कोरबा : आज के दौड़ भाग भरे जीवन में लोगों के पास अपनों के लिए भी समय निकालना कठिन होता है. ऐसे में जिले के एक परिवार ने पशु प्रेम की ऐसी मिसाल पेश की, जिसके बारे में जिसने भी सुना, वो बिना तारीफ किए नहीं रह सका. इस परिवार ने 17 साल पहले एक कुत्ते को घर लाया था. बड़े प्यार से न केवल उसका नामकरण किया. बल्कि परिवार का सरनेम भी (Dog becomes family member in Korba) दिया. बुजुर्ग होने पर इस पालतू कुत्ते का निधन हो गया. जिसके बाद परिवार ने कुत्ते का न केवल समुदाय की रीतियों के अनुसार अंतिम संस्कार किया, बल्कि उसका दशकर्म भोज का आयोजन कर अपना धर्म (Das Gatra of Dog celebrated in Korba) निभाया.
कहां रहता था ये डॉगी : अप्पू गार्डन (स्वामी विवेकानंद उद्यान) से लगे ढोढ़ीपारा बस्ती में कन्हैयालाल चौहान अपने पूरे परिवार के साथ निवास करते हैं. करीब 17 साल पहले वह सीएसईबी कॉलोनी में रहने वाले अपने मित्र संतोष सिंह के पास से एक कुत्ते को घर ले (Animal loving family in korba) आए. चौहान के एक पुत्र और एक पुत्री है, जो उस वक्त काफी छोटे थे. जब घर में नन्हा मेहमान आया. आते ही उसने सबका दिल जीत लिया. परिवार ने बड़े प्यार से उसका नाम वीनी रखा. वीनी को बाकायदा परिवार का सरनेम भी दिया गया और उसका पूरा नाम वीनी चौहान रखा गया. वर्षों तक परिवार का एक अभिन्न सदस्य रहने के बाद कुछ दिन पहले ही वीनी का निधन हो गया. बुजुर्ग अवस्था आ जाने के कारण हुई मृत्यु के बाद वीनी को सिर्फ पशु की तरह नहीं, बल्कि परिवार के सदस्य की तरह विदाई दी गई.
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दो साल बाद होगा अस्थि विसर्जन : मेघा ने बताया कि उनके समाज की रीतियों के अनुसार किसी की मृत्यु पर दस दिन का कार्यक्रम होता है. उसी के अनुरूप वीनी का अंतिम संस्कार और अन्य कार्यक्रम हुए. विधिवत कफन-दफन के बाद घर में शोक सभा भी रखी गई थी. मंगलवार को दसवां मनाया गया, वीनी के नाम से पूजन कराया गया और ईश्वर से उसकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई. अब दो साल बाद उसकी अस्थियां निकाली जाएंगी, जिसके बाद उसका विधिवत विसर्जन किया जाएगा.