ETV Bharat / state

धुआं-धुआं है छत्तीसगढ़ का ये शहर, लॉकडाउन के बाद भी साफ नहीं दिखता आसमान !

author img

By

Published : May 14, 2021, 11:09 PM IST

कोरबा अपने प्राकृतिक संसाधनों के लिए जाना जाता है. लेकिन प्रदेश की ऊर्जाधानी कहे जाने वाले इस कोरबा में कभी-कभी यही संसाधन परेशानी का सबब बन जाते हैं. शहर में राखड़ की समस्या अब दिन ब दिन बढ़ती जा रही है. सड़क किनारे राख डंप करने की वजह से प्रदूषण भी बढ़ गया है. जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

problem due to fly ash in korba
राख से ढकी ऊर्जाधानी

कोरबा: जिले को ऊर्जाधानी का तमगा तो मिला, लेकिन यही तमगा लोगों के लिए कई बार परेशानी खड़ी कर देता है. कोरबा में छोटे बड़े मिलाकर कुल 12 पावर प्लांट हैं. जहां से हर दिन में 2 लाख टन राख निकलती है. इस फ्लाई एश यूटिलाइजेशन के मामले में करीब सभी प्लांट बेहद फिसड्डी हैं. पावर प्लांट अपने राख डैम को मेंटेन करने में कोताही बरतते हैं. वहीं बीते कुछ दिनों से शहर के मुख्य सड़कों के किनारे बेतरतीब तरीके से राख डंप की जा रही है. राखड़ डैम के साथ ही अब सड़कों के किनारे डंप ये राख हल्की सी हवा चलने पर धूल के गुबार का रूप ले लेती है. जिससे लोगों का जीना मुहाल हो रहा है.

राख से ढकी ऊर्जाधानी

जिले के ज्यादातर पावर प्लांट राख यूटिलाइजेशन तो दूर, राखड़ डैम का भी उचित तरह से संधारण नहीं कर पाते. इसके कारण स्थानीय लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

पर्यावरण विभाग नहीं करता ठोस कार्रवाई

कुछ मामलों में पर्यावरण विभाग ने भी औद्योगिक उपक्रमों को नोटिस जारी कर ये कहा था कि राखड़ डैम से पैदा होने वाले वायु प्रदूषण को रोकने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है. लेकिन इसके बाद भी संबंधित लोगों के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई.

problem due to fly ash in korba
राख का गुब्बार

दुपहिया वाहन चालकों को परेशानी

पानी छिड़काव के लिए स्प्रिंकल सिस्टम या टैंकर का उपयोग नहीं किया जा रहा है. जिससे जिले में प्रदूषण फैल रहा है. यहां तक कि सड़क से ट्रकों के जरिए किए जाने वाले राख के परिवहन में वायु प्रदूषण रोकने की पर्याप्त व्यवस्था भी नहीं है. इसके अलावा भारी वाहनों की आवाजाही से भी सड़कों पर धूल के गुब्बार उड़ते रहते हैं. जिसके चलते दुपहिया वाहन चालकों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

लोगों की सेहत पर बुरा असर

जिले में पावर प्लांट से उत्सर्जित राख लोगों के बिगड़ते स्वास्थ्य का एक बड़ा कारण है. इसके साथ ही सड़क से होने वाला प्रदूषण जिले में और भी भयावह स्थिति पैदा कर रहा है. जानकारों की मानें तो इस तरह के प्रदूषण से लोगों के स्वास्थ्य पर बेहद बुरा प्रभाव पड़ रहा है. सर्दी, खांसी लंबे समय तक बनी रहती है. जबकि सांस की बीमारी के साथ ही लोगों के फेफड़ों पर बेहद बुरा असर पड़ रहा है.

कोरबा: जिले को ऊर्जाधानी का तमगा तो मिला, लेकिन यही तमगा लोगों के लिए कई बार परेशानी खड़ी कर देता है. कोरबा में छोटे बड़े मिलाकर कुल 12 पावर प्लांट हैं. जहां से हर दिन में 2 लाख टन राख निकलती है. इस फ्लाई एश यूटिलाइजेशन के मामले में करीब सभी प्लांट बेहद फिसड्डी हैं. पावर प्लांट अपने राख डैम को मेंटेन करने में कोताही बरतते हैं. वहीं बीते कुछ दिनों से शहर के मुख्य सड़कों के किनारे बेतरतीब तरीके से राख डंप की जा रही है. राखड़ डैम के साथ ही अब सड़कों के किनारे डंप ये राख हल्की सी हवा चलने पर धूल के गुबार का रूप ले लेती है. जिससे लोगों का जीना मुहाल हो रहा है.

राख से ढकी ऊर्जाधानी

जिले के ज्यादातर पावर प्लांट राख यूटिलाइजेशन तो दूर, राखड़ डैम का भी उचित तरह से संधारण नहीं कर पाते. इसके कारण स्थानीय लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

पर्यावरण विभाग नहीं करता ठोस कार्रवाई

कुछ मामलों में पर्यावरण विभाग ने भी औद्योगिक उपक्रमों को नोटिस जारी कर ये कहा था कि राखड़ डैम से पैदा होने वाले वायु प्रदूषण को रोकने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है. लेकिन इसके बाद भी संबंधित लोगों के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई.

problem due to fly ash in korba
राख का गुब्बार

दुपहिया वाहन चालकों को परेशानी

पानी छिड़काव के लिए स्प्रिंकल सिस्टम या टैंकर का उपयोग नहीं किया जा रहा है. जिससे जिले में प्रदूषण फैल रहा है. यहां तक कि सड़क से ट्रकों के जरिए किए जाने वाले राख के परिवहन में वायु प्रदूषण रोकने की पर्याप्त व्यवस्था भी नहीं है. इसके अलावा भारी वाहनों की आवाजाही से भी सड़कों पर धूल के गुब्बार उड़ते रहते हैं. जिसके चलते दुपहिया वाहन चालकों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

लोगों की सेहत पर बुरा असर

जिले में पावर प्लांट से उत्सर्जित राख लोगों के बिगड़ते स्वास्थ्य का एक बड़ा कारण है. इसके साथ ही सड़क से होने वाला प्रदूषण जिले में और भी भयावह स्थिति पैदा कर रहा है. जानकारों की मानें तो इस तरह के प्रदूषण से लोगों के स्वास्थ्य पर बेहद बुरा प्रभाव पड़ रहा है. सर्दी, खांसी लंबे समय तक बनी रहती है. जबकि सांस की बीमारी के साथ ही लोगों के फेफड़ों पर बेहद बुरा असर पड़ रहा है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.