कोरबा: जिले के वनांचल गांव मादन के पास तेज आंधी की वजह से 400 केवी लाइन क्षमता के तीन टावर गिर गए. इसके कारण जिले भर में कई स्थानों पर घंटों तक बिजली की आपूर्ति बाधित रही, जिससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. फिलहाल टावर को हटाने का काम शुरू कर दिया गया है. जिसके बाद राज्य शासन की ट्रांसमिशन कंपनी नई टावर खड़ा करेगी. कंपनी के कर्मचारी महीने में एक बार ही पेट्रोलिंग कर टावर का निरीक्षण करते हैं. इसका फायदा कबाड़ चोरों ने उठाया और टावर के नीचे से एंगल काट कर ले गए.
ट्रांसमिशन कंपनी का 70 लाख रुपय का नुकसान : जिले में पाली ब्लॉक के गांव मादन में विद्युत ट्रांसमिशन कंपनी के उच्च दाब क्षमता वाले टावर स्थापित हैं. इस चालू लाइन का टावर के आंधी से गिरने में कबाड़ चोरों की भूमिका की चर्चा है. इससे कंपनी को लगभग 70 लाख का नुकसान पहुंचा है. जहां टावर गिरे हैं, वहां से बिजली आपूर्ति के लिए वैकल्पिक लाइन डायवर्ट करना पड़ा है. इससे कंपनी को अतिरिक्त नुकसान का बोझ झेलना पड़ रहा है. ट्रांसमिशन कंपनी से जु़ड़े जानकारों की माने तो टावर खड़ा होने के बाद इसकी नियमित तौर पर निगरानी की जानी चाहिए. जबकि वर्तमान में ट्रांसलेशन विभाग में कर्मचारियों की कमी की वजह से माह में एक बार ही पेट्रोलिंग की जा रही है. इसका फायदा कबाड़ चोर उठा रहे हैं. जिले में ऐसी कई घटनाएं हुई है जिसमें चोर चालू टावर से लोहे के एंगल काट कर ले जाते हैं.
पूरी रात प्रभावित रही बिजली आपूर्ति : ट्रांसमिशन टावर के गिरने से बिजली आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित रही. जिले के पाली ब्लॉक सहित कटघोरा और कोरबा शहर के भी कई इलाकों में लगभग पूरी रात बिजली आपूर्ति बाधित रही. कई इलाकों में रात भर बिजली की आपूर्ति बहाल नहीं की जा सकी. टावर गिरने से विद्युत व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है. हालांकि वैकल्पिक लाइन से बिजली आपूर्ति डायवर्ट करने के बाद लोगों को राहत जरूर मिली है. फिलहाल बिजली बहाल की जा चुकी है.
टावर से लोहा काटने की घटनाएं नई नहीं : छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत कंपनी के अधिकारी भी स्वीकार करते हैं कि सुरक्षा के अभाव के कारण इस तरह की घटना हुई है. जिले में टावर से एंगल काट कर चोरी करने की घटना पहली नही है. इसके पहले भी इस तरह की घटनाएं हो चुकी हैं. बीते दिनों गांव छुरी के पास वंदना कंपनी के टावर में लगे लोहे के एंगल को भी चोरों ने चुरा लिया था. इससे टावर झुक गया था. इस घटना से भी 24 घंटे से अधिक वक्त तक अंबिकापुर संभाग में बिजली बंद रही थी.