कोरिया: मनेन्द्रगढ़ से करीब 5 किलोमीटर दूर पारसगढ़ी ग्राम पंचायत के भर्रीडांड से प्रसूता को 102 एंबुलेंस में लाते वक्त रास्ते में ही उसकी डिलीवरी हो गई. रास्ते में एंबुलेंस के कर्मचारियों ने जब देखा कि महिला को ज्यादा दर्द हो रहा है, तो उन्होंने गाड़ी में ही डिलीवरी कराने का निर्णय लिया. डिलवरी के बाद अभी मां और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं.
102 को भर्रीडांड की रहने वाली कौशल्या को प्रसव पीड़ा होने की सूचना मिली. सूचना पर तत्काल रिस्पॉन्स लेते हुए 102 एबुलेंस मौके पर पहुंच गई. मुख्य सड़क से भर्रीडांड आधे किलोमीटर दूर है, जिसकी सड़क भी खराब है. कौशल्या के पति के मुताबिक आधा किलोमीटर उसकी पत्नी को चारपाई में सुलाकर लाया गया. उसके बाद 102 एंबुलेंस में डालकर कर्मचारी उसे मनेन्द्रगढ़ अस्पताल ला ही रहे थे कि अचानक प्रसूता को तेज लेबर पेन शुरू हो गया. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए एंबुलेंस रोककर ही इएमटी रविप्रकाश यादव, पायलट लखनलाल यादव और मितानिन ने महिला की जांच की.
मितानिन ने बताया कि, 'लेबर पेन शुरू होने के बाद ही शिशु का सिर बाहर आ चुका था. ऐसे में हम और ज्यादा इंतजार नहीं कर सकते थे.' इसके बाद एंबुलेंस के टेक्नीकल कर्मचारियों ने महिला की डिलीवरी गाड़ी में ही कराने का निर्णय लिया. आपको बता दें 102 वाहन में प्रसव कराने की सारी सुविधा रहती है, लिहाजा उन्हें प्रसव कराने में परेशानियों का सामना करना नहीं पड़ा. प्रसव कराने के बाद मां और बच्चे दोनों को मनेन्द्रगढ़ अस्पताल में भर्ती कराया गया है.