कोरबा: खराब आर्थिक स्थिति के कारण आगे की पढ़ाई कर पाने में असमर्थ गरीब बच्चों को रोजगार और स्वरोजगार से जोड़ने के लिए कोरबा जिला प्रशासन Korba district administration ने एक संवेदनशील प्रयास किया है. जिले के दस बच्चों को तकनीकी शिक्षा दी जा रही है. इन विद्यार्थियों का प्रशिक्षण शुल्क जिला प्रशासन द्वारा वहन किया जा रहा है. प्रशिक्षण के बाद इन विद्यार्थियों को कैम्पस प्लेसमेंट के द्वारा कम से कम 20 हजार रुपए प्रतिमाह का रोजगार बड़ी कंपनियों में मिल सकता है. जिला प्रशासन की मदद से सिपेट में 10 बच्चे पढ़ रहे हैं. initiative of Korba district administration
कोरोना ने छीन लिया माता पिता का सहारा: 10 विद्यार्थियों में महिला बालगृह की चार छात्राएं भी शामिल हैं. तीन बच्चे ऐसे हैं, जिनके माता पिता कोविड Corona के कारण इस दुनिया में अब नहीं हैं. orphan children in Corona तीन विद्यार्थी गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार से हैं. कोरबा कलेक्टर संजीव झा Korba Collector Sanjeev Jha की इस पहल से अपने पैर पर खड़े होने के इच्छुक कमजोर आर्थिक स्थिति वाले गरीब छात्रों को तकनीकी पाठ्यक्रम में प्रवेश मिलेगा. तकनीकी पढ़ाई पूरी करके विद्यार्थी कैम्पस प्लेसमेंट के माध्यम से बड़ी कंपनियों में रोजगार प्राप्त कर सकेंगे.initiative of Korba district administration
ट्रेनिंग के बाद कैंपस प्लेसमेंट: कोरबा लाइवलीहुड कॉलेज Korba Livelihood College के प्राचार्य अरुणेंद्र मिश्रा ने बताया कि "कलेक्टर द्वारा जिले के विभिन्न स्थानों के 6 और महिला बालगृह के 4 जरुरतमंद छात्र छात्राओं को सिपेट कोरबा में तकनीकी प्रशिक्षण के लिए संचालित डिप्लोमा पाठ्यक्रम के लिए नामित किया गया. प्रशिक्षण का शुल्क जिला प्रशासन द्वारा वहन किया जाएगा. सिपेट में संचालित इन डिप्लोमा पाठ्यक्रमों में छात्रों को प्लास्टिक उत्पादों के लिए डिजाइन, मोल्ड मेकिंग और प्रसंस्करण की ट्रेनिंग दी जाती है. प्रशिक्षण के बाद छात्र सिपेट द्वारा आयोजित कैम्पस प्लेसमेंट के जरिए रोजगार प्राप्त करते हैं. कुछ छात्र अपने स्वयं का व्यवसाय सिपेट CIPET में उपलब्ध मशीनों के माध्यम से कर सकते हैं.
नौकरी के अवसर: पूर्व में सिपेट CIPET से उत्तीर्ण अल्प और दीर्घकालीन पाठ्यक्रम के छात्र-छात्राओं ने देश में स्थित विभिन्न राष्ट्रीय, बहुराष्ट्रीय कंपनीयों में सिपेट के सहयोग से रोजगार हासिल किया है.