कोरबा: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'वोकल फॉर लोकल' अभियान को कोरबा की महिलांए साकार करती नजर आ रही हैं. यहां ग्रामीण क्षेत्रों की महिलांए छत्तीसगढ़ के पारंपरिक संस्कृति और घरेलू सामानों को रेशम की डोर में पिरोकर आकर्षक स्वदेशी राखियां तैयार कर रही हैं. जो बाजार में आने वाली चाइनीज राखियों को सीधे टक्कर दे रहा है.
इस बार रक्षाबंधन 22 अगस्त को मनाया जाएगा. इस विशेष पर्व पर कोरबा की महिलाओं द्वारा तैयार स्वदेशी राखियां की झलक देखेगी. यह राखियां एक ही नजर में किसी का भी मन मोह सकती हैं. ये राखियां चावल, गेहूं, धान, रूद्राक्ष, मखना और रखिया के बीज से तैयार की जा रही हैं. राखियों में लोकल घरेलू सामान लगा है जिस कारण इनकी कीमतें भी काफी कम है. लिहाजा इन स्वदेशी राखियों को आम लोग भी खूब पसंद कर रहे हैं. वहीं, जननी महिला संगठन ने इन आकर्षक स्वदेशी राखियों को बेचने के लिए ऑन लाइन प्लेटफार्म भी तैयार किया है. जिससे ग्राहक देश के किसी भी कोने से अपने रिश्तेदारों को ये स्वदेशी राखियां आर्डर कर भिजवा सकते हें.
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प्रधानमंत्री मोदी के सपनों को साकार करती इन महिलाओं का हौसला कोरबा कलेक्टर रानू साहू ने बुलंद किया है. कलेक्टर रानू साहू ने समूह की महिलाओं को प्रशिक्षण दिलाने के साथ ही आकर्षक राखियों की मार्केटिंग के लिए भी विशेष तौर पर मदद की है. ताकि महिलाओं को उनकी मेहनत का बेहतर परिणाम मिल सके. इसके लिए बकायदा मुख्य बाजारों में स्टॉल लगवाने के साथ ही कलेक्टर ने आम लोगों से स्थानीय स्वदेशी राखी खरीदने की भी अपील की है.