कोरबा: पुलिस ने युवक के शव को लावारिस मानकर दफना दिया था. इसके ठीक 1 हफ्ते बाद जब मृतक के परिजन को इसकी सूचना मिली, तो वो थाने पहुंचे और युवक के हत्या की आशंका जताई. इसके बाद SDM के आदेश पर कब्र को खोदकर मृतक के शव को कब्र से बाहर निकाला गया. पुलिस अब नए सिरे से मामले में वैधानिक जांच कर रही है. वहीं परिजनों ने पुलिस पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं.
मृतक के परिजन का कहना है कि 'पुलिस ने उन तक किसी तरह की सूचना नहीं पहुंचाई और आनन-फानन में केस को दबाने के लिए युवक को दफन कर दिया था. जबकि पुलिस का मानना था कि युवक की मौत ट्रेन से टकराने से हुई थी'.
यह है पूरा मामला
मामला सीतामढ़ी के कुम्हार मोहल्ले का है. यहां रहने वाले 21 वर्षीय युवक बजरंग चौधरी का शव 1 हफ्ते पहले 12 अक्टूबर को मानिकपुर खदान के पास रेल की पटरी पर मिला था. जिसके बाद पुलिस ने उसे लावारिस मानकर दफना दिया था. वहीं 5 दिन के बाद मृतक के परिजनों को इसकी खबर मिली तो वो चौकी पहुंचे और बजरंग की हत्या की आशंका जताई, परिजनों का कहना है कि बजरंग की हत्या कर उसे रेलवे ट्रैक पर फेंका गया हैं. मृतक के बारे में परिजनों ने बताया की वह किसी से भी बात नहीं करता था, सीधे-साधे स्वभाव का था. ऐसे स्थिति में मानिकपुर क्षेत्र में उसकी शव का मिलना संदिग्ध है.
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अधिकारी रहे मौजूद
प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में बजरंग के शव को कब्र से बाहर निकाला गया है. वहीं पुलिस ने बताया कि अब पोस्टमार्टम के लिए नए सिरे से मामले की जांच की जाएगी.