कोरबा: शहर के निहारिका स्थित ओपन ऑडिटोरियम में जिले की अस्थाई चौपाटी सालों से स्थापित है. मंगलवार को निगमकर्मियों के साथ प्रशासनिक अमले ने ठेले वालों को ओपन ऑडिटोरियम के पीछे स्थायी चौपाटी में शिफ्ट कर दिया. चौपाटी में चाट, गुपचुप आदि के ठेले लगाकर रोजी-रोटी कमाने वाले छोटे व्यवसायियों का आरोप है कि उन्हें ठेले हटाए जाने की कोई सूचना नहीं दी गई. मंगलवार को अचानक बलपूर्वक उन्हें गढ़ कलेवा स्थित स्थाई चौपाटी में शिफ्ट कर दिया गया. जिससे कि उन्हें नुकसान के साथ ही अव्यवस्थाओं का सामना करना पड़ रहा है.
बारिश के बाद बढ़ी मुश्किलें
मंगलवार को सुबह से ही निगम अमले ने कार्रवाई शुरू कर दी थी. मौके पर प्रशासनिक अधिकारियों के साथ ही निगम के अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे. इस बीच दोपहर मौसम अचानक बदला और आंधी-तूफान के बाद तेज बारिश शुरू हो गई. निगम द्वारा बनाए गए स्थाई चौपाटी में कई स्थानों पर जलभराव जैसी स्थिति बन गई है. अंदर ठेले लगाए जाने वाले स्थान पर मिट्टी कीचड़ में तब्दील हो गई है. जिससे ठेले वालों की मुश्किलें बढ़ गई है.
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निगम के अफसरों का साफ तौर पर कहना है कि चौपाटी में ठेले लगाने वाले छोटे व्यवसायियों को 1 महीने से भी ज्यादा समय पहले स्थाई चौपाटी में शिफ्ट होने को कहा गया था, लेकिन वह बार-बार आनाकानी कर रहे थे. जिसके कारण आज उन्हें स्थाई चौपाटी में शिफ्ट कराया गया है. ओपन ऑडिटोरियम में कई तरह के आयोजन होते हैं. जिससे कि बार-बार उन्हें यहां से हटना पड़ता है. उनकी सुविधा के लिए ही उन्हें स्थाई चौपाटी में शिफ्ट किया गया है.
निगम आयुक्त को सौंपा था ज्ञापन
जबकि चौपाटी में ठेले लगाने वाले छोटे व्यवसायियों का कहना है कि उन्होंने कभी भी स्थाई चौपाटी में आने से इनकार नहीं किया था. उन्होंने 6 बिंदुओं का मांग पत्र आयुक्त को 7 जनवरी को सौंपा था. जिसमें मांग की गई थी कि सभी को गुमटी बनाकर दिया जाए. कोसाबाड़ी रोड से लेक चौक तक सभी ठेले वालों को यहां शिफ्ट किया जाए.
गढ़ कलेवा के साथ चौपाटी का नाम जोड़ा जाए और निगम द्वारा डस्टबिन की व्यवस्था की जाए. लेकिन इस तरह की मांगों पर विचार नहीं किया गया. जिसके कारण हम अव्यवस्थाओं से जूझ रहे हैं.