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कोरिया में एक साल से बच्चों को नहीं मिल रहा रेडी टू ईट फूड, बढ़ा कुपोषण का खतरा

कोरिया में कोरोना संक्रमण (Corona infection in Korea) रोज नए-नए रिकॉर्ड तोड़ रहा है. वहीं कोरिया के भरतपुर ब्लॉक के मलकडोल में बच्चों को पिछले एक साल रेडी-टू-ईट आहार नहीं बांटा जा रहा है. इससे बच्चों पर कुपोषण का खतरा बढ़ गया है.

Children are not getting ready to eat in Koriya
कोरिया में बच्चों को नहीं मिल रहा रेडी टू ईट
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Published : Apr 28, 2021, 8:15 PM IST

कोरोना: जिले के भरतपुर ब्लॉक के मलकडोल में रेडी-टू-ईट आहार योजना का हाल-बेहाल है. छोटे-छोटे बच्चों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ किया जा रहा है. कोरोना संक्रमण के कारण पिछले एक साल से आंगनबाड़ी केंद्र बंद हैं. ऐसे में सरकार ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को घर-घर जाकर रेडी-टू-ईट फूड बांटने का आदेश दिया है. इसके बावजूद मलकडोल में पिछले एक साल से बच्चों को रेडी-टू-ईट फूड नहीं मिल रहा है. इससे बच्चों में कुपोषण का खतरा बढ़ गया है.

कोरिया में कुपोषण का खतरा बढ़ा

इन बच्चों को मिलता है रेडी-टू-ईट भोजन

आंगनबाड़ी केंद्रों में 3 से 6 वर्ष तक के बच्चों को रेडी-टू-ईट फूड दिया जाता है. वहीं गर्भवती माताओं को टेक होम राशन और पूरक पोषण आहार वितरित की जाती है. कोरोना संक्रमण के कारण पिछले एक साल से आंगनबाड़ी केंद्र बंद हैं. सरकार ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को घर-घर जाकर रेडी-टू-ईट फूड बांटने के आदेश जारी किए हैं.

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कागजों में की जाती है खानापूर्ति

महिला एवं बाल विकास विभाग कि ओर से इन आंगनबाड़ी केंद्रों की समय-समय पर समीक्षा की जाती है. लेकिन मलकडोल में पिछले एक साल से रेडी-टू-ईट फूड नहीं बांटा जा रहा है. ऐसे में जिम्मेदार कागजों पर ही बच्चों और गर्भवती महिलाओं को रेडी-टू-ईट फूड बांटने की खानापूर्ति कर रहे हैं.

कोरोना: जिले के भरतपुर ब्लॉक के मलकडोल में रेडी-टू-ईट आहार योजना का हाल-बेहाल है. छोटे-छोटे बच्चों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ किया जा रहा है. कोरोना संक्रमण के कारण पिछले एक साल से आंगनबाड़ी केंद्र बंद हैं. ऐसे में सरकार ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को घर-घर जाकर रेडी-टू-ईट फूड बांटने का आदेश दिया है. इसके बावजूद मलकडोल में पिछले एक साल से बच्चों को रेडी-टू-ईट फूड नहीं मिल रहा है. इससे बच्चों में कुपोषण का खतरा बढ़ गया है.

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इन बच्चों को मिलता है रेडी-टू-ईट भोजन

आंगनबाड़ी केंद्रों में 3 से 6 वर्ष तक के बच्चों को रेडी-टू-ईट फूड दिया जाता है. वहीं गर्भवती माताओं को टेक होम राशन और पूरक पोषण आहार वितरित की जाती है. कोरोना संक्रमण के कारण पिछले एक साल से आंगनबाड़ी केंद्र बंद हैं. सरकार ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को घर-घर जाकर रेडी-टू-ईट फूड बांटने के आदेश जारी किए हैं.

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कागजों में की जाती है खानापूर्ति

महिला एवं बाल विकास विभाग कि ओर से इन आंगनबाड़ी केंद्रों की समय-समय पर समीक्षा की जाती है. लेकिन मलकडोल में पिछले एक साल से रेडी-टू-ईट फूड नहीं बांटा जा रहा है. ऐसे में जिम्मेदार कागजों पर ही बच्चों और गर्भवती महिलाओं को रेडी-टू-ईट फूड बांटने की खानापूर्ति कर रहे हैं.

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