ETV Bharat / state

SPECIAL: कुसमुंडा खदान में धधक रही आग, प्रबंधन की चुप्पी पर उठे सवाल

author img

By

Published : Jul 12, 2020, 5:04 PM IST

कोरबा के कुसमुंडा खदान में कोयला डिस्पैच की गति कम होने की वजह से प्रबंधन को भारी नुकसान हो रहा है. दरअसल, डंपिंग यार्ड स्पॉन्टेनियस हीटिंग के कारण कोयले में आग लग गई है. जो बीते 3 महीने से बुझने का नाम नहीं ले रही है. जिससे अबतक करीब 15 हजार टन कोयला जलकर खाक हो चुकी है, अब इस मामले में प्रबंधन पर भी सवाल उठने लगे हैं.

A fierce fire in coal stock
कोल स्टॉक में लगी भीषण आग

कोरबा: कुसमुंडा ओपन कास्ट कोल माइंस देश के सबसे बड़े दो कोयला खदानों में से एक है. यहां कोयले का आकूत भंडार है. यहां मार्च से ही भीषण आग लगी हुई है. जो अबतक नहीं बुझी है. इसे लेकर अब कोल माइंस प्रबंधन पर कई सवाल उठने लगे हैं.

कुसमुंडा खदान में धधक रही आग

दरअसल, कुसमुंडा खदान में लॉकडान के दौरान जब परिवहन बंद था, तो कोल माइंस से कोयला निकाल पास में ही बरपाली डंपिंग यार्ड में स्टॉक किया जा रहा था. इस डंपिंग यार्ड में अब तक लाखों टन कोयले को डंप कर रखा गया है. इस डंपिंग यार्ड में मार्च में स्पॉन्टेनियस हीटिंग के कारण आग लग गई थी. जिसे बुझाने की कोशिश की जा रही है, लेकिन 3 महीने बाद भी इस आग को नहीं बुझाई जा सकी है.

A fierce fire in coal stock
कबतक बुझेगी आग

जानकारों के मुताबिक पहली बारिश के बाद कोयले की आद और तेज हो गई है, क्योंकि पानी के संपर्क में आने के कारण जल रहे कोयले को ऑक्सीजन मिल गया है. कुछ जानकारों का कहना है कि आमतौर पर कोयला खदानों में आग लगती रहती है, लेकिन समय के साथ और ऑक्सीजन की कमी से कई बार ये आग खुद ही बुझ भी जाती है. इस बार आग बुझाने पर भी नहीं बुझ रही है, जिससे अधिकारियों की चिंता बढ़ गई है. तमाम कोशिशों के बाद भी SECL प्रबंधन कोयले में लगी आग को बुझा नहीं पा रहा है. SECL प्रबंधन के मुताबिक स्टॉक पर लगातार पानी का छिड़काव किया जा रहा है, लेकिन पानी की मात्रा कम होने के कारण आग बुझने के बजाय और तेज हो रही है.

A fierce fire in coal stock
अबतक क्यों नहीं बुझी आग
पढ़ें- कोरबा: कमर्शियल माइनिंग के विरोध में श्रमिक संगठन हुए एकजुट, 2 जुलाई से करेंगे हड़ताल

धुआं से कर्मचारी को परेशान
कोयले में लगी आग धीरे-धीरे और बढ़ती ही जा रही है. आसपास के लोग बताते हैं, मार्च से लगातार डंपिंग यार्ड से 24 घंटे धुआं निकल रहा है. जिससे आसपास के लोगों के साथ इस कोल माइंस में काम करने वाले कर्मचारी भी परेशान हो रहे हैं. कई कर्मचारियों को सांस संबंधी शिकायतें आ भी रही है.

A fierce fire in coal stock
कोयले में लगी भीषण आग
पढ़ें- कोयला लोडिंग के नाम पर 3 हजार रुपये की वसूली, पूर्व विधायक ने पीएम मोदी को लिखा पत्र

गड़बड़ी की आशंका
कुछ जानकारों की मानें तो कोल खदानों में आग लगना कई बाद बड़े अधिकारियों के लिए फायदेमंद होता है. इसकी आड़ में कोल खदानों के अंदर कई तरह की गड़बड़ियां को भी अंजाम दिया जाता है. कोल खदान में लगी आग से कई बार अधिकारियों की जेब भी गर्म होती है. इस कोल माइंस में भी ऐसी आशंका जताई जा रही है. क्योंकि देश के सबसे बड़े कोल खदान में 3 महीने से पाइप लाइन के सहारे आग बुझाई जा रही है, लेकिन अब तक स्प्रिंकलर या अन्य कोई भी ठोस इंतजाम नहीं किए गए हैं.

A fierce fire in coal stock
प्रबंधन पर सवाल

पढ़ें- कोरिया: पुलिस और विधायक के समर्थकों में झूमाझटकी, SECL के दफ्तर का कर रहे थे घेराव

15 हजार टन कोयला खाक
SECL सेफ्टी बोर्ड के मेंबर सीएम मनोहर का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान रोड सेल के जरिए से जिस कोयले का परिवहन किया जाता है, वहीं स्टॉक ज्यादा मात्रा में जमा हो गया था. अनुमान है कि 15 हजार टन कोयला अबतक जलकर खाक हो चुका है. हालांकि प्रबंधन आग पर काबू पाने का प्रयास कर रहा है. इधर, कुसमुंडा खदान में लगी भीषण आग के बारे में जब GM रंजन शाह से संपर्क किया गया तो, उन्हेंने फोन नहीं उठाया.

कोरबा: कुसमुंडा ओपन कास्ट कोल माइंस देश के सबसे बड़े दो कोयला खदानों में से एक है. यहां कोयले का आकूत भंडार है. यहां मार्च से ही भीषण आग लगी हुई है. जो अबतक नहीं बुझी है. इसे लेकर अब कोल माइंस प्रबंधन पर कई सवाल उठने लगे हैं.

कुसमुंडा खदान में धधक रही आग

दरअसल, कुसमुंडा खदान में लॉकडान के दौरान जब परिवहन बंद था, तो कोल माइंस से कोयला निकाल पास में ही बरपाली डंपिंग यार्ड में स्टॉक किया जा रहा था. इस डंपिंग यार्ड में अब तक लाखों टन कोयले को डंप कर रखा गया है. इस डंपिंग यार्ड में मार्च में स्पॉन्टेनियस हीटिंग के कारण आग लग गई थी. जिसे बुझाने की कोशिश की जा रही है, लेकिन 3 महीने बाद भी इस आग को नहीं बुझाई जा सकी है.

A fierce fire in coal stock
कबतक बुझेगी आग

जानकारों के मुताबिक पहली बारिश के बाद कोयले की आद और तेज हो गई है, क्योंकि पानी के संपर्क में आने के कारण जल रहे कोयले को ऑक्सीजन मिल गया है. कुछ जानकारों का कहना है कि आमतौर पर कोयला खदानों में आग लगती रहती है, लेकिन समय के साथ और ऑक्सीजन की कमी से कई बार ये आग खुद ही बुझ भी जाती है. इस बार आग बुझाने पर भी नहीं बुझ रही है, जिससे अधिकारियों की चिंता बढ़ गई है. तमाम कोशिशों के बाद भी SECL प्रबंधन कोयले में लगी आग को बुझा नहीं पा रहा है. SECL प्रबंधन के मुताबिक स्टॉक पर लगातार पानी का छिड़काव किया जा रहा है, लेकिन पानी की मात्रा कम होने के कारण आग बुझने के बजाय और तेज हो रही है.

A fierce fire in coal stock
अबतक क्यों नहीं बुझी आग
पढ़ें- कोरबा: कमर्शियल माइनिंग के विरोध में श्रमिक संगठन हुए एकजुट, 2 जुलाई से करेंगे हड़ताल

धुआं से कर्मचारी को परेशान
कोयले में लगी आग धीरे-धीरे और बढ़ती ही जा रही है. आसपास के लोग बताते हैं, मार्च से लगातार डंपिंग यार्ड से 24 घंटे धुआं निकल रहा है. जिससे आसपास के लोगों के साथ इस कोल माइंस में काम करने वाले कर्मचारी भी परेशान हो रहे हैं. कई कर्मचारियों को सांस संबंधी शिकायतें आ भी रही है.

A fierce fire in coal stock
कोयले में लगी भीषण आग
पढ़ें- कोयला लोडिंग के नाम पर 3 हजार रुपये की वसूली, पूर्व विधायक ने पीएम मोदी को लिखा पत्र

गड़बड़ी की आशंका
कुछ जानकारों की मानें तो कोल खदानों में आग लगना कई बाद बड़े अधिकारियों के लिए फायदेमंद होता है. इसकी आड़ में कोल खदानों के अंदर कई तरह की गड़बड़ियां को भी अंजाम दिया जाता है. कोल खदान में लगी आग से कई बार अधिकारियों की जेब भी गर्म होती है. इस कोल माइंस में भी ऐसी आशंका जताई जा रही है. क्योंकि देश के सबसे बड़े कोल खदान में 3 महीने से पाइप लाइन के सहारे आग बुझाई जा रही है, लेकिन अब तक स्प्रिंकलर या अन्य कोई भी ठोस इंतजाम नहीं किए गए हैं.

A fierce fire in coal stock
प्रबंधन पर सवाल

पढ़ें- कोरिया: पुलिस और विधायक के समर्थकों में झूमाझटकी, SECL के दफ्तर का कर रहे थे घेराव

15 हजार टन कोयला खाक
SECL सेफ्टी बोर्ड के मेंबर सीएम मनोहर का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान रोड सेल के जरिए से जिस कोयले का परिवहन किया जाता है, वहीं स्टॉक ज्यादा मात्रा में जमा हो गया था. अनुमान है कि 15 हजार टन कोयला अबतक जलकर खाक हो चुका है. हालांकि प्रबंधन आग पर काबू पाने का प्रयास कर रहा है. इधर, कुसमुंडा खदान में लगी भीषण आग के बारे में जब GM रंजन शाह से संपर्क किया गया तो, उन्हेंने फोन नहीं उठाया.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.