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धान और मक्का खरीदी के लिए 10 दिन बढ़ी पंजीयन की तारीख, अब 10 नवंबर तक होगा पंजीयन

छत्तीसगढ़ सरकार ने धान और मक्का खरीदी के लिए किसानों के पंजीयन की अवधि दस दिनों के लिए बढ़ा दी है. अब समर्थन मूल्य पर धान और मक्का बेचने वाले नए किसानों का पंजीयन 10 नवंबर तक किया जाएगा. पहले किसानों के पंजीयन की तारीख 31 अक्टूबर निर्धारित की गई थी.

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धान और मक्का खरीदी के लिए 10 दिन बढ़ी पंजीयन की तारीख
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Published : Oct 31, 2020, 11:39 AM IST

Updated : Oct 31, 2020, 11:56 AM IST

कोरबा: छत्तीसगढ़ विधानसभा के विशेष सत्र में विपक्ष ने धान खरीदी का मुद्दा उठाया था. विपक्ष लगातार 1 नवंबर से धान खरीदी करने की मांग कर रहा था. सदन में धान खरीदी के पंजीयन की तारीख को भी बढ़ाने की मांग उठी थी. इस ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में धान और मक्का खरीदी के लिए किसानों के पंजीयन की अवधि दस दिनों के लिए बढ़ा दी है. अब खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 के दौरान समर्थन मूल्य पर धान और मक्का बेचने वाले नए किसानों का पंजीयन 10 नवंबर तक किया जाएगा. पहले किसानों के पंजीयन की तारीख 31 अक्टूबर निर्धारित थी.

नए किसानों को पंजीयन के लिए क्षेत्र की सहकारी समिति से आवेदन लेकर निर्धारित प्रारूप में आवेदन भरकर संबंधित दस्तावेजों के साथ तहसील कार्यालय में जमा करना होगा. आवेदन में दिए गए भूमि, धान-मक्का के रकबे और खसरे का पटवारी की ओर से राजस्व रिकाॅर्ड के मुताबिक सत्यापन किया जाएगा. सत्यापन के लिए राजस्व विभाग के भुईयां डाटा बेस का भी उपयोग किया जाएगा. संबंधित रिकाॅर्ड को तहसीलदार के परीक्षण करने के बाद नए किसान का पंजीयन किया जाएगा. पंजीयन के दौरान सभी किसानों का आधार नंबर उनकी सहमति से दर्ज किया जाएगा. आधार नंबर नहीं होने के कारण किसी भी किसान को पंजीयन से वंचित नहीं किया जाएगा.

तेजी से किया जा रहा है रकबे का सत्यापन

कोरबा जिले में अभी तक 3 हजार 206 नए किसानों ने धान बेचने के लिए समितियों में अपना पंजीयन कराया है. धान और मक्का बेचने के लिए पुराने पंजीकृत किसानों को फिर से पंजीयन कराने समिति में आने की जरुरत नहीं है. बीते साल 27 हजार 694 किसानों ने समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए सहकारी समितियों में पंजीयन कराया था. इन्हें मिलाकर इस साल नये-पुराने 30 हजार 900 किसानों के खेतों में लगे धान के वास्तविक रकबे का सत्यापन तेजी से किया जा रहा है और उसे खसरे में इंद्राज किया जा रहा है.

राजस्व विभाग के मैदानी अमला कर रहा है सत्यापन का काम

बीते साल के पंजीकृत किसानों में से अभी तक 24 हजार 638 किसानों के धान के रकबे का सत्यापन किया जा चुका है. अभी तक सत्यापन के बाद 454 किसानों के रकबे को निरस्त किया गया है. बाकी बचे दो हजार 602 किसानों के धान के रकबे का सत्यापन राजस्व विभाग के मैदानी अमला कर रहा है. इस तरह जिले में अब तक नये-पुराने मिलाकर 27 हजार 844 के धान के रकबे को सत्यापित कर खसरे में इंद्राज किया गया है. खसरे में इंद्राज रकबे के मुताबिक नये-पुराने मिलाकर जिले में अब तक 42 हजार 112 हेक्टेयर से ज्यादा धान फसल का रकबा सत्यापित हो चुका है.

पढ़ें: SPECIAL: धान के रकबा क्षेत्र में शक्कर कारखाना ! नहीं मिल रहा कच्चा माल

कलेक्टर किरण कौशल ने बाकी बचे किसानों के धान के रकबे के सत्यापन काम में तेजी लाकर पांच नवंबर तक सत्यापन का काम पूरा करने के निर्देश दिए है. कलेक्टर ने सत्यापन काम को पूरा करने के निर्देश सभी अनुविभागीय राजस्व अधिकारियों, तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों सहित पटवारियों को दिए हैं. धान और मक्का खरीदी के लिए जिन किसानों ने खरीफ साल 2019-20 में पंजीयन करा लिया था, उन्हें नए पंजीयन की जरूरत नहीं है. पिछले सीजन में पंजीकृत किसानों की दर्ज भूमि, धान और मक्के के रकबे और खसरे को राजस्व विभाग अद्यतन कर रहा है.

तहसील कार्यालय में आवेदन कर सकते हैं किसान

खरीफ साल 2020-21 में किसान पंजीयन के लिए पिछले साल 2019-20 में पंजीकृत किसानों का डाटा कैरी-फाॅरवर्ड किया गया है. धान और मक्का बेचने के इच्छुक नए किसान 10 नवंबर तक पंजीयन के लिए आवेदन कर सकते हैं. धान-मक्का बेचने वाले नए किसान पंजीयन के लिए संबंधित दस्तावेजों के साथ तहसील कार्यालय में आवेदन कर सकते हैं. पुराने पंजीकृत किसान अपने पंजीयन में संशोधन कराना चाहते हैं तो समिति माॅड्यूल के माध्यम से संशोधन करने की सुविधा दी जा रही है.

कोरबा: छत्तीसगढ़ विधानसभा के विशेष सत्र में विपक्ष ने धान खरीदी का मुद्दा उठाया था. विपक्ष लगातार 1 नवंबर से धान खरीदी करने की मांग कर रहा था. सदन में धान खरीदी के पंजीयन की तारीख को भी बढ़ाने की मांग उठी थी. इस ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में धान और मक्का खरीदी के लिए किसानों के पंजीयन की अवधि दस दिनों के लिए बढ़ा दी है. अब खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 के दौरान समर्थन मूल्य पर धान और मक्का बेचने वाले नए किसानों का पंजीयन 10 नवंबर तक किया जाएगा. पहले किसानों के पंजीयन की तारीख 31 अक्टूबर निर्धारित थी.

नए किसानों को पंजीयन के लिए क्षेत्र की सहकारी समिति से आवेदन लेकर निर्धारित प्रारूप में आवेदन भरकर संबंधित दस्तावेजों के साथ तहसील कार्यालय में जमा करना होगा. आवेदन में दिए गए भूमि, धान-मक्का के रकबे और खसरे का पटवारी की ओर से राजस्व रिकाॅर्ड के मुताबिक सत्यापन किया जाएगा. सत्यापन के लिए राजस्व विभाग के भुईयां डाटा बेस का भी उपयोग किया जाएगा. संबंधित रिकाॅर्ड को तहसीलदार के परीक्षण करने के बाद नए किसान का पंजीयन किया जाएगा. पंजीयन के दौरान सभी किसानों का आधार नंबर उनकी सहमति से दर्ज किया जाएगा. आधार नंबर नहीं होने के कारण किसी भी किसान को पंजीयन से वंचित नहीं किया जाएगा.

तेजी से किया जा रहा है रकबे का सत्यापन

कोरबा जिले में अभी तक 3 हजार 206 नए किसानों ने धान बेचने के लिए समितियों में अपना पंजीयन कराया है. धान और मक्का बेचने के लिए पुराने पंजीकृत किसानों को फिर से पंजीयन कराने समिति में आने की जरुरत नहीं है. बीते साल 27 हजार 694 किसानों ने समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए सहकारी समितियों में पंजीयन कराया था. इन्हें मिलाकर इस साल नये-पुराने 30 हजार 900 किसानों के खेतों में लगे धान के वास्तविक रकबे का सत्यापन तेजी से किया जा रहा है और उसे खसरे में इंद्राज किया जा रहा है.

राजस्व विभाग के मैदानी अमला कर रहा है सत्यापन का काम

बीते साल के पंजीकृत किसानों में से अभी तक 24 हजार 638 किसानों के धान के रकबे का सत्यापन किया जा चुका है. अभी तक सत्यापन के बाद 454 किसानों के रकबे को निरस्त किया गया है. बाकी बचे दो हजार 602 किसानों के धान के रकबे का सत्यापन राजस्व विभाग के मैदानी अमला कर रहा है. इस तरह जिले में अब तक नये-पुराने मिलाकर 27 हजार 844 के धान के रकबे को सत्यापित कर खसरे में इंद्राज किया गया है. खसरे में इंद्राज रकबे के मुताबिक नये-पुराने मिलाकर जिले में अब तक 42 हजार 112 हेक्टेयर से ज्यादा धान फसल का रकबा सत्यापित हो चुका है.

पढ़ें: SPECIAL: धान के रकबा क्षेत्र में शक्कर कारखाना ! नहीं मिल रहा कच्चा माल

कलेक्टर किरण कौशल ने बाकी बचे किसानों के धान के रकबे के सत्यापन काम में तेजी लाकर पांच नवंबर तक सत्यापन का काम पूरा करने के निर्देश दिए है. कलेक्टर ने सत्यापन काम को पूरा करने के निर्देश सभी अनुविभागीय राजस्व अधिकारियों, तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों सहित पटवारियों को दिए हैं. धान और मक्का खरीदी के लिए जिन किसानों ने खरीफ साल 2019-20 में पंजीयन करा लिया था, उन्हें नए पंजीयन की जरूरत नहीं है. पिछले सीजन में पंजीकृत किसानों की दर्ज भूमि, धान और मक्के के रकबे और खसरे को राजस्व विभाग अद्यतन कर रहा है.

तहसील कार्यालय में आवेदन कर सकते हैं किसान

खरीफ साल 2020-21 में किसान पंजीयन के लिए पिछले साल 2019-20 में पंजीकृत किसानों का डाटा कैरी-फाॅरवर्ड किया गया है. धान और मक्का बेचने के इच्छुक नए किसान 10 नवंबर तक पंजीयन के लिए आवेदन कर सकते हैं. धान-मक्का बेचने वाले नए किसान पंजीयन के लिए संबंधित दस्तावेजों के साथ तहसील कार्यालय में आवेदन कर सकते हैं. पुराने पंजीकृत किसान अपने पंजीयन में संशोधन कराना चाहते हैं तो समिति माॅड्यूल के माध्यम से संशोधन करने की सुविधा दी जा रही है.

Last Updated : Oct 31, 2020, 11:56 AM IST
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