कोरबा: आर्मी से रिटायर होने के बाद पूर्व नायक सूबेदार शैलेश कुमार अपने फौजी साथी सेवानिवृत्त लांस नायक राम कुमार राठौर के साथ युवाओं में देशभक्ति का जज्बा भर रहे हैं. दोनों युवाओं को फौज में भर्ती के लिए तैयार कर रहे हैं. उनका मकसद है कि छत्तीसगढ़ के ज्यादा से ज्यादा युवा फौज में भर्ती होकर देश की सेवा करें. इसके लिए दोनों रिटायर ऑफिसर आर्मी की ट्रेनिंग की तरह ही युवाओं को प्रशिक्षित कर रहे हैं.
नायक सूबेदार शैलेश कुमार दिसंबर 2019 में फौज से सेवानिवृत्त हुए थे. जिसके बाद उन्होंने प्रदेश के युवाओं को फौज में कॅरियर बनाने के लिए तैयार करने की ठानी.
शैलेश कुमार अपने फौजी साथी सेवानिवृत्त लांस नायक राम कुमार राठौर के साथ मिलकर जिले के पीजी कॉलेज मैदान में युवाओं को फौज के लिए होने वाली भर्ती प्रक्रिया के लिए तैयार कर रहे हैं. युवाओं का रुझान भी उनकी ओर बढ़ रहा है.
छत्तीसगढ़ के युवाओं में मार्ग दर्शन की कमी
पूर्व लांस नायक रामकुमार ने बताया कि फौज में सेवा देने के दौरान उन्हें छत्तीसगढ़ के काफी कम युवा मिले. उनका कहना है कि प्रशिक्षण की कमी के कारण ही यहां के युवा फौज में भर्ती नहीं हो पा रहे हैं. वो इस कमी को दूर करना चाहते हैं. रामकुमार पहले अपने गृह ग्राम नरियरा के युवाओं को प्रशिक्षित कर रहे थे. पूर्व नायक सूबेदार शैलेश कुमार का कहना है कि फौज में मध्य प्रदेश, राजस्थान, बिहार और हरियाणा जैसे राज्यों के कई युवा कमान संभाल रहे हैं. फौज का नेतृत्व कर रहे हैं. छत्तीसगढ़ के युवा मार्गदर्शन के अभाव में फौज में नहीं जा पाते हैं. हम उसी कमी को दूर करने के लिए उन्हें मार्गदर्शन दे रहे हैं. ताकि ज्यादा से ज्यादा छत्तीसगढ़ के युवा फौज में भर्ती हो सकें. थल सेना, नौसेना और वायु सेना की शुरुआती भर्ती प्रक्रिया में युवाओं को जो दिक्कत आती है, उसे दूर करने की कोशिश की जा रही है.
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युवाओं में भी जज्बा
दोनों भूतपूर्व सैनिक युवाओं को फौज में भर्ती के लिए होने वाली परीक्षा के लिए तैयार कर रहे हैं. पिछले कुछ महीनों से लगातार ट्रेनिंग दी जा रही है. इसका अब रिजल्ट भी मिल रहा है. युवा इस ओर आकर्षित हुए हैं. वर्तमान में लगभग 30 से 35 युवा पूर्व फौजियों से निशुल्क ट्रेनिंग ले रहे हैं. उन्हें शारीरिक व्यायाम के साथ ही शैक्षणिक मदद भी दी जा रही है.
सबसे महत्वपूर्ण है 1600 मीटर की दौड़
शैलेश और रामकुमार ने बताया कि सबसे पहले फौज में भर्ती होने के लिए युवाओं को 1600 मीटर की दौड़ 5 मिनट 30 सेकेंड में पूरी करनी होती है. हम युवाओं को इस तरह तैयार कर रहे हैं कि वह 5 मिनट में ही इस दौड़ को पार करने में सक्षम हो जाएं. इसके अलावा उन्हें कई तरह के व्यायाम भी कराए जा रहे हैं. युवाओं की कमजोरी को परख कर उसके अनुसार ही उन्हें तैयार किया जा रहा है. जो जहां कमजोर है, उसे उसी तरह की ट्रेनिंग दी जा रही है. सुबह 5:00 बजे से ट्रेनिंग की शुरुआत हो जाती है. कभी-कभी शाम को मोटिवेशनल क्लास भी लगाई जाती है.