कोरिया: जनकपुर भरतपुर विकासखंड के ग्राम पंचायत मारी सरई के धान खरीदी केंद्र में समर्थन मूल्य पर किसानों को 19 फरवरी को खरीदे गए धान की राशि आज तक नहीं मिल पाई है. इसकी सूचना किसानों की ओर से विधायक गुलाब कमरो और एसडीएम को दी है, अब तक इन किसानों को अपने धान बिक्री की राशि नहीं मिल पाई है. अब मानसून आने को है, ऐसे में किसानों को अगली फसल लेने में रुपयों की कमी की वजह से दिक्कत आ रही है.
किसानों का कहना है कि, किसान कर्ज में डूबे हुए हैं. इनके ओर से बेचे गए धान की रकम अभी तक नहीं मिल पाई है. आखिर इसका जिम्मेदार कौन है, शासन-प्रशासन, जिम्मेदार अधिकारी की लापरवाही के कारण ये किसान कर्ज में डूब चुके हैं और इसी कारण ये बीज और खाद भी नहीं खरीद पा रहे हैं. किसानों का कहना है कि, एक तो हमारा धान भी ले लिया गया, ऊपर से हमें रुपये भी नहीं दिए जा रहे हैं, जिसके कारण हमें आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है. किसानों का यह भी कहना है कि अगर जल्द से जल्द इन्हें इनके धान का बकाया रुपया नहीं मिला तो, ये एकजुट होकर कठोर कदम उठाएंगे और इसकी शिकायत ऊपर तक करेंगे.
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लगभग 11 ऐसे किसान हैं जिन्होंने एकजुट होकर विधायक और एसडीएम से शिकायत की है.
शिकायत करने वाले किसानों के नाम
- भद्दू
- भूपत सिंह
- केशव प्रसाद
- प्रदीप सिंह
- मोती लाल
- धनतू
- शांति
- ओम प्रकाश
- देवीदीन
- बहादुर
- धनपत.
अब देखना यह है कि इन किसानों को इनके धान बिक्री की रकम जल्दी मिलेगी, या इसी तरह इन्हें अपने पैसे के लिए इंतजार करना पड़ेगा.
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राज्य सरकार ने किया था वादा
बता दें कि छत्तीसगढ़ में विधानसभा के चुनाव में कांग्रेस सरकार ने अपने घोषणापत्र में धान बेच रहे किसानों से 2500 रुपए क्विंटल धान खरीदी का वादा किया था. जिसके बाद नंवबर 2019 से फरवरी 2020 तक किसानों से उनका धान खरीदा गया था. वहीं किसानों से वादा भी किया गया था कि जल्द उनकी राशि बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर दी जाएगी, लेकिन अभी भी कुछ किसान ऐसे हैं जिनकी राशि अभी तक उन्हें ट्रांसफर नहीं की गई है. जिससे अब किसानों के सामने एक बड़ी सम्सया आ गई है.