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भारी बारिश से कच्चे मकान की दीवार गिरी, बाल-बाल बचे घर से सदस्य - प्रधानमंत्री आवास योजना

कोरबा के सेमीपाली ग्राम पंचायत में रहने वाले एक व्यक्ति का कच्चा मकान गिर गया. इस हादसे में कोई जख्मी नहीं हुआ.

Wall of ahouse collapsed
कच्चे मकान की दीवार गिरी
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Published : Aug 23, 2020, 8:27 PM IST

Updated : Aug 23, 2020, 10:53 PM IST

कोरबा: दो दिनों से लगातार हो रही बारिश, कहर बनकर लोगों पर टूट रही है. कोरबा के सेमीपाली ग्राम पंचायत निवासी शंकर मुरीदयार का कच्चा मकान भारी बारिश के कारण गिर गया. घटना के वक्त घर के सारे सदस्य एक ही कमरे में बैठे हुए थे. तभी अचानक दीवार भरभराकर गिर गई. दीवार धंसने और खपरे के टूटकर गिरने की आवाज पर घर के सभी सदस्य उठकर बाहर निकल गए. इस हादसे में घर के सभी सदस्य बाल-बाल बचे.

कच्चे मकान की दीवार गिरी

पहली ही बारिश जर्जर हुई कुरुद की सड़क, सियासत में व्यस्त हैं जिम्मेदार

घर में रखा अनाज, कपड़ा मलबे में दब गया. फिलहाल परिवार के सभी सदस्य पड़ोसी और रिश्तेदार के घर शरण लिए हुए हैं. वे लोग करीब 70 साल से कच्चे मकान में रह रहे थे. उनकी शिकायत है कि काफी प्रयास के बाद भी उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना का फायदा नहीं मिला. घर के मुखिया ने बताया कि वह एक निजी कंपनी में काम करता है. वहां उसे 6 हजार रुपये सैलरी मिलती है. उसी 6 हजार से 6 सदस्यों का घर चलता है. शंकर ने बताया कि उनके बड़े भाई की तबीयत भी खराब रहती है. इस कारण वो कुछ काम नहीं कर पाता.

पीएम आवास योजना में भ्रष्टाचार का लगाया आरोप

घर में अकेले शंकर ही कमाने वाला शख्स है, जो पूरे परिवार का भरण पोषण करता है. शंकर मुरीदयार की आर्थिक स्थिति इतनी कमजोर है कि वह कच्चे मकान को तोड़कर पक्का मकान नहीं बना पा रहा है. शंकर ने बताया कि पंचायत के सरपंच सचिव से उसने कई साल से प्रधानमंत्री आवास के लिए निवेदन कर रखा है. लेकिन उसको सरपंच सचिव की ओर से केवल आश्वासन ही मिला. शंकर मुरीदयार ने यह आरोप लगाया है कि जो आवास निकालने के नाम से पैसा देता है उसका आवास जल्दी निकल जाता है. शंकर मुरीदयार का प्रधानमंत्री आवास योजना लिस्ट में तीन बार नाम आ चुका है. लेकिन सरपंच का कहना है कि आपका प्रधानमंत्री आवास योजना में नाम अगली बार आएगा.

कोरबा: दो दिनों से लगातार हो रही बारिश, कहर बनकर लोगों पर टूट रही है. कोरबा के सेमीपाली ग्राम पंचायत निवासी शंकर मुरीदयार का कच्चा मकान भारी बारिश के कारण गिर गया. घटना के वक्त घर के सारे सदस्य एक ही कमरे में बैठे हुए थे. तभी अचानक दीवार भरभराकर गिर गई. दीवार धंसने और खपरे के टूटकर गिरने की आवाज पर घर के सभी सदस्य उठकर बाहर निकल गए. इस हादसे में घर के सभी सदस्य बाल-बाल बचे.

कच्चे मकान की दीवार गिरी

पहली ही बारिश जर्जर हुई कुरुद की सड़क, सियासत में व्यस्त हैं जिम्मेदार

घर में रखा अनाज, कपड़ा मलबे में दब गया. फिलहाल परिवार के सभी सदस्य पड़ोसी और रिश्तेदार के घर शरण लिए हुए हैं. वे लोग करीब 70 साल से कच्चे मकान में रह रहे थे. उनकी शिकायत है कि काफी प्रयास के बाद भी उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना का फायदा नहीं मिला. घर के मुखिया ने बताया कि वह एक निजी कंपनी में काम करता है. वहां उसे 6 हजार रुपये सैलरी मिलती है. उसी 6 हजार से 6 सदस्यों का घर चलता है. शंकर ने बताया कि उनके बड़े भाई की तबीयत भी खराब रहती है. इस कारण वो कुछ काम नहीं कर पाता.

पीएम आवास योजना में भ्रष्टाचार का लगाया आरोप

घर में अकेले शंकर ही कमाने वाला शख्स है, जो पूरे परिवार का भरण पोषण करता है. शंकर मुरीदयार की आर्थिक स्थिति इतनी कमजोर है कि वह कच्चे मकान को तोड़कर पक्का मकान नहीं बना पा रहा है. शंकर ने बताया कि पंचायत के सरपंच सचिव से उसने कई साल से प्रधानमंत्री आवास के लिए निवेदन कर रखा है. लेकिन उसको सरपंच सचिव की ओर से केवल आश्वासन ही मिला. शंकर मुरीदयार ने यह आरोप लगाया है कि जो आवास निकालने के नाम से पैसा देता है उसका आवास जल्दी निकल जाता है. शंकर मुरीदयार का प्रधानमंत्री आवास योजना लिस्ट में तीन बार नाम आ चुका है. लेकिन सरपंच का कहना है कि आपका प्रधानमंत्री आवास योजना में नाम अगली बार आएगा.

Last Updated : Aug 23, 2020, 10:53 PM IST
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