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Breast Feeding Zone In City: विश्व स्तनपान सप्ताह पर अंबिकापुर नगर निगम का माताओं को बड़ा तोहफा - अंबिकापुर में ब्रेस्टफीडिंग जोन

Breast Feeding Zone In City छोटे बच्चों को ब्रेस्टफीड कराने वाली माताओं के लिए खुशखबरी है. वे अब कहीं भी अपने नन्हें मासूम के साथ आ जा सकेगी और कहीं भी उन्हें स्तनपान करा सकेंगी. World Breastfeeding Theme 2023

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विश्व स्तन पान सप्ताह
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Published : Aug 5, 2023, 2:22 PM IST

विश्व स्तन पान सप्ताह पर निगम का तोहफा

अंबिकापुर: दुधमुहें बच्चे के साथ अक्सर कहीं भी आने जाने में सबसे बड़ी परेशानी रहती है उन्हें स्तनपान कराना. अक्सर महिलाएं खुले में स्तनपान कराने में झिझकती है. घर से बाहर जाने के दौरान पब्लिक प्लेस में वे ऐसी जगह ढूंढती है जहां वो उसे ब्रेस्ट फीड करा सके. इसी परेशानी को दूर करने अंबिकापुर नगर निगम ने एक बड़ा फैसला लिया है.

1 से 7 अगस्त तक वर्ल्ड ब्रेस्टफीडिंग डे मनाया जाता है. इसे मनाने का उद्देश्य महिलाओं को ब्रेस्टफीड कराने को लेकर जागरूक करना है. इस साल की थीम है लेट्स मेक ब्रेस्टफीडिंग एंड वर्क. इस बार की थीम वर्किंग वूमन के लिए रखी गई है. कामकाजी महिलाएं अक्सर अपने नन्हें शिशुओं को ठीक से ब्रेस्टफीड नहीं करा पाती. इसी कमी को पूरा करने के लिए इस बार ये थीम रखी गई हैं. ताकि कामकाजी महिलाएं अपनी ड्यूटी के दौरान भी अपनी ये जिम्मेदारी अच्छे से निभा सकें.

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इसी थीम से प्रेरित होकर अंबिकापुर नगर निगम शहर में शिशुवती माताओं के लिये फीडिंग जोन खोल रहा है. शुरुआत में शहर के बस स्टैंड में फीडिंग जोन बनाने का निर्णय लिया गया है. एमआईसी की बैठक में यह निर्णय नगर निगम ने लिया है. ये भी फैसला किया गया है कि जिन जगहों पर लोगों की आवाजाही ज्यादा होती है वहां ब्रेस्टफीडिंग जोन बनाए जाएंगे.

नये बस स्टैंड में फीडिंग एरिया डेवलप करने का निर्णय लिया गया है. क्योंकी हमारी माताएं वहां आती हैं, ओपन एरिया में फीडिंग कराने में उनकों दिक्कत होती है. तो एक फीडिंग एरिया और महिला बाल विकास विभाग के द्वारा बच्चों के लिए भी एक एरिया बनाने को कहा गया है. डॉ. अजय तिर्की - मेयर

ब्रेस्ट फीडिंग के फायदे: स्तनपान सप्ताह मनाने का उद्देश्य नई माताओं को बच्चे के जन्म के बाद स्तनपान की जरूरत बताना है. मां का दूध बच्चे का पहला आहार होता है. यह बच्चे को कई बीमारियों से बचा कर रखता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, जिन बच्चों को स्तनपान करवाया जाता है उनका बौद्धिक विकास अच्छे से होता है. इसके अलावा रोक प्रतिरोधक क्षमता भी ऐसे बच्चों में ज्यादा रहती है. वहीं जो मां बच्चे को ब्रेस्ट फीडिंग करवाती हैं उनमें ब्रेस्ट कैंसर और ओवेरियन कैंसर का खतरा भी कम होता है.

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अंबिकापुर: दुधमुहें बच्चे के साथ अक्सर कहीं भी आने जाने में सबसे बड़ी परेशानी रहती है उन्हें स्तनपान कराना. अक्सर महिलाएं खुले में स्तनपान कराने में झिझकती है. घर से बाहर जाने के दौरान पब्लिक प्लेस में वे ऐसी जगह ढूंढती है जहां वो उसे ब्रेस्ट फीड करा सके. इसी परेशानी को दूर करने अंबिकापुर नगर निगम ने एक बड़ा फैसला लिया है.

1 से 7 अगस्त तक वर्ल्ड ब्रेस्टफीडिंग डे मनाया जाता है. इसे मनाने का उद्देश्य महिलाओं को ब्रेस्टफीड कराने को लेकर जागरूक करना है. इस साल की थीम है लेट्स मेक ब्रेस्टफीडिंग एंड वर्क. इस बार की थीम वर्किंग वूमन के लिए रखी गई है. कामकाजी महिलाएं अक्सर अपने नन्हें शिशुओं को ठीक से ब्रेस्टफीड नहीं करा पाती. इसी कमी को पूरा करने के लिए इस बार ये थीम रखी गई हैं. ताकि कामकाजी महिलाएं अपनी ड्यूटी के दौरान भी अपनी ये जिम्मेदारी अच्छे से निभा सकें.

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इसी थीम से प्रेरित होकर अंबिकापुर नगर निगम शहर में शिशुवती माताओं के लिये फीडिंग जोन खोल रहा है. शुरुआत में शहर के बस स्टैंड में फीडिंग जोन बनाने का निर्णय लिया गया है. एमआईसी की बैठक में यह निर्णय नगर निगम ने लिया है. ये भी फैसला किया गया है कि जिन जगहों पर लोगों की आवाजाही ज्यादा होती है वहां ब्रेस्टफीडिंग जोन बनाए जाएंगे.

नये बस स्टैंड में फीडिंग एरिया डेवलप करने का निर्णय लिया गया है. क्योंकी हमारी माताएं वहां आती हैं, ओपन एरिया में फीडिंग कराने में उनकों दिक्कत होती है. तो एक फीडिंग एरिया और महिला बाल विकास विभाग के द्वारा बच्चों के लिए भी एक एरिया बनाने को कहा गया है. डॉ. अजय तिर्की - मेयर

ब्रेस्ट फीडिंग के फायदे: स्तनपान सप्ताह मनाने का उद्देश्य नई माताओं को बच्चे के जन्म के बाद स्तनपान की जरूरत बताना है. मां का दूध बच्चे का पहला आहार होता है. यह बच्चे को कई बीमारियों से बचा कर रखता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, जिन बच्चों को स्तनपान करवाया जाता है उनका बौद्धिक विकास अच्छे से होता है. इसके अलावा रोक प्रतिरोधक क्षमता भी ऐसे बच्चों में ज्यादा रहती है. वहीं जो मां बच्चे को ब्रेस्ट फीडिंग करवाती हैं उनमें ब्रेस्ट कैंसर और ओवेरियन कैंसर का खतरा भी कम होता है.

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