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कोरबा DFO के फर्जी हस्ताक्षर से धमतरी के ठेकेदार को जारी हो गया वर्कऑर्डर

वन मंडल अधिकारी कोरबा के फर्जी हस्ताक्षर से धमतरी की कंपनी जयश्री कंस्ट्रक्शन को करोड़ों रुपए का कार्यादेश जारी हो गया.

कोरबा वन मंडल
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Published : Jun 4, 2022, 11:24 AM IST

Updated : Jun 4, 2022, 2:04 PM IST

कोरबा: वन मंडल अधिकारी कोरबा के फर्जी हस्ताक्षर से धमतरी की कंपनी जयश्री कंस्ट्रक्शन को करोड़ों रुपए का कार्या आदेश जारी हो गया. ठेकेदार ने जब काम करने के लिए वन मंडल में संपर्क किया, तब इस बात का खुलासा हुआ. जिसे गंभीरता से लेते हुए डीएफओ कोरबा प्रियंका पांडे ने इसकी शिकायत पुलिस में की है. जिसके बाद पुलिस ने धोखाधड़ी और कूटरचना की धाराओं के तहत केस दर्ज करते हुए जांच शुरू कर दी है.

धमतरी के ठेकेदार को जारी हो गया वर्कऑर्डर

यह भी पढ़ें: भिलाई में कैप्सूल ट्रक और कार में जोरदार टक्कर, छत्तीसगढ़ी लोक कलाकार घायल

ऐसे खुला मामला: डीएफओ कार्यालय से जयश्री कंस्ट्रक्शन, धमतरी के लिए जारी कार्यादेश से काम करने और सामानों की सप्लाई करने के लिए अंबिकापुर के व्यापारी ने डीएफओ से संपर्क किया. जिसके लिए अंबिकापुर के सत्यवान गोयल टिंबर के संचालक मनीष गोयल को कॉल आया. उसने डीएफओ प्रियंका पांडे से कहा कि धमतरी की कंपनी जय श्री कंस्ट्रक्शन को काम मिला है. कोरबा वनमंडल में गल्वेनिश्ड वायर इसकी मोटाई 10 mm है. जिसकी सप्लाई के लिए कार्य आदेश जारी किया गया है. धमतरी कंस्ट्रक्शंस के संचालक ने मुझे यह काम करने को कहा है, जिसके लिए आपकी अनुमति चाहिए.

इतना सुनते ही डीएफओ के कान खड़े हो गए. उन्होंने कहा कि ऐसे किसी भी कार्य का आदेश उनके कार्यालय से जारी ही नहीं हुआ है. डीएफओ ने अपने स्तर पर जांच की. दस्तावेज मंगाए और उन्हें यह समझने में देर नहीं लगी कि यह सब एक फर्जी आदेश के तहत हो रहा है. अंबिकापुर के व्यवसाई ने डीएफओ को कार्य आदेश की कॉपी भी व्हाट्सएप के माध्यम से भेजी. जिसके पूरी तरह से फर्जी होने की जानकारी डीएफओ की ओर से पुलिस को दी गई है.

छवि धूमिल करने का है प्रयास : डीएफओ कोरबा प्रियंका पांडे ने इसकी लिखित शिकायत रामपुर चौकी में दर्ज कराई है, जिसमें उन्होंने कहा है कि उनकी छवि खराब करने के लिए इस तरह का फर्जी कार्यादेश जारी किया गया है. इस प्रकरण में जो भी दोषी हो उन पर तत्काल ठोस कार्रवाई होनी चाहिए, इस फर्जी कार्य आदेश के संबंध में मुख्य वन संरक्षक कार्यालय बिलासपुर की ओर से भी डीएफओ को स्पष्टीकरण जारी किया गया है. डीएफओ ने इसकी जानकारी उच्चाधिकारियों को भी सौंप दी है.

बिचौलियों की हो सकती है भूमिका: शिकायत के बाद इस मामले में जांच शुरू हो चुकी है. वनमंडल और पुलिस से जुड़े जानकारों का मानना है कि सरकारी कार्यालयों में काम दिलवाने के लिए बिचौलियों की सक्रियता रहती है जोकि विभागीय कार्य आवंटित करवाने के लिए सेटिंग का खेल खेलते हैं. इस प्रकरण में भी किसी बिचौलियों का हाथ होने की संभावना जताई जा रही है.

शुरू की जांच : फर्जी कार्यादेश के इस मामले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिषेक वर्मा ने बताया कि डीएफओ के कार्यालय से एक फर्जी कार्यादेश जारी हुआ है. जिसमें धमतरी की जयश्री कंस्ट्रक्शंस को काम आवंटन करने का जिक्र है. डीएफओ की ओर से लिखित शिकायत की गई है. जिसके आधार पर धोखाधड़ी और कूटरचना के विभिन्न धाराओं के तहत अपराध पंजीबद्ध कर लिया गया है. मामले की जांच जारी है.

कोरबा: वन मंडल अधिकारी कोरबा के फर्जी हस्ताक्षर से धमतरी की कंपनी जयश्री कंस्ट्रक्शन को करोड़ों रुपए का कार्या आदेश जारी हो गया. ठेकेदार ने जब काम करने के लिए वन मंडल में संपर्क किया, तब इस बात का खुलासा हुआ. जिसे गंभीरता से लेते हुए डीएफओ कोरबा प्रियंका पांडे ने इसकी शिकायत पुलिस में की है. जिसके बाद पुलिस ने धोखाधड़ी और कूटरचना की धाराओं के तहत केस दर्ज करते हुए जांच शुरू कर दी है.

धमतरी के ठेकेदार को जारी हो गया वर्कऑर्डर

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ऐसे खुला मामला: डीएफओ कार्यालय से जयश्री कंस्ट्रक्शन, धमतरी के लिए जारी कार्यादेश से काम करने और सामानों की सप्लाई करने के लिए अंबिकापुर के व्यापारी ने डीएफओ से संपर्क किया. जिसके लिए अंबिकापुर के सत्यवान गोयल टिंबर के संचालक मनीष गोयल को कॉल आया. उसने डीएफओ प्रियंका पांडे से कहा कि धमतरी की कंपनी जय श्री कंस्ट्रक्शन को काम मिला है. कोरबा वनमंडल में गल्वेनिश्ड वायर इसकी मोटाई 10 mm है. जिसकी सप्लाई के लिए कार्य आदेश जारी किया गया है. धमतरी कंस्ट्रक्शंस के संचालक ने मुझे यह काम करने को कहा है, जिसके लिए आपकी अनुमति चाहिए.

इतना सुनते ही डीएफओ के कान खड़े हो गए. उन्होंने कहा कि ऐसे किसी भी कार्य का आदेश उनके कार्यालय से जारी ही नहीं हुआ है. डीएफओ ने अपने स्तर पर जांच की. दस्तावेज मंगाए और उन्हें यह समझने में देर नहीं लगी कि यह सब एक फर्जी आदेश के तहत हो रहा है. अंबिकापुर के व्यवसाई ने डीएफओ को कार्य आदेश की कॉपी भी व्हाट्सएप के माध्यम से भेजी. जिसके पूरी तरह से फर्जी होने की जानकारी डीएफओ की ओर से पुलिस को दी गई है.

छवि धूमिल करने का है प्रयास : डीएफओ कोरबा प्रियंका पांडे ने इसकी लिखित शिकायत रामपुर चौकी में दर्ज कराई है, जिसमें उन्होंने कहा है कि उनकी छवि खराब करने के लिए इस तरह का फर्जी कार्यादेश जारी किया गया है. इस प्रकरण में जो भी दोषी हो उन पर तत्काल ठोस कार्रवाई होनी चाहिए, इस फर्जी कार्य आदेश के संबंध में मुख्य वन संरक्षक कार्यालय बिलासपुर की ओर से भी डीएफओ को स्पष्टीकरण जारी किया गया है. डीएफओ ने इसकी जानकारी उच्चाधिकारियों को भी सौंप दी है.

बिचौलियों की हो सकती है भूमिका: शिकायत के बाद इस मामले में जांच शुरू हो चुकी है. वनमंडल और पुलिस से जुड़े जानकारों का मानना है कि सरकारी कार्यालयों में काम दिलवाने के लिए बिचौलियों की सक्रियता रहती है जोकि विभागीय कार्य आवंटित करवाने के लिए सेटिंग का खेल खेलते हैं. इस प्रकरण में भी किसी बिचौलियों का हाथ होने की संभावना जताई जा रही है.

शुरू की जांच : फर्जी कार्यादेश के इस मामले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिषेक वर्मा ने बताया कि डीएफओ के कार्यालय से एक फर्जी कार्यादेश जारी हुआ है. जिसमें धमतरी की जयश्री कंस्ट्रक्शंस को काम आवंटन करने का जिक्र है. डीएफओ की ओर से लिखित शिकायत की गई है. जिसके आधार पर धोखाधड़ी और कूटरचना के विभिन्न धाराओं के तहत अपराध पंजीबद्ध कर लिया गया है. मामले की जांच जारी है.

Last Updated : Jun 4, 2022, 2:04 PM IST
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