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साल के आखिरी दिन भगवान 'विष्णु' के साथ घूमे 'यमराज' - मनेंद्रगढ़ में बहुरूपिया प्रतियोगिता

साल के अंतिम दिन मनेंद्रगढ़ में बहुरूपिया प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. जिसे देखने ग्रामीण इलाकों से कुल 50 हजार लोग वहां पहुंचे.

bahurupiya competition organized in Koria
अनूठे तरीके की गई साल की बिदाई
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Published : Jan 1, 2020, 10:23 AM IST

Updated : Jan 1, 2020, 3:10 PM IST

कोरिया: जिले के मनेंद्रगढ़ में साल के आखिरी दिन बहुरूपिया प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. इस प्रतियोगिता में 50 से अधिक कलाकारों ने अलग-अलग रूप बनाकर शहर के प्रमुख चौक-चौराहों में प्रदर्शन किया. बहरूपियों को देखने के 50 हजार से ज्यादा लोगों के मौजूद थे. वहीं सुरक्षा व्यवस्था के लिए यहां पुलिस की टीम भी शहर के चौक-चौराहों पर मौजूद रही.

मनेंद्रगढ़ में बहुरूपिया प्रतियोगिता का आयोजन

साल के अंतिम दिन दोपहर 12:00 बजे से शुरू हुई इस प्रतियोगिता में कलाकारों ने पूरे शहर में घूम घूमकर लोगों का भरपूर मनोरंजन किया.

कैसे होती है प्रतियोगिता

प्रगति मंच की ओर से मनेंद्रगढ़ में स्वस्थ समाज निर्माण के लिए बीते 28 साल से वर्ष के अंतिम दिन बहुरूपिया प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है. इस प्रतियोगिता में कई कलाकार अलग-अलग वेशभूषा बनाकर अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं. उनके प्रदर्शन के आधार पर अंक दिए जाते हैं. जिसके बाद विजेता और उपविजेता प्रतिभागियों को सम्मानित किया जाता है. सामान के रूप में इन कलाकारों को मनेन्द्रगढ़ के आसपास व्यापारियों की तरफ से दी जाने वाली सामग्री होती है. जो वह अपनी दुकान से देते हैं. सभी प्रतिभागियों को उपहार स्वरूप कुछ न कुछ दिया जाता है.

पढ़ें- जानें, किस रिसर्च के लिए पूर्व इसरो डायरेक्टर ने किया अंबिकापुर के युवा वैज्ञानिक को सम्मानित

इस आयोजन की खास बात यह रहती है कि इसका आयोजन किसी मैदान और स्टेज पर नहीं होता, बल्कि प्रतियोगी को शहर के प्रमुख चौक चौराहों में घूम-घूमकर अपनी कला का प्रदर्शन करना होता है. जिसके बाद प्रदर्शन के आधार पर उन्हें सम्मानित किया जाता है.

कोरिया: जिले के मनेंद्रगढ़ में साल के आखिरी दिन बहुरूपिया प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. इस प्रतियोगिता में 50 से अधिक कलाकारों ने अलग-अलग रूप बनाकर शहर के प्रमुख चौक-चौराहों में प्रदर्शन किया. बहरूपियों को देखने के 50 हजार से ज्यादा लोगों के मौजूद थे. वहीं सुरक्षा व्यवस्था के लिए यहां पुलिस की टीम भी शहर के चौक-चौराहों पर मौजूद रही.

मनेंद्रगढ़ में बहुरूपिया प्रतियोगिता का आयोजन

साल के अंतिम दिन दोपहर 12:00 बजे से शुरू हुई इस प्रतियोगिता में कलाकारों ने पूरे शहर में घूम घूमकर लोगों का भरपूर मनोरंजन किया.

कैसे होती है प्रतियोगिता

प्रगति मंच की ओर से मनेंद्रगढ़ में स्वस्थ समाज निर्माण के लिए बीते 28 साल से वर्ष के अंतिम दिन बहुरूपिया प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है. इस प्रतियोगिता में कई कलाकार अलग-अलग वेशभूषा बनाकर अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं. उनके प्रदर्शन के आधार पर अंक दिए जाते हैं. जिसके बाद विजेता और उपविजेता प्रतिभागियों को सम्मानित किया जाता है. सामान के रूप में इन कलाकारों को मनेन्द्रगढ़ के आसपास व्यापारियों की तरफ से दी जाने वाली सामग्री होती है. जो वह अपनी दुकान से देते हैं. सभी प्रतिभागियों को उपहार स्वरूप कुछ न कुछ दिया जाता है.

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इस आयोजन की खास बात यह रहती है कि इसका आयोजन किसी मैदान और स्टेज पर नहीं होता, बल्कि प्रतियोगी को शहर के प्रमुख चौक चौराहों में घूम-घूमकर अपनी कला का प्रदर्शन करना होता है. जिसके बाद प्रदर्शन के आधार पर उन्हें सम्मानित किया जाता है.

Intro: एंकर - कोरिया जिले के मनेंद्रगढ़ में वर्ष के अंतिम दिन बहुरूपिया प्रतियोगिता का आयोजन किया गया इस प्रतियोगिता में 50 से अधिक कलाकारों ने अलग-अलग रूप रखकर शहर के प्रमुख चौक चौराहों में अपना प्रदर्शन किया


Body: कलाकारों का प्रदर्शन देखने 50,000 से अधिक लोग शहर के चौक चौराहों में जमा रहे । दोपहर 12:00 बजे से शुरू हुई इस प्रतियोगिता में कलाकारों ने पूरे शहर में घूम कर लोगों का भरपूर मनोरंजन किया आपको बता दें कि प्रगति मंच मनेंद्रगढ़ द्वारा स्वस्थ समाज निर्माण के लिए बीते 28 वर्षों से साल के अंतिम दिन बहुरूपिया प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है इस प्रतियोगिता में कई कलाकार अलग-अलग वेशभूषा बनाकर अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं । उनके प्रदर्शन के आधार पर निर्णय को द्वारा अंक दिए जाते हैं । जिसके बाद विजेता और उपविजेता प्रतिभागियों को सम्मानित किया जाता है सामान के रूप में इन कलाकारों को मनेन्द्रगढ़ के आसपास व्यापारियों द्वारा दी जाने वाली सामग्री होती है । जो वह अपनी दुकान से देते हैं ।सभी प्रतिभागियो को कुछ ना कुछ सामान दिया जाता है । इस आयोजन की खास बात या रहती है कि आयोजन के लिए ना कोई स्टेज होता है ना कोई नियत जगह बल्कि कलाकारों को शहर के प्रमुख चौक चौराहों में घूम-घूम कर अपनी कला का प्रदर्शन करना पड़ता है । जिसके बाद प्रदर्शन के आधार पर उन्हें सम्मानित किया जाता है । आयोजन को देखने के लिए आसपास के ग्रामीण क्षेत्र से लगभग 50,000 से अधिक लोग जमा हुए ।


Conclusion:इस दौरान व्यवस्था बनाने के लिए पुलिस प्रशासन द्वारा पुख्ता इंतजाम किए गए थे ।
बाइट - विवेक कुमार (कलाकार)
बाइट - सुभम (निर्णायक )
बाइट - विजय केशवानी (संरक्षक,प्रगति मंच)
Last Updated : Jan 1, 2020, 3:10 PM IST
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