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कोरबा: सड़क दुर्घटना में घायल युवक की मौत, आरोपी पर केस न करने के लिए दबाव बनाने का आरोप - दबाव बनाने के आरोप

कोरबा में सड़क दुर्घटना में घायल युवक की उपचार के दौरान मौत हो गई है. जिसके बाद युवक के परिजनों ने वाहन मालिक पर दबाव बनाने के आरोप लगाए हैं. परिजनों ने केस में कार्रवाई की मांग की है.

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घायल युवक की इलाज के दौरान मौत
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Published : Aug 12, 2020, 9:20 PM IST

कोरबा: सड़क दुर्घटना में घायल युवक की उपचार के दौरान मौत हो गई है. युवक 4 अगस्त को पत्थरीपारा पानी टंकी के पास दुर्घटना का शिकार हुआ था. जिसके बाद से युवक का ट्रामा सेंटर में इलाज चल रहा था. इसी दौरान उसने दम तोड़ दिया.

परिजनों ने दबाव बनाने के लगाए आरोप

इधर, युवक के परिजनों ने वाहन मालिक पर आरोप लगाए हैं. परिजनों का कहना है कि उनके ऊपर FIR दर्ज न कराये जाने के लिए दबाव बनाया गया था. साथ ही घायल के इलाज के लिए पैसे देने बात कही गई थी, लेकिन अब आरोपी पैसे देने से मुकर रहा है. अब परिजनों ने केस में कार्रवाई की मांग की है.

क्या है पूरा मामला?
4 अगस्त को युवक मोनू सिरकी बाइक पर सवार होकर अपने साथी के साथ दूध लेने निकला था. जहां रास्ते में एक चार पहिया वाहन ने उन्हें ठोकर मार दिया था. जिसमें मोनू और एक अन्य युवक घायल हो गए थे. दुर्घटना के बाद वाहन चालक ने दोनों युवकों को इलाज के लिए ट्रामा सेंटर में दाखिल कराया. जहां सोनू सिरकी की हालत को देखते हुए तत्काल उसे ICU में दाखिल किया गया था. वहीं दूसरे युवक को प्राथमिक उपचार के बाद घर भेज दिया गया था.

पढ़ें: झीरम हमला: NIA की याचिका को जगदलपुर कोर्ट ने किया खारिज

मोनू सिरकी के सिर में गंभीर चोट लगने से उसकी हालत नाजुक बनी हुई थी. जिसका उपचार ट्रामा सेंटर में किया जा रहा था. आरोपी वाहन मालिक ने मोनू सिरकी के परिजनों से इलाज का पूरा खर्च देने बात कही थी. इसके बदले उसने FIR दर्ज न करवाने की बात कही थी. परिजनों के पास रुपए की कमी थी. ऐसे में वे इस बात पर राजी हो गए थे.

9 दिन चले उपचार के बाद बुधवार को मोनू सिरकी ने दम तोड़ दिया. जिसके बाद परिजन आक्रोशित हो गए परिजनों का आरोप है कि आरोपी वाहन मालिक ने इलाज का खर्च देने के बजाए युवक के स्मार्ट कार्ड से इलाज करवाया. जिसकी जानकारी उन्हें आज ही मिली है. वही मोनू की मां और बहन का आरोप है कि कुछ प्रसाशनिक अधिकारी उन्हें जबरन कोरे कागज पर हस्ताक्षर करने के लिए दबाव बना रहे थे. परिजनों ने बताया कि आरोपी वाहन मालिक वकील और पुलिस के साथ उनके पास पहुंचा था, उसने उन्हें 25 हजार रुपये लेने को कहा जिसमें से 10 हजार रुपये बाद में देने की बात कही थी. इसके बदले उनसे कोरे कागज पर हस्ताक्षर करने को भी कहा जा रहा था. मृतक की बहन और मां ने पैसे लेना से इंकार कर दिया है, साथ ही प्रशासन से केस में कार्रवाई करने की मांग की है.

प्रदेश में बढ़ रहे हादसे

प्रदेश में आए दिन सड़क हादसे हो रहे हैं. ऑनलॉक की प्रक्रिया के बाद से हादसों में इजाफा हुआ है. हाल के दिनों में हुई घटनाओं पर नजर डाली जाए तो, रायपुर में सोमवार को ट्रक की टक्कर से मठपुरैना के रहने वाले एक सफाई कर्मी की मौत हो गई थी, जिससे गुस्साए लोगों ने थाने पहुंचकर हंगामा करना शुरू कर दिया था. उरगा थाना क्षेत्र के तरदा गांव के रहने वाले एक शख्स श्यामलाल की सड़क हादसे में मौत हो गई थी. कुसमुंद गांव में दो तेज रफ्तार बाइक की आमने-सामने टक्कर में दो युवकों की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई थी.

कोरबा: सड़क दुर्घटना में घायल युवक की उपचार के दौरान मौत हो गई है. युवक 4 अगस्त को पत्थरीपारा पानी टंकी के पास दुर्घटना का शिकार हुआ था. जिसके बाद से युवक का ट्रामा सेंटर में इलाज चल रहा था. इसी दौरान उसने दम तोड़ दिया.

परिजनों ने दबाव बनाने के लगाए आरोप

इधर, युवक के परिजनों ने वाहन मालिक पर आरोप लगाए हैं. परिजनों का कहना है कि उनके ऊपर FIR दर्ज न कराये जाने के लिए दबाव बनाया गया था. साथ ही घायल के इलाज के लिए पैसे देने बात कही गई थी, लेकिन अब आरोपी पैसे देने से मुकर रहा है. अब परिजनों ने केस में कार्रवाई की मांग की है.

क्या है पूरा मामला?
4 अगस्त को युवक मोनू सिरकी बाइक पर सवार होकर अपने साथी के साथ दूध लेने निकला था. जहां रास्ते में एक चार पहिया वाहन ने उन्हें ठोकर मार दिया था. जिसमें मोनू और एक अन्य युवक घायल हो गए थे. दुर्घटना के बाद वाहन चालक ने दोनों युवकों को इलाज के लिए ट्रामा सेंटर में दाखिल कराया. जहां सोनू सिरकी की हालत को देखते हुए तत्काल उसे ICU में दाखिल किया गया था. वहीं दूसरे युवक को प्राथमिक उपचार के बाद घर भेज दिया गया था.

पढ़ें: झीरम हमला: NIA की याचिका को जगदलपुर कोर्ट ने किया खारिज

मोनू सिरकी के सिर में गंभीर चोट लगने से उसकी हालत नाजुक बनी हुई थी. जिसका उपचार ट्रामा सेंटर में किया जा रहा था. आरोपी वाहन मालिक ने मोनू सिरकी के परिजनों से इलाज का पूरा खर्च देने बात कही थी. इसके बदले उसने FIR दर्ज न करवाने की बात कही थी. परिजनों के पास रुपए की कमी थी. ऐसे में वे इस बात पर राजी हो गए थे.

9 दिन चले उपचार के बाद बुधवार को मोनू सिरकी ने दम तोड़ दिया. जिसके बाद परिजन आक्रोशित हो गए परिजनों का आरोप है कि आरोपी वाहन मालिक ने इलाज का खर्च देने के बजाए युवक के स्मार्ट कार्ड से इलाज करवाया. जिसकी जानकारी उन्हें आज ही मिली है. वही मोनू की मां और बहन का आरोप है कि कुछ प्रसाशनिक अधिकारी उन्हें जबरन कोरे कागज पर हस्ताक्षर करने के लिए दबाव बना रहे थे. परिजनों ने बताया कि आरोपी वाहन मालिक वकील और पुलिस के साथ उनके पास पहुंचा था, उसने उन्हें 25 हजार रुपये लेने को कहा जिसमें से 10 हजार रुपये बाद में देने की बात कही थी. इसके बदले उनसे कोरे कागज पर हस्ताक्षर करने को भी कहा जा रहा था. मृतक की बहन और मां ने पैसे लेना से इंकार कर दिया है, साथ ही प्रशासन से केस में कार्रवाई करने की मांग की है.

प्रदेश में बढ़ रहे हादसे

प्रदेश में आए दिन सड़क हादसे हो रहे हैं. ऑनलॉक की प्रक्रिया के बाद से हादसों में इजाफा हुआ है. हाल के दिनों में हुई घटनाओं पर नजर डाली जाए तो, रायपुर में सोमवार को ट्रक की टक्कर से मठपुरैना के रहने वाले एक सफाई कर्मी की मौत हो गई थी, जिससे गुस्साए लोगों ने थाने पहुंचकर हंगामा करना शुरू कर दिया था. उरगा थाना क्षेत्र के तरदा गांव के रहने वाले एक शख्स श्यामलाल की सड़क हादसे में मौत हो गई थी. कुसमुंद गांव में दो तेज रफ्तार बाइक की आमने-सामने टक्कर में दो युवकों की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई थी.

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