खरीदी केंद्र में धान रखने की जगह ही नहीं बची है. इस केंद्र में 35 सौ क्विंटल धान भंडारण की क्षमता है लेकिन अब तक 10 हजार क्विंटल की धान खरीदी हो चुकी है.
पढ़ें: सियासी दंगल में उलझा किसान, कैसे बिकेगा और कैसे उठेगा धान ?
वादे के मुताबिक खरीदेंगे धान: कृषि मंत्री
कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने सोमवार को साजा में कहा कि धान खरीदी जारी रहेगी और हर हाल में वादे के मुताबिक धान लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री से प्रदेश के मुख्यमंत्री बातचीत कर रहे हैं. केंद्र ने 60 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने का आश्वासन दिया है, परंतु अभी तक धान का उठाव नहीं किया गया है. कस्टम मिलिंग नहीं हो पा रही है. इसलिए परिवहन की समस्या है. उनकी सरकार किसानों का धान पुराना बारदाना में लेंगे, उनका पूरा सहयोग करेंगे.
छत्तीसगढ़ में किसान बारदाने के कमी, धान के जमाव, परिवहन न होने से बेहद परेशान हैं. किसानों के साथ-साथ सरकार के माथे पर भी चिंता की लकीरें खिंच गई हैं. प्रदेश सरकार और भाजपा आमने-सामने हैं दोनों एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप में व्यस्त हैं.