कोरबा: रानी धनराज कुंवर कोरबा रियासत की अंतिम कर्ताधर्ता थीं, लेकिन यह जानकर आपको हैरानी होगी कि रानी धनराज कुंवर ने अपने आगे अंग्रेजों की नहीं चलने दी और उन्हीं की भाषा में जवाब दिया.
भतीजे को लिया गोद
जोगेश्वर प्रताप सिंह और रानी धनराज कुंवर को संतान के तौर पर बेटी थी, लेकिन रानी ने अंग्रेजों की साजिश को भांपते हुए अपने भतीजे कुंवर दृगपाल सिंह और कुंवर भूषण प्रताप सिंह को उत्तराधिकारी तय किया. इसके लिए रानी ने अंग्रेजों से चार साल तक कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ी और 1922 में उन्हें जीत मिली, जिसके बाद अंग्रेजों ने धनराजकुंवर को राज्य की गद्दी वापस सौंप की.
वाइसरॉय ने की थी तारीफ
बकायदा लॉर्ड वाइसरॉय ने महारानी की तारीफ में पत्र लिखकर उन्हें जनसेवी बताया था और यह भी लिखा था कि आपके राज्य की आर्थिक स्थिति भी बेहद मजबूत है. उस जमाने में रानी धनराज कुंवर ने अपने राज्य में शैक्षिक संस्थान और एंबुलेंस की सुविधा आम जनता को प्रदान की थी.