कोरबा: कोरबा में 'मोर मकान मोर आस' योजना के तहत नगर निगम ने अब पीएम आवास के तहत निर्मित मकानों की बिक्री करने का निर्णय लिया है. कोरबा शहर के मुड़ापार क्षेत्र के रामनगर वासियों के लिए हेलीपैड के समीप पीएम आवास योजना के तहत 481 मकान बनाए गए थे. मकान बनने के बाद भी पीएम आवास में हितग्राही यहां रहने को तैयार नहीं है. हितग्राहियों की इस अरुचि के बाद नगर निगम ने पीएम आवास के तहत निर्मित मकानों को बेचने का निर्णय लिया (Korba Municipal Corporation will sell houses built under PM Awas ) है. जिसके लिए पात्रता के मापदंड निर्धारित किए गए हैं. जिनपर खरा उतरने वाले स्थानीय निवासियों को मकानों की बिक्री की जाएगी.
ये है पूरी योजना
निगम क्षेत्र की स्लम बस्तियों में बेजा कब्जा कर अवैध मकानों में रहने वाले वार्डवासियों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकानों का निर्माण किया गया है. केंद्र और राज्य सरकार के संयुक्त सहयोग से पीएम आवास योजना के तहत मुड़ापार क्षेत्र में फ्लैट सिस्टम से 4 मंजिला इमारतों में 481 मकानों का निर्माण पूर्ण हो चुका है.2019 में जब मकान निर्माण की प्रक्रिया शुरू हुई थी. तब स्लम बस्तियों के हितग्राहियों को चिन्हित कर मकानों के आवंटन के लिए उनका अटैचमेंट किया गया था. हितग्राहियों के संख्या के आधार पर ही मकानों के भी निर्माण हो गए थे. अब पीएम आवास योजना के तहत मकान बनकर तैयार है, जिसके बाद हितग्राहियों को स्लम बस्तियों में बेजा कब्जा वाले घर को छोड़कर पीएम आवास के तहत निर्मित नए मकानों में शिफ्ट होने को कहा गया था. लेकिन हितग्राही स्लम बस्ती के अपने अवैध मकानों को छोड़ना नहीं चाहते. जिसके कारण पीएम आवास योजना के तहत निर्मित मकानों की उपयोगिता साबित नहीं हो पा रही है.
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15 मार्च तक का दिया गया था समय
नगर निगम ने हितग्राहियों को नए मकानों में शिफ्ट होने के लिए 15 मार्च तक का समय नोटिस के माध्यम से दिया. इसके बाद भी कोई हितग्राही सामने नहीं आए. जिसके बाद 15 मार्च को ही राज्य सरकार द्वारा लॉन्च की गई योजना मोर मकान मोर आस योजना के तहत पीएम आवास के मकानों की बिक्री के लिए आवेदन वितरित किए जा रहे हैं. जिसके लिए मंगलवार को रवि शंकर नगर जीवन कार्यालय में शिविर का आयोजन किया गया था. पीएम आवास योजना के तहत निर्मित मकानों को शहर के ही ऐसे लोगों को आवंटित किया जाएगा, जो कि किराए में निवासरत हैं.
इन पात्रताओं पर खरा उतरने वाले ही ले सकेंगे मकान
मुड़ापार में निर्मित पीएम आवास के तहत बने मकानों को अब राज्य सरकार ने मोर मकान मोर आस योजना के तहत बिक्री करने का निर्णय लिया है. जिसके लिए पात्रता के कड़े नियम बनाए गए हैं. इन मकानों को निकाय क्षेत्र में 31 अगात 2015 से पूर्व निवासरत व्यक्ति ही खरीद सकते हैं. नाम मतदाता सूची में दर्ज होने के साथ किराए में निवास करने का प्रमाण, निवास प्रमाण पत्र सहित वर्ष 2011 की जनगणना सूची में नाम दर्ज होना चाहिए. इसके अलावा पूरे परिवार( पति, पत्नी व अवयस्क बच्चे) की आय 3 लाख रुपये से कम होनी चाहिए. इसके प्रमाण के लिए नियोक्त द्वारा जारी प्रमाण पत्र, राशन कार्ड या सक्षम अधिकारी द्वारा जारी आय प्रमाण पत्र की भी आवश्यकता होगी. मोर मकान, मोर आस के तहत मकान उन्हीं हितग्राहियों को दिया जाएगा. जिनके पास देश में किसी भी स्थान पर पक्का मकान ना हो. इसका शपथ पत्र भी आवेदन के साथ देना होगा. हितग्राही का प्रदेश का मूल निवासी होना भी अनिवार्य है. इसके लिए मूल निवासी प्रमाण पत्र या जन्म प्रमाण पत्र प्रदान करना होगा.
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3 लाख 25 हजार निर्धारित है दाम
पीएम आवास के तहत निर्मित मकान फ्लैट सिस्टम में 4 मंजिला आकार में बनाए गए हैं.जो कि ईडब्ल्यूएस मकानों की श्रेणी के हैं. पात्रता पर खरा उतरने के बाद हितग्राही को मकानों के एवज में कुल 3 लख 25 हजार रुपये का शुल्क अदा करना होगा. जिसके लिए आवास आवंटन के समय कुल कीमत ली 30 फीसदी राही 97 हजार 500 रुपये, मकान आवंटन होने के 1 महीने बाद 15 फीसद राशी 48 हजार 750 रुपये देने होंगे. इसी तरह की 7 किस्तों व 9 महीने में मकान का पूरा दाम देना होगा. इसके बाद ही मकान का आधिपत्य हितग्राही को मिल सकेगा.
ज्यादा आवेदन मिले तो लॉटरी से होगा ड्रा
नगर पालिक निगम कोरबा के आयुक्त प्रभाकर पांडे ने बताया कि पीएम आवास के तहत निर्मित मकानों में रहने के लिए अटैचमेंट वाले हितग्राही तैयार नहीं हो रहे थे. उनकी इस अरूचि को देखते हुए राज्य सरकार मोर मकान मोर आस योजना लॉन्च की है. जिसके तहत शिविर लगाकर आवेदन लिए जा रहे हैं. पात्रता पर खरा उतरने वाले ऐसे हितग्राही जो कहीं ना कहीं किराए में निवासरत बैन, उन्हें 3 लाख 25 हजार रुपये में मकान का आवंटन किया जाएगा. मकानों की संख्या से ज्यादा आवेदन मिलने की स्थिति में हितग्राहियों के नामों का निर्णय लाटरी पद्धति से ड्रा निकालकर किया जाएगा.