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किसान चौपाल: 'सरकार कॉरपोरेट के हाथों सौंपना चाहती है देश की अर्थव्यवस्था, देश का हर वर्ग होगा प्रभावित' - farmers protest against new agriculture law

कृषि बिल खिलाफ में किसानों का विरोध तेज होता जा रहा है. अब किसान भूख हड़ताल पर बैठे हैं. ऐसे में धान का कटोरा कहे जाने वाले छत्तीसगढ़ के किसानों की क्या राय है. ईटीवी भारत ने कोरबा में किसान चौपाल लगाकर इस मुद्दे पर चर्चा की.

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कोरबा में ईटीवी भारत की किसान चौपाल
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Published : Dec 14, 2020, 11:13 PM IST

कोरबा: किसानों के समर्थन में दिल्ली में किसान आंदोलन चल रहा है. जिला मुख्यालयों में भी अब आंदोलन जोर पकड़ने लगा है. भाजपा को छोड़कर लगभग सभी राजनीतिक दल और अन्य संगठन एकजुट हो रहे हैं. कोरबा जिले में किसान संगठनों को मजदूर संगठन और वामपंथियों का समर्थन मिला है.

कोरबा में ईटीवी भारत की किसान चौपाल पार्ट-1

कृषि कानून का हो रहा है विरोध

ऐसे में आखिर वो कौन सी मांगे हैं, जिन्हें किसान संगठन, वाम नेता मनवाना चाहते हैं. केंद्र सरकार के तीन कृषि कानून में कौन से वो प्रावधान हैं, जिनका सबसे ज्यादा विरोध हो रहा है. इन्हीं सब मुद्दों को लेकर ईटीवी भारत ने जिले के घंटाघर में किसान चौपाल का आयोजन किया जिसमें किसान नेता और मजदूर संगठनों के लोग शामिल हुए.

कोरबा में ईटीवी भारत की किसान चौपाल पार्ट-2

पढ़ें- कृषि कानून का विरोध क्यों कर रही है छत्तीसगढ़ सरकार, सीएम भूपेश ने बताई ये 3 वजह

किसान चौपाल में वामपंथी नेता प्रशांत झा के साथ ही मजदूर नेता दीपेश मिश्रा, वीएम मनोहर, भू विस्थापित संगठन से जुड़े दीपक साहू समेत तमाम लोग शामिल हुए. जिन्होंने बेबाकी से अपनी राय रखी है. किसान आंदोलन का समर्थन कर रहे विभिन्न समगठनों के पदाधिकारियों ने बताया कि कैसे कृषि कानून से देश के किसानों का अहित होगा और इसके दूरगामी परिणाम क्या होंगे.

कोरबा: किसानों के समर्थन में दिल्ली में किसान आंदोलन चल रहा है. जिला मुख्यालयों में भी अब आंदोलन जोर पकड़ने लगा है. भाजपा को छोड़कर लगभग सभी राजनीतिक दल और अन्य संगठन एकजुट हो रहे हैं. कोरबा जिले में किसान संगठनों को मजदूर संगठन और वामपंथियों का समर्थन मिला है.

कोरबा में ईटीवी भारत की किसान चौपाल पार्ट-1

कृषि कानून का हो रहा है विरोध

ऐसे में आखिर वो कौन सी मांगे हैं, जिन्हें किसान संगठन, वाम नेता मनवाना चाहते हैं. केंद्र सरकार के तीन कृषि कानून में कौन से वो प्रावधान हैं, जिनका सबसे ज्यादा विरोध हो रहा है. इन्हीं सब मुद्दों को लेकर ईटीवी भारत ने जिले के घंटाघर में किसान चौपाल का आयोजन किया जिसमें किसान नेता और मजदूर संगठनों के लोग शामिल हुए.

कोरबा में ईटीवी भारत की किसान चौपाल पार्ट-2

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किसान चौपाल में वामपंथी नेता प्रशांत झा के साथ ही मजदूर नेता दीपेश मिश्रा, वीएम मनोहर, भू विस्थापित संगठन से जुड़े दीपक साहू समेत तमाम लोग शामिल हुए. जिन्होंने बेबाकी से अपनी राय रखी है. किसान आंदोलन का समर्थन कर रहे विभिन्न समगठनों के पदाधिकारियों ने बताया कि कैसे कृषि कानून से देश के किसानों का अहित होगा और इसके दूरगामी परिणाम क्या होंगे.

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