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कोरिया: 108 एंबुलेंस में कराई गई डिलीवरी, मां और नवजात स्वस्थ

ग्राम पंचायत के भर्रीडांड से प्रसूता को 102 एंबुलेंस में लाते वक्त रास्ते में ही उसकी डिलीवरी हो गई. जिसके बाद मां और बच्चा दोनों स्वस्थ है.

delievery of baby is done in 108 ambulance in koriya
108 एंबुलेंस में कराई गई डिलीवरी
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Published : Feb 5, 2020, 3:58 PM IST

Updated : Feb 5, 2020, 4:47 PM IST

कोरिया: मनेन्द्रगढ़ से करीब 5 किलोमीटर दूर पारसगढ़ी ग्राम पंचायत के भर्रीडांड से प्रसूता को 102 एंबुलेंस में लाते वक्त रास्ते में ही उसकी डिलीवरी हो गई. रास्ते में एंबुलेंस के कर्मचारियों ने जब देखा कि महिला को ज्यादा दर्द हो रहा है, तो उन्होंने गाड़ी में ही डिलीवरी कराने का निर्णय लिया. डिलवरी के बाद अभी मां और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं.

108 एंबुलेंस में कराई गई डिलीवरी

102 को भर्रीडांड की रहने वाली कौशल्या को प्रसव पीड़ा होने की सूचना मिली. सूचना पर तत्काल रिस्पॉन्स लेते हुए 102 एबुलेंस मौके पर पहुंच गई. मुख्य सड़क से भर्रीडांड आधे किलोमीटर दूर है, जिसकी सड़क भी खराब है. कौशल्या के पति के मुताबिक आधा किलोमीटर उसकी पत्नी को चारपाई में सुलाकर लाया गया. उसके बाद 102 एंबुलेंस में डालकर कर्मचारी उसे मनेन्द्रगढ़ अस्पताल ला ही रहे थे कि अचानक प्रसूता को तेज लेबर पेन शुरू हो गया. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए एंबुलेंस रोककर ही इएमटी रविप्रकाश यादव, पायलट लखनलाल यादव और मितानिन ने महिला की जांच की.

मितानिन ने बताया कि, 'लेबर पेन शुरू होने के बाद ही शिशु का सिर बाहर आ चुका था. ऐसे में हम और ज्यादा इंतजार नहीं कर सकते थे.' इसके बाद एंबुलेंस के टेक्नीकल कर्मचारियों ने महिला की डिलीवरी गाड़ी में ही कराने का निर्णय लिया. आपको बता दें 102 वाहन में प्रसव कराने की सारी सुविधा रहती है, लिहाजा उन्हें प्रसव कराने में परेशानियों का सामना करना नहीं पड़ा. प्रसव कराने के बाद मां और बच्चे दोनों को मनेन्द्रगढ़ अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

कोरिया: मनेन्द्रगढ़ से करीब 5 किलोमीटर दूर पारसगढ़ी ग्राम पंचायत के भर्रीडांड से प्रसूता को 102 एंबुलेंस में लाते वक्त रास्ते में ही उसकी डिलीवरी हो गई. रास्ते में एंबुलेंस के कर्मचारियों ने जब देखा कि महिला को ज्यादा दर्द हो रहा है, तो उन्होंने गाड़ी में ही डिलीवरी कराने का निर्णय लिया. डिलवरी के बाद अभी मां और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं.

108 एंबुलेंस में कराई गई डिलीवरी

102 को भर्रीडांड की रहने वाली कौशल्या को प्रसव पीड़ा होने की सूचना मिली. सूचना पर तत्काल रिस्पॉन्स लेते हुए 102 एबुलेंस मौके पर पहुंच गई. मुख्य सड़क से भर्रीडांड आधे किलोमीटर दूर है, जिसकी सड़क भी खराब है. कौशल्या के पति के मुताबिक आधा किलोमीटर उसकी पत्नी को चारपाई में सुलाकर लाया गया. उसके बाद 102 एंबुलेंस में डालकर कर्मचारी उसे मनेन्द्रगढ़ अस्पताल ला ही रहे थे कि अचानक प्रसूता को तेज लेबर पेन शुरू हो गया. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए एंबुलेंस रोककर ही इएमटी रविप्रकाश यादव, पायलट लखनलाल यादव और मितानिन ने महिला की जांच की.

मितानिन ने बताया कि, 'लेबर पेन शुरू होने के बाद ही शिशु का सिर बाहर आ चुका था. ऐसे में हम और ज्यादा इंतजार नहीं कर सकते थे.' इसके बाद एंबुलेंस के टेक्नीकल कर्मचारियों ने महिला की डिलीवरी गाड़ी में ही कराने का निर्णय लिया. आपको बता दें 102 वाहन में प्रसव कराने की सारी सुविधा रहती है, लिहाजा उन्हें प्रसव कराने में परेशानियों का सामना करना नहीं पड़ा. प्रसव कराने के बाद मां और बच्चे दोनों को मनेन्द्रगढ़ अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

Intro:एंकर- बुधवार की सुबह मनेन्द्रगढ़ से करीब 5 किलोमीटर दूर पारसगढ़ी ग्राम पंचायत के भर्रीडाँड़ से प्रसूता को 102 एंबुलेंस में लाते वक्त रास्ते में दर्द बढ़ा तो एंबुलेंस में ही कराई डिलीवरी ईएमटी , आंगनबाड़ी और चालक ने मिलकर कराई डिलेवरी ।

Body:वी.ओ.- बुधवार की सुबह यहां से करीब 5 किलोमीटर दूर पारसगढ़ी ग्राम पंचायत के भर्रीडाँड़ से प्रसूता को 102 एंबुलेंस में लाते वक्त रास्ते में ही उसका दर्द ज्यादा बढ़ गया। एंबुलेंस के कर्मचारियों ने जब देखा कि प्रसुता को समय पर अस्पताल पहुंचना संभव नहीं है, तो उन्होंने वाहन में ही डिलीवरी कराने का निर्णय लिया। वर्तमान में जच्चा और बच्चा दोनों की हालत खतरे से बाहर है और दोनों स्वस्थ हैं। 102 को सूचना मिली कि भर्रीडाँड़ निवासी कौशल्या को प्रसव पीड़ा हो रही है। सूचना पर तत्काल रिस्पांस करते हुए 102 एबुलेंस मौके पर पहुंच गई। भर्रीडाँड़ मुख्य सड़क से आधा किलोमीटर दूर है जोकि पथरीला रास्ता है । कौशल्या के पति से बताया कि आधा किलोमीटर उसे चारपाई में लेकर आये उसके बाद 102 एंबुलेंस में डालकर कर्मचारी उसे मनेन्द्रगढ़ अस्पताल ला ही रहे थे, कि अचानक प्रसुता को तेज लेबर पेन शुरू हो गया। इस पर वाहन रुकवाकर वाहन में पदस्थ इएमटी रविप्रकाश यादव , पायलट लखनलाल यादव और मितानिन ने महिला की जांच की। मितानिन ने बताया कि लेबर पेन शुरू होने के बाद ही शिशु का सिर बाहर आ चुका था। ऐसे में हम और अधिक इंतजार नहीं कर सकते थे। लिहाजा उन्होंने वाहन में ही प्रसव कराने का निर्णय लिया। इसके बाद एंबुलेंस के टेक्नीकल कर्मचारियों ने महिला की डिलवरी वाहन में ही कराने का निर्णय लिया। आपको बता दे 102 वाहन में प्रसव कराने की सारी सुविधा रहती है, लिहाजा उन्हें प्रसव कराने में परेशानियों का सामना करना नहीं पड़ा। प्रसव कराने के बाद जच्चा और बच्चा दोनों को मनेन्द्रगढ़ अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सही समय में वाहन वहां पहुंच गया। इससे गर्भवती महिला और नवजात शिशु की जान बच गई। Conclusion:जिले में 108 और 102 की टीम बेहतरीन काम कर रही है । खासकर ग्रामीण क्षेत्रो में यह वरदान साबित हो रही है ।
बाइट - शिव कुमार (प्रसूता का पति)
बाइट - बुदिन बाई(मितानिन)
Last Updated : Feb 5, 2020, 4:47 PM IST
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