कोरिया: जनकपुर में बारिश के मौसम की शुरुआत के साथ ही प्रशासन हरकत में आ गया है. इलाके में डीडीटी का छिड़काव किया जा रहा है. बारिश में मलेरिया और गंभीर बीमारियों से बचाव को लेकर डीडीटी के साथ दूसरी दवाओं का भी छिड़काव किया जा रहा है. देश में मलेरिया नियंत्रण कार्यक्रम की शुरुआत 1953 से हुई थी. जिसके बाद से पूरे देश में मलेरिया रोधी कार्यक्रम के तहत डीडीटी का छिड़काव किया जाता रहा है. डीडीटी का छिड़काव दो चक्र में किया जाता है जो कि मलेरिया की रोकथाम में काफी हद तक सहायक होती है.
राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम राज्य में मलेरिया एवं अन्य वेक्टर जनित रोगों की रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु राष्ट्रीय वेक्टर जनित नियंत्रण कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है. देश में साल 2015 में 1979 गांवों के 777 उप केन्द्रों में डीडीटी का छिड़काव किया गया था.
राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत मलेरिया के प्रचार प्रसार को रोकने के लिए डीडीटी छिड़काव किया जा रहा है. मच्छरों से होने वाली बीमारियों से बचाव और रोकथाम के उपायों की जानकारी भी दी जा रही है. इस मौसम में लोगों को अपने घरों के आसपास गंदा पानी जमा नहीं देना चाहिए. साथ ही आसपास साफ-सफाई रखनी चाहिए. स्वास्थ्य विभाग ने बारिश के मौसम की शुरुआत में ही जनकपुर के विभिन्न इलाकों में डीडीटी का छिड़काव शुरू किया गया है.
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इन विकासखंड में हुआ छिड़काव
इस विषय में विकासखंड मलेरिया पर्यवेक्षक राय सिंह श्याम ने बताया कि साल 2018 -2019 में भरतपुर ब्लॉक में 189 मलेरिया केस रिकॉर्ड किए गए था. जिसको देखते हुए रायपुर स्वास्थ्य मंत्रालय ने भरतपुर ब्लॉक में 3 सब सेंटर चिन्हांकित किए हैं.
- जनकपुर
- भगवानपुर
- गोधरा
जिसमे समस्त ग्राम के सभी घरों में शत प्रतिशत छिड़काव किया जा रहा है.