कोरबा: नगर पालिक निगम ने जल आवर्धन योजना भाग-1 के तहत वार्डों में नल कनेक्शन के साथ ही वाटर मीटर तो लगा दिया, लेकिन लोग अनाप-शनाप पानी के बिल से परेशान हैं. इतना ही नहीं लोगों के दावे के मुताबिक 24 घंटे पानी भी उपलब्ध नहीं हो रहा है. हालांकि भारी-भरकम बिल को लेकर नगर निगम की मेयर इन काउंसिल ने एक प्रस्ताव पारित किया है कि बिल की गणना 1 जनवरी 2021 के बाद से ही की जाएगी, लेकिन फिलहाल नल कनेक्शन के बढ़े हुए बिजली बिल से लोग निजात नहीं पा सके हैं.
वार्ड क्रमांक 1 से लेकर 42 तक 45000 कनेक्शन प्रदाय करने का टारगेट तय किया गया था. जिसमें से 38 हजार नल कनेक्शन देकर वाटर मीटर भी लगा दिए गए हैं. लेकिन समस्याएं अभी भी बरकरार हैं.
लीकेज की बनी रहती है समस्या
नल कनेक्शन देने के बाद भी पाइप में लीकेज की समस्या बनी रहती है. कई वार्ड ऐसे भी हैं जहां पाइपलाइन पहुंच नहीं सकी है. पाइप लाइन का विस्तार अब भी जारी है. इसके कारण लोगों को अब भी सरकार की मंशा के अनुरूप 24 घंटे पानी सप्लाई नहीं हो पा रही है.
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कई वार्डों में काम अधूरा
नगर पालिक निगम कोरबा में कुल 67 वार्ड हैं, 1 से लेकर 42 तक के लिए जल आवर्धन योजना भाग- 1 और शेष बचे 43 से लेकर 67 के लिए के लिए जल आवर्धन योजना भाग-2 पर काम चल रहा है. भाग 2 के तहत कवर वाले निगम के पश्चिम क्षेत्र के कुल 25 वार्डों के लिए जल प्रदाय और नल कनेक्शन की योजना बनाई थी. यहां 36 हजार नल कनेक्शन देने का टारगेट निर्धारित किया गया था, इसमें से 20 हजार कनेक्शन लगा दिए गए हैं.कार्य प्रगति पर है.यहां भी नल कनेक्शन के साथ मीटर लगाए गए, लेकिन फिलहाल नल से जल देने की व्यवस्था शुरू नहीं हो सकी है.
बिजली बिल की तर्ज पर वाटर बिल देने की व्यवस्था
नगर निगम के अपर आयुक्त अशोक शर्मा ने बताया कि निजी कंपनी से अनुबंध कर बिजली बिल की तर्ज पर स्पॉट पर वाटर बिल देने की व्यवस्था शुरू करने के आदेश दिए गए है. जो कि घर घर पहुंच कर पानी के मीटर की रीडिंग लेकर स्पॉट बिलिंग करेगी. आयुक्त ने बताया कि मीटर लगाए जाने की शुरुआत कोरबा में 2018 और 2019 से की गई थी. लोगों को अलग-अलग समय में मीटर लगा कर दिए गए हैं. जिसके बिल की गणना भी पूर्व के तिथियों से की गई है, जिसकी वजह से कुछ लोगों को ज्यादा बिल की समस्या आई है. जिसे जल्द ठीक कर लिया जाएगा. 1 जनवरी 2021 से मीटर की गणना के निर्देश दिए गए हैं.
पूरे मामले में ये बात भी निकलकर सामने आ रही है कि शुरुआती दिनों में टेस्टिंग के समय पाइप से पानी तो नहीं आ रहा था, लेकिन इसमें प्रवाहित होने वाली हवा से मीटर का कांटा घूमने लगा. जिसके आधार पर कई लोगों को बिल थमाया गया है. मीटर की गलत रीडिंग और विसंगति होने से लोग परेशान हैं. देखना यह भी होगा कि इसमें सुधार कब तक होता है, और बिल की गणना निर्धारित दरों के अनुसार कब तक लोगों तक पहुंच पाती हैं.