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कोरिया: कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर राम मंदिर में लगा श्रद्धालुओं का तांता

कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर राम मंदिर परिसर में 3 दिन के मेले का शुभारंभ किया गया.

3 दिन के मेले का शुभारंभ
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Published : Nov 12, 2019, 7:11 PM IST

कोरिया: कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर राम मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जमा होने लगी है. इसके अलावा संकट मोचन धाम सिरौली में भी कार्तिक पूर्णिमा पर आयोजित होने वाले 3 दिन के मेले का शुभारंभ हुआ.

जानिए कार्तिक पूर्णिमा का महत्व
सनातन परंपरा में कार्तिक पूर्णिमा व्रत महत्वपूर्ण स्थान रखता है. कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरी पूर्णिमा और गंगा स्नान के नाम से भी जाना जाता है. इस पूर्णिमा को त्रिपुरी पूर्णिमा की संज्ञा इसलिए दी गई है क्योंकि इस दिन ही भगवान भोलेनाथ ने त्रिपुरासुर नामक महाभयानक असुर का अंत किया था और वे त्रिपुरारी के रूप में पूजित हुए थे.

मान्यता है कि इस दिन कृतिका में शिव शंकर के दर्शन करने से सात जन्म तक व्यक्ति ज्ञानी और धनवान होता है. इस दिन चन्द्र जब आकाश मे आ रहा है उस समय शिवा, संभूति, संतति, प्रीति, अनुसूया और क्षमा इन छ: कृतिकाओं का पूजन करने से शिव जी प्रसन्न होते हैं. इस दिन गंगा नदी में स्नान करने से भी पूरे वर्ष स्नान करने का फल मिलता है.

कोरिया: कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर राम मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जमा होने लगी है. इसके अलावा संकट मोचन धाम सिरौली में भी कार्तिक पूर्णिमा पर आयोजित होने वाले 3 दिन के मेले का शुभारंभ हुआ.

जानिए कार्तिक पूर्णिमा का महत्व
सनातन परंपरा में कार्तिक पूर्णिमा व्रत महत्वपूर्ण स्थान रखता है. कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरी पूर्णिमा और गंगा स्नान के नाम से भी जाना जाता है. इस पूर्णिमा को त्रिपुरी पूर्णिमा की संज्ञा इसलिए दी गई है क्योंकि इस दिन ही भगवान भोलेनाथ ने त्रिपुरासुर नामक महाभयानक असुर का अंत किया था और वे त्रिपुरारी के रूप में पूजित हुए थे.

मान्यता है कि इस दिन कृतिका में शिव शंकर के दर्शन करने से सात जन्म तक व्यक्ति ज्ञानी और धनवान होता है. इस दिन चन्द्र जब आकाश मे आ रहा है उस समय शिवा, संभूति, संतति, प्रीति, अनुसूया और क्षमा इन छ: कृतिकाओं का पूजन करने से शिव जी प्रसन्न होते हैं. इस दिन गंगा नदी में स्नान करने से भी पूरे वर्ष स्नान करने का फल मिलता है.

Intro:मनेन्द्रगढ़।कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर शहर के श्री राम मंदिर में माह भर से चले आरहे पर्व का समापन हुआ।सुबह से ही मन्दिर परिसर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जमा होने लगी।इसके अलावा संकट मोचन धाम सिरौली में भी कार्तिक मेला पर आयोजित होने वाले 3 दिवसीय मेले का शुभारंभ हुआ।
Body:सनातन परम्परा में कार्तिक पूर्णिमा व्रत महत्वपूर्ण स्थान रखता है। प्रत्येक वर्ष 12 पूर्णिमाएं होती हैं। जब अधिकमास या मलमास आता है तब इनकी संख्या बढ़कर १3 हो जाती है। कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरी पूर्णिमा या गंगा स्नान के नाम से भी जाना जाता है। इस पुर्णिमा को त्रिपुरी पूर्णिमा की संज्ञा इसलिए दी गई है क्योंकि आज के दिन ही भगवान भोलेनाथ ने त्रिपुरासुर नामक महाभयानक असुर का अंत किया था और वे त्रिपुरारी के रूप में पूजित हुए थे। ऐसी मान्यता है कि इस दिन कृतिका में शिव शंकर के दर्शन करने से सात जन्म तक व्यक्ति ज्ञानी और धनवान होता है। इस दिन चन्द्र जब आकाश में उदित हो रहा हो उस समय शिवा, संभूति, संतति, प्रीति, अनुसूया और क्षमा इन छ: कृतिकाओं का पूजन करने से शिव जी की प्रसन्नता प्राप्त होती है। इस दिन गंगा नदी में स्नान करने से भी पूरे वर्ष स्नान करने का फल मिलता है।
Conclusion:परम्परागत ढंग से कार्तिक पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं ने आज मंदिरों में पहुंच कर पूजा अर्चना की।इस मौके पर सुबह से ही सिरौली हनुमान मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगने लगा।यहां तीन दिनों तक मेला आयोजित किया जाएगा।
बाइट - राजीव लोचन (महंत, सिरौली मंदिर)
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