कोरबा: SECL की रानी अटारी भूमिगत कोयला खदान के समक्ष विभिन्न मांगों को लेकर ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया. यहां ग्रामीणों ने अनिश्चितकालीन आंदोलन की शुरुआत की थी. जिसके बाद प्रबंधन के अधिकारी हरकत में आए और समस्याओं के समाधान का लिखित आश्वासन दिया. ग्रामीणों के इस आंदोलन को कई संगठनों ने समर्थन दिया था. मौके पर पहुंचे SECL के अधिकारी के लिखित आश्वासन के बाद यह आंदोलन फ़िलहाल स्थगित किया गया है.
ग्रामीणों की ये हैं प्रमुख मांगे
07 सूत्रीय मांगों को लेकर ग्रामीणों ने सोमवार को हड़ताल शुरू की थी. यह कोरबा जिले के पोड़ी उपरोड़ा विकासखंड में संचालित है. रानी अटारी भूमिगत कोयला खदान से प्रभावित ग्रामीणों ने हड़ताल से पूर्व प्रबंधन को जो ज्ञापन सौंपा है, उसमें 07 सूत्रीय मांगें रखी गई हैं. जिनमें ये मांगे प्रमुख हैं
- खदान से लगी सड़कों का निर्माण और मरम्मत
- स्वास्थ्य शिविरों का प्रतिमाह आयोजन
- रोजगार हेतु लंबित आवेदनों का निराकरण
- भूविस्थापितों को SECL में स्थायी नौकरी दी जाए
- खदान में कार्यरत श्रमिकों के आर्थिक शोषण के विरुद्ध कार्रवाई
- हाथी प्रभावित इलाकों में सोलर स्ट्रीट लाइट लगाई जाए.
रानी अटारी का भूमिगत कोयला खदान कोरबा जिले के पोड़ी-उपरोड़ा ब्लॉक के अंतर्गत आता है. लेकिन इसका संचालन SECL की चिरमिरी परियोजना के अधीन है. ग्रामीणों का कहना है कि SECL प्रबंधन द्वारा खदान के संचालन का जिम्मा किसी निजी कंपनी JMS को दिया गया है. जो स्थानीय लोगों को रोजगार देने के बजाय बाहरी लोगों से काम करवा रहा है. साथ ही प्रबंधन द्वारा क्षेत्र के विकास और जर्जर सड़कों की ओर भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है.
ग्रामीणों के इस आंदोलन को एकता परिषद्, छत्तीसगढ़ किसान सभा सहित इलाके के तमाम पंचायत प्रतिनिधियों का समर्थन रहा. SECL प्रबंधन से वार्ता के दौरान जिला पंचायत कोरबा की अध्यक्ष शिवकला कंवर, श्रम कल्याण के सदस्य नवीन सिंह, एकता परिषद् के मुरली दास संत, किसान सभा के प्रशांत झा और दीपक साहू सहित कई अन्य जनप्रतिनिधि मौजूद रहे
प्रबंधन ने दिया लिखित आश्वासन
प्रबंधन ने मांगों को पूरा करने के लिए लिखित में आश्वासन दिया है. ग्रामीणों की इस हड़ताल से कामकाज पर प्रभाव पड़ता देख SECL प्रबंधन ने तत्काल रानी अटारी के उप क्षेत्रीय प्रबंधक उमेश शर्मा को चर्चा के लिए भेजा. यहां सभी से बातचीत के बाद प्रबंधन ने एक माह के भीतर सभी मांगों के निराकरण का लिखित में आश्वासन दिया. जिसे देखते हुए हड़ताल को फ़िलहाल स्थगित कर दिया गया है.