कोरिया: भरतपुर की माडीसरई ग्राम पंचायत के मेहदौली में राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र बैगा जाति के परिवार को राशन नहीं मिल रहा है. छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी खाद्य योजना में हर गरीब परिवार को राशन मिलने के दावे किए जाते हैं, लेकिन महदौली से कई बैगा समुदाय के परिवार ऐसे हैं, जो योजना से वंचित हैं. ऐसे में जिन गरीब बैगा परिवारों को राशन नहीं मिल रहा है, उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
बैगा समुदाय के परिवारों ने बताया कि पूर्व में पांच साल पहले उन लोगों का राशन कार्ड बनवाया था. इस राशन कार्ड से राशन मिल भी रहा था. लेेकिन पिछले पांच सालों से गरीब परिवारों का राशन कार्ड वापस ले लिया गया. जिसके बाद से उन्हें राशन नहीं दिया जा रहा है. उनका कहना है कि वे सरकारी कार्यालयों के चक्कर काट-काट कर थक चुके हैं. लेकिन उनकी शिकायतों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है.
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कलेक्टर ने दिलाया था राशन
एक बैगा परिवार ने बताया कि हम लोगों ने इसकी शिकायत कलेक्टर महोदय से भी की थी जिसके बाद हमें एक माह का खाद्य सामग्री हमें दिया गया. उसके बाद फिर हमें राशन मिलना बंद हो गया. बता दें छत्तीसगढ़ की बैगा जनजाति को राज्य में सरकार का संरक्षण है. इनके लिए कई विशेष योजनाएं चलाई जाती हैं, जिससे जनजाति को संरक्षित रखा जा सके. ऐसे में प्रशासन की लापरवाही के कारण बैगा परिवारों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
राशन कार्ड का महत्व
राशन कार्ड भारत सरकार का एक मान्यता प्राप्त सरकारी डॉक्यूमेंट है. राशन कार्ड की सहायता से लोग सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के तहत उचित दर की दुकानों से खाद्यान्न बाजार मूल्य से बेहद कम दाम पर खरीद सकते हैं. राशन कार्ड बनाना राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है. राशन कार्ड बनाने के लिए आईडी प्रूफ के तौर पर आधार कार्ड, सरकारी बैंक में खाता, वोटर आई कार्ड, पासपोर्ट, सरकार के द्वारा जारी किया गया कोई अन्य आई कार्ड, हेल्थ कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस में कोई एक हो तो आप राशन कार्ड बना सकते हैं. जिससे सरकार की योजना का लाभ भी मिलता है.