कोरबा: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस में उथल-पुथल का माहौल है. लगातार बयानबाजी करने वाले नेताओं पर नकेल कसा जा रहा है. इस बीच कई नेता खुल कर हार की वजह को लेकर पार्टी के विरोध में भी बयानबाजी कर रहे हैं. इस बीच कोरबा से तीन बार के विधायक और पूर्व राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल को पीसीसी ने गुरुवार को शो कॉज नोटिस जारी किया है. साथ ही तीन दिन के भीतर जवाब देने की बात कही है.
जयसिंह अग्रवाल को पीसीसी का शो कॉज नोटिस: दरअसल, प्रदेश में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस पार्टी का अंतर्कलह खुलकर सामने आ रहा है. हाल ही में कोरबा से 3 बार के विधायक और पूर्व राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने हार का ठीकरा इशारों में प्रदेश के मुखिया रहे सीएम भूपेश बघेल के सर फोड़ा था. इसी टिप्पणी से नाराज प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने पूर्व मंत्री को नोटिस जारी किया है.
स्पष्टीकरण के लिए मांगा गया तीन दिन का समय : प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से प्रदेश महामंत्री मलकीत सिंह गेन्दु ने नोटिस जारी किया है. नोटिस में लिखा गया है कि विधानसभा चुनाव में हार के बाद पूर्व मंत्री की ओर से अप्रत्यक्ष रूप से प्रदेश सरकार के मुख्य रहे सीएम भूपेश बघेल के विरोध टिप्पणी की गई है, जिसे गंभीरता से लिया गया है. इसके कारण कांग्रेस पार्टी की छवि धूमिल हो रही है. पार्टी ने जयसिंह अग्रवाल से उनके बयान पर स्पष्टीकरण मांगा है. स्पष्टीकरण देने के लिए पूर्व मंत्री जय सिंह अग्रवाल को तीन दिन का समय दिया गया है. गुरुवार को ये नोटिस जारी कर दिया गया है.
जयसिंह अग्रवाल ने सीएम पर की थी टिप्पणी :चुनाव परिणाम जारी होने के कुछ दिनों बाद जिला कांग्रेस कमेटी कोरबा ने हार को लेकर समीक्षा बैठक की थी. इस दौरान कोरबा विधायक और सरकार में राजस्व मंत्री रहे जयसिंह अग्रवाल ने बिना नाम लिए प्रदेश के मुखिया को हार का असली कारण करार दिया था. जयसिंह ने कहा था कि, "जिसके नेतृत्व में चुनाव लड़ा गया, जिन्होंने पांच साल सरकार की अगुवाई की, उनकी गलत नीतियों और तानाशाही रवैये के कारण कांग्रेस को छत्तीसगढ़ में हार मिली है. खासतौर पर कोरबा में चुन-चुनकर ऐसे अधिकारियों को भेजा गया, जो भ्रष्टाचार में लिप्त रहे।. कलेक्टर रहीं रानू साहू जेल में है, जिन्होंने चलते हुए विकास कार्य को बीच में रोक दिया था. ऐसे कार्य किये गए, जिससे कांग्रेस की छवि खराब हुई. जिले में कांग्रेस डैमेज हुई. कार्यकर्ताओं के काम नहीं हुए. चारों ओर नाराजगी फैल गई, जिसका परिणाम यह रहा कि पूरे राज्य में ही सत्ता परिवर्तित हो गई और बीजेपी को बड़ा जनादेश मिला.