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कुत्ते की मौत पर परिजन की तरह अंतिम संस्कार और दशकर्म, रक्षाबंधन भी नहीं मनाएगी वीनी की बहन - अंतिम संस्कार और मुक्ति

कोरबा में एक परिवार ने पालतू जानवर को ना सिर्फ अपने साथ रखा बल्कि उसकी मौत के बाद परिवार के सदस्य जैसे ही अंतिम संस्कार और मुक्ति से जुड़े सभी कार्यक्रम किए.

Etv Bharat rites performed after the death of the dog in Korba
एक जानवर जो बना परिवार का सदस्य Bharat
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Published : Aug 11, 2022, 12:39 PM IST

Updated : Aug 11, 2022, 4:07 PM IST

कोरबा : आज के दौड़ भाग भरे जीवन में लोगों के पास अपनों के लिए भी समय निकालना कठिन होता है. ऐसे में जिले के एक परिवार ने पशु प्रेम की ऐसी मिसाल पेश की, जिसके बारे में जिसने भी सुना, वो बिना तारीफ किए नहीं रह सका. इस परिवार ने 17 साल पहले एक कुत्ते को घर लाया था. बड़े प्यार से न केवल उसका नामकरण किया. बल्कि परिवार का सरनेम भी (Dog becomes family member in Korba) दिया. बुजुर्ग होने पर इस पालतू कुत्ते का निधन हो गया. जिसके बाद परिवार ने कुत्ते का न केवल समुदाय की रीतियों के अनुसार अंतिम संस्कार किया, बल्कि उसका दशकर्म भोज का आयोजन कर अपना धर्म (Das Gatra of Dog celebrated in Korba) निभाया.

कहां रहता था ये डॉगी : अप्पू गार्डन (स्वामी विवेकानंद उद्यान) से लगे ढोढ़ीपारा बस्ती में कन्हैयालाल चौहान अपने पूरे परिवार के साथ निवास करते हैं. करीब 17 साल पहले वह सीएसईबी कॉलोनी में रहने वाले अपने मित्र संतोष सिंह के पास से एक कुत्ते को घर ले (Animal loving family in korba) आए. चौहान के एक पुत्र और एक पुत्री है, जो उस वक्त काफी छोटे थे. जब घर में नन्हा मेहमान आया. आते ही उसने सबका दिल जीत लिया. परिवार ने बड़े प्यार से उसका नाम वीनी रखा. वीनी को बाकायदा परिवार का सरनेम भी दिया गया और उसका पूरा नाम वीनी चौहान रखा गया. वर्षों तक परिवार का एक अभिन्न सदस्य रहने के बाद कुछ दिन पहले ही वीनी का निधन हो गया. बुजुर्ग अवस्था आ जाने के कारण हुई मृत्यु के बाद वीनी को सिर्फ पशु की तरह नहीं, बल्कि परिवार के सदस्य की तरह विदाई दी गई.

कुत्ते की मौत पर परिजन की तरह अंतिम संस्कार और दशकर्म
परिवार ने रखा दशगात्र का कार्यक्रम : चौहान परिवार (korba news ) ने विनी के निधन पर न केवल शोकसभा रखी बल्कि समाज के रीति रिवाज और परंपराओं के अनुसार अंतिम संस्कार कराया. उसकी शवयात्रा निकाली गई. ढोढ़ीपारा मुक्तिधाम में कफन दफन किया गया. एक दिन पहले ही 10 दिन पूरा होने पर वीनी का दशकर्म भी किया गया और उसके बाद मृत्युभोज हुआ.रक्षाबंधन नहीं मनाएगा परिवार : वैसे तो वीनी सभी का प्रिय था. सबसे ज्यादा करीब रहने वाली है परिवार की बेटी मेघा, जो काफी दुखी है. मेघा कलेक्ट्रेट कार्यालय में डाटा एंट्री ऑपरेटर के पद पर कार्यरत हैं. उन्होंने बताया कि ''वीनी को एक भाई की तरह प्यार करती थी. हर साल रक्षाबंधन में उसे राखी बांधकर उसकी सलामती की दुआ ईश्वर से मांगती थी. इस बार ठीक रक्षाबंधन से पहले वीनी का जाना सभी को खल रहा है. इस बार मैंने रक्षाबंधन नहीं मनाने का फैसला किया है.''

ये भी पढ़ें- कोरबा में तिरंगा राखी की बढ़ी डिमांड

दो साल बाद होगा अस्थि विसर्जन : मेघा ने बताया कि उनके समाज की रीतियों के अनुसार किसी की मृत्यु पर दस दिन का कार्यक्रम होता है. उसी के अनुरूप वीनी का अंतिम संस्कार और अन्य कार्यक्रम हुए. विधिवत कफन-दफन के बाद घर में शोक सभा भी रखी गई थी. मंगलवार को दसवां मनाया गया, वीनी के नाम से पूजन कराया गया और ईश्वर से उसकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई. अब दो साल बाद उसकी अस्थियां निकाली जाएंगी, जिसके बाद उसका विधिवत विसर्जन किया जाएगा.

कोरबा : आज के दौड़ भाग भरे जीवन में लोगों के पास अपनों के लिए भी समय निकालना कठिन होता है. ऐसे में जिले के एक परिवार ने पशु प्रेम की ऐसी मिसाल पेश की, जिसके बारे में जिसने भी सुना, वो बिना तारीफ किए नहीं रह सका. इस परिवार ने 17 साल पहले एक कुत्ते को घर लाया था. बड़े प्यार से न केवल उसका नामकरण किया. बल्कि परिवार का सरनेम भी (Dog becomes family member in Korba) दिया. बुजुर्ग होने पर इस पालतू कुत्ते का निधन हो गया. जिसके बाद परिवार ने कुत्ते का न केवल समुदाय की रीतियों के अनुसार अंतिम संस्कार किया, बल्कि उसका दशकर्म भोज का आयोजन कर अपना धर्म (Das Gatra of Dog celebrated in Korba) निभाया.

कहां रहता था ये डॉगी : अप्पू गार्डन (स्वामी विवेकानंद उद्यान) से लगे ढोढ़ीपारा बस्ती में कन्हैयालाल चौहान अपने पूरे परिवार के साथ निवास करते हैं. करीब 17 साल पहले वह सीएसईबी कॉलोनी में रहने वाले अपने मित्र संतोष सिंह के पास से एक कुत्ते को घर ले (Animal loving family in korba) आए. चौहान के एक पुत्र और एक पुत्री है, जो उस वक्त काफी छोटे थे. जब घर में नन्हा मेहमान आया. आते ही उसने सबका दिल जीत लिया. परिवार ने बड़े प्यार से उसका नाम वीनी रखा. वीनी को बाकायदा परिवार का सरनेम भी दिया गया और उसका पूरा नाम वीनी चौहान रखा गया. वर्षों तक परिवार का एक अभिन्न सदस्य रहने के बाद कुछ दिन पहले ही वीनी का निधन हो गया. बुजुर्ग अवस्था आ जाने के कारण हुई मृत्यु के बाद वीनी को सिर्फ पशु की तरह नहीं, बल्कि परिवार के सदस्य की तरह विदाई दी गई.

कुत्ते की मौत पर परिजन की तरह अंतिम संस्कार और दशकर्म
परिवार ने रखा दशगात्र का कार्यक्रम : चौहान परिवार (korba news ) ने विनी के निधन पर न केवल शोकसभा रखी बल्कि समाज के रीति रिवाज और परंपराओं के अनुसार अंतिम संस्कार कराया. उसकी शवयात्रा निकाली गई. ढोढ़ीपारा मुक्तिधाम में कफन दफन किया गया. एक दिन पहले ही 10 दिन पूरा होने पर वीनी का दशकर्म भी किया गया और उसके बाद मृत्युभोज हुआ.रक्षाबंधन नहीं मनाएगा परिवार : वैसे तो वीनी सभी का प्रिय था. सबसे ज्यादा करीब रहने वाली है परिवार की बेटी मेघा, जो काफी दुखी है. मेघा कलेक्ट्रेट कार्यालय में डाटा एंट्री ऑपरेटर के पद पर कार्यरत हैं. उन्होंने बताया कि ''वीनी को एक भाई की तरह प्यार करती थी. हर साल रक्षाबंधन में उसे राखी बांधकर उसकी सलामती की दुआ ईश्वर से मांगती थी. इस बार ठीक रक्षाबंधन से पहले वीनी का जाना सभी को खल रहा है. इस बार मैंने रक्षाबंधन नहीं मनाने का फैसला किया है.''

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दो साल बाद होगा अस्थि विसर्जन : मेघा ने बताया कि उनके समाज की रीतियों के अनुसार किसी की मृत्यु पर दस दिन का कार्यक्रम होता है. उसी के अनुरूप वीनी का अंतिम संस्कार और अन्य कार्यक्रम हुए. विधिवत कफन-दफन के बाद घर में शोक सभा भी रखी गई थी. मंगलवार को दसवां मनाया गया, वीनी के नाम से पूजन कराया गया और ईश्वर से उसकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई. अब दो साल बाद उसकी अस्थियां निकाली जाएंगी, जिसके बाद उसका विधिवत विसर्जन किया जाएगा.

Last Updated : Aug 11, 2022, 4:07 PM IST
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