कोरबा : एक तरफ पूरा देश आजादी के जश्न में डूबा हुआ (korba news) था. वहीं जिले के वनांचल क्षेत्र जटगा में एक महिला प्रसव पीड़ा से तड़प रही (Safe delivery of child in police vehicle in Korba ) थी. अस्पताल की दूरी अधिक होने का कारण स्थानीय लोगों ने डायल 112 को फोन किया. जिसके बाद जवान फिर से सही समय पर मदद लेकर महिला तक पहुंचे और फिर महिला ने वाहन में ही एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया. फिलहाल महिला जटगा के स्वास्थ्य केंद्र (Korba Jatga Health Center) में भर्ती है.जहां जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं.
महिला की स्थिति बनी हुई थी नाजुक : यह मामला जिले के वनांचल क्षेत्र जटगा के बांगो थाना अंतर्गत आने वाले गांव नवापारा का है. सेंट्रलाइज कमांड व कंट्रोल सेंटर रायपुर से मेडिकल इमरजेंसी की सूचना बांगो कोबरा-2 टीम के ईआरवी स्टाफ आरक्षक मुकेश जाटवर और चालक विकास राजपूत को मिली. टीम तत्काल रवाना होकर बताए पते गांव नवापारा पहुंची. जहां बसंता नेताम प्रसव पीड़ा से तड़प रही थी. मितानिन जानकुंवर ने बताया कि महिला की स्थिति काफी नाजुक बनी हुई थी.
मितानिन ने वाहन में कराया प्रसव : टीम ने त्वरित कार्यवाई करते हुए उक्त पीड़ित व्यक्ति को आनन-फानन में परिजनों की मदद से डायल 112 वाहन में बैठाया. डायल-112 में बैठाकर बेहतर उपचार हेतु नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जटगा के लिए रवाना हुए. लेकिन रास्ते में महिला को प्रसव पीड़ा बढ़ जाने से मितानिन के कहने पर सुरक्षित स्थान देखकर वाहन को गया. इसके बाद मितानिन और महिला के परिजनों की मदद से ईआरव्ही वाहन में ही प्रसूता महिला का सुरक्षित प्रसव कराया गया. उक्त महिला ने एक स्वस्थ शिशु को जन्म दिया.
जन्म के बाद पहुंचाया स्वास्थ्य केंद्र : बच्चे के जन्म के बाद डायल 112 की टीम द्वारा जच्चा-बच्चा दोनों को बेहतर उपचार के लिए नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जटगा में ले जाकर भर्ती कराया गया. परिजनों ने 112 टीम की जमकर सराहना करते हुए बहुत आभार व्यक्त भी किया.
ये भी पढ़ें - खेत में रोपा लगाते वक्त हुई प्रसव पीड़ा, डायल 112 में आशा को मिली जीवन की किरण
क्या है डायल 112 : 4 सितंबर 2018 को सभी इमरजेंसी सेवाओं के हेल्पलाइन नंबरों को हटाकर सरकार ने एक इमरजेंसी नंबर डायल 112 शुरू किया गया था. तब राज्य के 11 जिलों में सेवाएं शुरू की गई थी. लेकिन अब इसका विस्तार हो चुका है.इसके जरिए पुलिस, फायर और मेडिकल इमरजेंसी की सुविधाएं दी जा रही हैं. इसमें पुलिस का वाहन 24 घंटे अलग-अलग पाइंट पर तैनात रहता है. डायल 112 में कॉल करते समय संबंधित व्यक्ति की पूरी जानकारी आ जाती है. इससे डायल 112 के टेक्निकल एक्सपर्ट उसका लोकेशन चेक करते हैं. फिर कार्रवाई के लिए संबंधित थाने की पुलिस को जानकारी भेजते हैं. यही वजह है कि फोन करने वालों का पता आसानी से चल जाता है.