कोरबा: छत्तीसगढ़ पुलिस में इंस्पेक्टर प्रकाश राठौर को 15 अगस्त के दिन राष्ट्रपति वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा. प्रकाश को उनकी जांबाजी के लिए रायपुर में राज्यपाल की ओर से राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा.
नवंबर 2016 में नक्सलियों से मुठभेड़ के दौरान गोली लगने के बावजूद प्रकाश 18 घंटों तक नक्सलियों से मुकाबला करते रहे. प्रकाश बिना किसी इलाज के नक्सलियों को मुंहतोड़ जवाब देते रहे. ये ऑपरेशन किस्टाराम थाना क्षेत्र में 5 दिनों तक चलाया गया था.
गोली लगने के बावजूद डटे रहे
प्रकाश राठौर ने सुकमा में मुठभेड़ के दौरान बेमिसाल शौर्य का परिचय देने हुए उन्होंने गोली लगने के बावजूद नक्सलियों को मार गिराया था. सुकमा जैसे नक्सल प्रभावित इलाके में प्रकाश ने करीब 5 साल तक मोर्चा संभाला.
35 एनकाउंटर को दे चुके हैं अंजाम
प्रकाश की जांबाजी इसी से साबित होती है कि वो अब तक 35 एनकाउंटर और आधा दर्जन नक्सलियों को मार चुके हैं. प्रकाश के बड़े भाई गोपाल राठौर ने बताया कि 'प्रकाश ने जब देखा कि कैसे पुलिस वाले देश की रक्षा में लगे रहते हैं तो उसने MBA करने के बाद भी पुलिस में जाने का मन बनाया'.
रहवासियों में खुशी का माहौल
प्रकाश के भाई ने बताया कि 'प्रकाश को ये सम्मान मिलने से पूरे घर और परिवार के साथ-साथ कोरबा के रहवासियों में खुशी का माहौल है. लोग फोन पर हमें बधाई दे रहे हैं'. उन्होंने यह भी बताया कि 'त्योहारों का मौसम है और इस अवसर पर यह पुरस्कार मिलना हमारे लिए दोगनी खुशी है.
ईश्वर से कर रही थीं प्रार्थना
प्रकाश की भाभी दीपिका राठौर ने बताया कि 'जब 2016 में प्रकाश को गोली लगी थी तब यह खबर सुनते ही वो बेहोश हो गई थीं, उस वक़्त सभी दोस्तों और परिवारवालों ने हमे संभाला था. उस वक्त सभी बेचैन थे और प्रकाश के ठीक होने की ईश्वर से प्रार्थना कर रहे थे.
निडरता से किया सामना
उस दिन को याद करते हुए जितना खराब लगता था आज उतना ही सुकून मिल रहा है जब उन्हें राष्ट्रपति अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा'. नक्सलियों का निडरता से सामना कर उन्हें मार गिराने वाले प्रकाश अपने तीन भाई बहनों में सबसे छोटे हैं. प्रकाश राठौर फिलहाल बलरामपुर जिले में पदस्थ हैं.