कोरबा: गांवों में स्वच्छ भारत की तस्वीर अब धुंधली नजर आ रही है. खुले में शौच मुक्त गांव किए जाने का संकल्प टूट रहा है. शौचालयों के निर्माण पर करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी 'जहां सोच वहां शौचालय' की सोच गांवों में स्थापित नहीं हो पा रही है. सुपातराई गांव को ओडीएफ तो घोषित कर दिया गया, लेकिन यहां अब भी ग्रामीण खुले में शौच के लिए जाने को मजबूर हैं.
करतला विकासखंड के ग्राम पंचायत सुपातराई को 4 साल पहले ओडीएफ घोषित किया गया है, लेकिन सुपातराई गांव के ग्रामीणों का कहना है कि यहां शौचालय ही नहीं बना. मजबूरी में इन्हें शौच के लिए जंगल में जाना पड़ता है. जंगली जानवर या जहरीले सांप का खतरा बना रहता है. सुपातराई गांव जंगल से घिरा हुआ है, इसीलिए ग्रामीणों को डर के साये में शौच क्रिया के लिए जाना पड़ता है.
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ग्रामीण रामदयाल ने बताया कि उनके घर में शौचालय बनाने के लिए ईंट भी गिर चुका था, लेकिन पता नहीं किसके कहने पर वहां गिरे ईंट को भी दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया गया. ग्रामीण रामदयाल के घर में अभी तक शौचालय नहीं बन पाया है.
ग्रामीणों ने कई बार की शिकायत
ग्रामीण मैना बाई का कहना है कि उनके यहां राशन कार्ड के हिसाब से दो शौचालय बनने थे, लेकिन उनके घर एक ही शौचालय बना दिया गया है. जहां शौचालय का पाइप भी टूटा हुआ है. मैना बाई सरपंच और सचिव से कई बार गुहार लगा चुकीं हैं. इसके बावजूद भी कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है.
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सरपंच ने नहीं दी जानकारी
ETV भारत की टीम ने ग्राम पंचायत सुपातराई की सरपंच से जानकारी लेनी चाही, लेकिन उन्होंने कैमरे के सामने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. वहीं सरपंच पति से सवाल पूछे जाने पर उन्होंने मीडियाकर्मियों से गाली-गलौज भी की, जिसके बाद वह मारपीट की धमकी भी देने लगा.