कोरबा : दर्द से कराहते 4 साल के इस मासूम का नाम मुकेश है. डॉक्टर कह रहे हैं कि मुकेश में लेप्रोटिक सिंड्रोम के लक्षण हैं. परिवार की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं कि महंगा इलाज करा सकें. राज्य सरकार की स्मार्ट कार्ड जैसी सुविधा भी परिवार के पास नहीं हालांकि डॉक्टर कह रहे हैं कि उसे बचाने की पूरी कोशिश करेंगे.
जिस उम्र में बच्चे को खेलना-कूदना था, उस उम्र में मुकेश लाचार बिस्तर पर पड़ा है. बीमारी ने उसकी मुस्कुराहट छीन ली है. मुकेश अब न हंस सकता है, न चल सकता है, न ही दौड़ सकता है. मुकेश लेप्रोटिक सिंड्रोम नाम की बीमारी से जूझ रहा है, जिसकी वजह से 5 साल के मासूम का पूरा शरीर सूज चुका है. डॉक्टर इलाज में जुटे हैं और जल्द ही मुकेश को इस बीमारी से छुटकारा दिलाने का दावा भी कर रहे हैं.
'बैगा ने कहा डॉक्टर की जरूरत'
मुकेश जिला मुख्यालय से 80 किलोमीटर दूर गांव कोरबी का रहना वाला है. अचानक एक दिन मुकेश का शरीर सूजने लगा. एक सप्ताह बीत गया, शरीर की सूजन कम होने के बजाए बढ़ती चली गई. गरीब लाचार परिवार इतना सक्षम नहीं था कि मुकेश को इलाज के लिए बाहर ले जा सके. अंत में हारकर उन्होंने बैगा का सहारा ले लिया और मुकेश को बैगा के पास ले जाकर झाड़ फूंक कराने लगे. झाड़ फूंक के कुछ ही देर बाद बैगा ने ये कह दिया ये भूत बाधा नहीं है. इसे डॉक्टर की जरूरत है.
'डॉक्टर से पोते को ठीक करने की गुहार'
मुकेश के दादा अपने पोते को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे और डॉक्टर से पोते को ठीक करने की गुहार लगाने लगे. अब पिछले कुछ दिनों से मुकेश जिला अस्पताल में भर्ती है. इलाज भी जारी है लेकिन अब तक मुकेश को कोई फायदा नहीं हुआ है. खराब आर्थिक हालात ने मुकेश के परिवार को तोड़ दिया है.
'मुकेश में लेप्रोटिक सिंड्रोम के लक्षण'
जिला अस्पताल के एमडी मेडिसिन डॉक्टर प्रिंस जैन ने कहा कि मुकेश में लेप्रोटिक सिंड्रोम के लक्षण हैं. इसमें ज्यादातर मरीज सामान्य दवाओं से ठीक हो जाते हैं, लेकिन कम उम्र में होने वाली यह बीमारी कई बार खतरनाक हो जाती है और दवा शरीर पर असर नहीं करती. इस बीमारी में किडनी से प्रोटीन लॉस हो जाता है और नसों में फैलने लगता है, जिसके कारण पूरे शरीर सूज जाता है. डॉक्टर ने कहा कि इलाज जारी है, उन्हें उम्मीद है कि वे मुकेश को ठीक कर लेंगे.
अब हम भी यही दुआ करते मासूम मुकेश जल्द ठीक होकर हंसने-बोलने लगे, लेकिन इन सबके बीच एक बार फिर सराकरी वादे और योजना खोखली साबित होती है, जो मुकेश के लिए मददगार साबित नहीं हुई.