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कोरबा में गायब जमीन की तलाश में जुटा पुलिस प्रशासन

कोरबा शहर के पाम मॉल के पास अरुणिमा सिंह नाम की महिला की कीमती जमीन गायब हो गई. आपको भी ये सुनकर हैरानी हो रही होगी. इस मामले में FIR के बाद नाराज राजस्व विभाग संघ ने धरना-प्रदर्शन भी किया था. जिसके बाद कलेक्टर ने जांच टीम का गठन किया.

Revenue Department Association
राजस्व विभाग संघ
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Published : Mar 19, 2021, 1:53 PM IST

Updated : Mar 19, 2021, 6:41 PM IST

कोरबा: जिले में अरुणिमा सिंह नाम की एक महिला की पाम मॉल के पास स्थित जमीन गायब हो गई, जिसकी तलाश जारी है. अरुणिमा की पटवारी हलका पावर हाउस रोड स्थित खसरा नंबर 663/3 की जमीन से छेड़छाड़ और चौहद्दी में बदलने की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की गई थी. कार्रवाई से नाराज छत्तीसगढ़ राजस्व निरीक्षक संघ और राजस्व पटवारी संघ ने बुधवार को एक दिन का सांकेतिक धरना-प्रदर्शन किया था. जिसके बाद कलेक्टर ने मामले की निष्पक्ष जांच के लिए जिला स्तरीय जांच दल का गठन किया.

जांच दल का गठन

इस मामले में 18 मार्च को अपर कलेक्टर प्रियंका महोबिया ने जांच दल के सामने सभी पक्षों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए कहा था. गुरुवार को कोरबा एसडीएम सुनील नायक, तहसीलदार सुरेश साहू, कोतवाली थाना प्रभारी दुर्गेश शर्मा, सीमांकन दल के सभी सदस्य, अरुणिमा सिंह अपने बेटे अंकित सिंह के साथ जांच दल के सामने उपस्थित हुईं.

ये है पूरा मामला

पाम मॉल के पास प्रार्थी अरुणिमा सिंह की जमीन है. अरुणिमा ने कोतवाली थाने में शिकायत दर्ज कराई है कि उनके पिता ने साल 1991 में एक जमीन खरीदी थी. पिता की मृत्यु के बाद अरुणिमा के नाम पर जमीन का नामांतरण हुआ था. जिसका खसरा B1, पंचशाला प्रार्थिया के नाम पर दर्ज है. साल 2017 में प्रार्थी ने जमीन पर बाउंड्री वॉल बनाना चाहा, लेकिन मौके पर उसे जमीन नहीं मिली. तब राजस्व विभाग से जमीन की नकल ली गई. तब प्रार्थी की जमीन कृष्णा बिल्डकॉन प्राइवेट लिमिटेड के बनाए गए पाम मॉल क्षेत्र के अंदर दिखी. जिसका नक्शा प्रार्थी ने थाने में प्रस्तुत किया.

बिना विभागीय जांच के पटवारी पर FIR, राजस्व निरीक्षक संघ ने दिया धरना

अलग-अलग जगह पर दिखाई गई जमीन

जब इसी जमीन का नक्शा और खसरा साल 2018 में भुइयां एप के जरिए निकाला गया, तब जमीन को किसी और जगह दिखा दिया गया. अलग-अलग समय पर जमीन के अलग-अलग क्षेत्र में दर्शाए जाने से रिकॉर्ड में छेड़छाड़ की शिकायत दस्तावेज सहित पुलिस को मिली थी. शिकायत के संबंध में 22 दिसंबर 2020 को पुलिस ने गैरजमानतीय धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया था.

पाम मॉल के संचालक नहीं हुए जांच टीम के सामने उपस्थित

दूसरी तरफ पाम मॉल के संचालक दिनेश मोदी यहां उपस्थित नहीं हुए. सभी पक्षों का बयान जांच टीम के सामने कलमबद्ध किया गया, लेकिन दिनेश मोदी का बयान दर्ज नहीं हो पाया. जांच के दौरान दोपहर 12:30 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक इस मामले के सभी बिंदुओं पर पूछताछ और पड़ताल चलती रही. हालांकि अभी मामले में अपर कलेक्टर से चर्चा नहीं हो पाई है, लेकिन जानकारी के मुताबिक, राजस्व अमले ने अपनी तरफ से सारी कार्रवाई को सही बताने कि कोशिश की है. उन्होंने रिकॉर्ड में गलतियां होने को सामान्य बताया और कहा कि ऐसे बहुत से मामले हैं, जिनमें सुधार किया जा रहा है.

प्रार्थी को अनसुना किया गया

प्रार्थी अरुणिमा सिंह के बेटे अंकित का कहना है कि उनकी बातों को अनसुना किया गया. पाम मॉल के निर्माण क्षेत्र और इसके अगल-बगल की सभी जमीन मौजूद हैं, लेकिन हमारी जमीन नहीं मिल रही है, जिसके संबंध में हमने तथ्य रखने के प्रयास किए, जिन्हें सुना ही नहीं गया.

फैसले पर टिकी निगाहें

जमीन मालिक अब तक की कार्रवाई से असंतुष्ट हैं. पहले भी लगातार जमीन को अलग-अलग स्थानों पर दर्शाया जा चुका है. जिससे कई संदिग्ध बातें निकलकर सामने आ चुकी हैं. अब देखना यह होगा कि सभी तथ्यों को समझने और परखने के बाद जिला स्तरीय जांच दल किस नतीजे पर पहुंचता है.

कोरबा: जिले में अरुणिमा सिंह नाम की एक महिला की पाम मॉल के पास स्थित जमीन गायब हो गई, जिसकी तलाश जारी है. अरुणिमा की पटवारी हलका पावर हाउस रोड स्थित खसरा नंबर 663/3 की जमीन से छेड़छाड़ और चौहद्दी में बदलने की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की गई थी. कार्रवाई से नाराज छत्तीसगढ़ राजस्व निरीक्षक संघ और राजस्व पटवारी संघ ने बुधवार को एक दिन का सांकेतिक धरना-प्रदर्शन किया था. जिसके बाद कलेक्टर ने मामले की निष्पक्ष जांच के लिए जिला स्तरीय जांच दल का गठन किया.

जांच दल का गठन

इस मामले में 18 मार्च को अपर कलेक्टर प्रियंका महोबिया ने जांच दल के सामने सभी पक्षों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए कहा था. गुरुवार को कोरबा एसडीएम सुनील नायक, तहसीलदार सुरेश साहू, कोतवाली थाना प्रभारी दुर्गेश शर्मा, सीमांकन दल के सभी सदस्य, अरुणिमा सिंह अपने बेटे अंकित सिंह के साथ जांच दल के सामने उपस्थित हुईं.

ये है पूरा मामला

पाम मॉल के पास प्रार्थी अरुणिमा सिंह की जमीन है. अरुणिमा ने कोतवाली थाने में शिकायत दर्ज कराई है कि उनके पिता ने साल 1991 में एक जमीन खरीदी थी. पिता की मृत्यु के बाद अरुणिमा के नाम पर जमीन का नामांतरण हुआ था. जिसका खसरा B1, पंचशाला प्रार्थिया के नाम पर दर्ज है. साल 2017 में प्रार्थी ने जमीन पर बाउंड्री वॉल बनाना चाहा, लेकिन मौके पर उसे जमीन नहीं मिली. तब राजस्व विभाग से जमीन की नकल ली गई. तब प्रार्थी की जमीन कृष्णा बिल्डकॉन प्राइवेट लिमिटेड के बनाए गए पाम मॉल क्षेत्र के अंदर दिखी. जिसका नक्शा प्रार्थी ने थाने में प्रस्तुत किया.

बिना विभागीय जांच के पटवारी पर FIR, राजस्व निरीक्षक संघ ने दिया धरना

अलग-अलग जगह पर दिखाई गई जमीन

जब इसी जमीन का नक्शा और खसरा साल 2018 में भुइयां एप के जरिए निकाला गया, तब जमीन को किसी और जगह दिखा दिया गया. अलग-अलग समय पर जमीन के अलग-अलग क्षेत्र में दर्शाए जाने से रिकॉर्ड में छेड़छाड़ की शिकायत दस्तावेज सहित पुलिस को मिली थी. शिकायत के संबंध में 22 दिसंबर 2020 को पुलिस ने गैरजमानतीय धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया था.

पाम मॉल के संचालक नहीं हुए जांच टीम के सामने उपस्थित

दूसरी तरफ पाम मॉल के संचालक दिनेश मोदी यहां उपस्थित नहीं हुए. सभी पक्षों का बयान जांच टीम के सामने कलमबद्ध किया गया, लेकिन दिनेश मोदी का बयान दर्ज नहीं हो पाया. जांच के दौरान दोपहर 12:30 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक इस मामले के सभी बिंदुओं पर पूछताछ और पड़ताल चलती रही. हालांकि अभी मामले में अपर कलेक्टर से चर्चा नहीं हो पाई है, लेकिन जानकारी के मुताबिक, राजस्व अमले ने अपनी तरफ से सारी कार्रवाई को सही बताने कि कोशिश की है. उन्होंने रिकॉर्ड में गलतियां होने को सामान्य बताया और कहा कि ऐसे बहुत से मामले हैं, जिनमें सुधार किया जा रहा है.

प्रार्थी को अनसुना किया गया

प्रार्थी अरुणिमा सिंह के बेटे अंकित का कहना है कि उनकी बातों को अनसुना किया गया. पाम मॉल के निर्माण क्षेत्र और इसके अगल-बगल की सभी जमीन मौजूद हैं, लेकिन हमारी जमीन नहीं मिल रही है, जिसके संबंध में हमने तथ्य रखने के प्रयास किए, जिन्हें सुना ही नहीं गया.

फैसले पर टिकी निगाहें

जमीन मालिक अब तक की कार्रवाई से असंतुष्ट हैं. पहले भी लगातार जमीन को अलग-अलग स्थानों पर दर्शाया जा चुका है. जिससे कई संदिग्ध बातें निकलकर सामने आ चुकी हैं. अब देखना यह होगा कि सभी तथ्यों को समझने और परखने के बाद जिला स्तरीय जांच दल किस नतीजे पर पहुंचता है.

Last Updated : Mar 19, 2021, 6:41 PM IST
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