कोरिया: वैसे तो इंसानों को मरने के बाद ही मुक्तिधाम ले जाया जाता है, लेकिन कोरिया जिले के मनेंद्रगढ़ में कलयुगी बच्चों ने अपनी मां को जीते जी श्मशान पहुंचा दिया है. जहां 5 महीने से महिला मौत का इंतजार कर रही है. इन 5 महीनों में किसी ने महिला की सुध लेने जहमत तक नहीं उठाई.
5 महीने से महिला एक खाट पर तिल-तिल मरने को मजबूर है. कोई महिला की फरियाद नहीं सुन रहा है. मनेन्द्रगढ़ जनपद पंचायत के शांति नगर में रहने वाली बेबी सारथी की दास्तान सुनकर आपकी रूह तक कांप जाएगी. बेबी सारथी के पति जीतू सारथी की 8 महीना पहले मौत हो गई है. पति की मौत के बाद परिवार के लोगों ने बेबी सारथी पर ध्यान नहीं दिया. इस दौरान वह गंभीर बीमारी से पीड़ित हो गई. इसके बाद उसके बच्चों और उसकी सास ने उसे घर से निकल दिया.
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5 महीने से एक ही खाट पर पड़ी है महिला
घर से निकालने के बाद महिला को मुक्तिधाम परिसर में छोड़ आया. जहां बने शेड के नीचे बेबी सारथी बीते 5 महीने से एक ही खाट पर पड़ी है. उसके बिस्तर के नीचे गंदगी का अंबार लगा हुआ है. बेबी सारथी उसी खाट पर खाना खाती है और उसी पर सोई रहती है. लेटे-लेटे उसके पूरे शरीर में घाव भी हो गया है. आसपास गुजरने वाले लोग किसी तरह से नाक दबाकर वहां से गुजर जाते हैं. ऐसे में समझा जा सकता है कि वह महिला किस तरह वहां पर पड़ी होगी. अब बीजेपी के महामंत्री रामचरित द्विवेदी के साथ स्थानीय प्रशासन और प्रतिनिधियों ने बेबी सारथी की इलाज कराने की बात कही है.
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