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बिना विभागीय जांच के पटवारी पर FIR, राजस्व निरीक्षक संघ ने दिया धरना

पटवारी के खिलाफ जमीन मामले को लेकर हुई कार्रवाई को लेकर राजस्व निरीक्षक संघ और पटवारी संघ ने धरना दे दिया है. संघ का कहना है कि विभागीय जांच के बाद ही पटवारी के खिलाफ कार्रवाई हो. बिना विभागीय जांच के हुई इस कार्रवाई को पटवारी संघ ने गलत ठहराया है.

Patwari union protest
पटवारी संघ का धरना
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Published : Mar 18, 2021, 11:02 PM IST

कोरबा: पूर्व पटवारी के खिलाफ जमीन हेराफेरी मामले में कूटरचना के आरोप और FIR के बाद अग्रिम कार्रवाई से राजस्व निरीक्षक संघ और पटवारी संघ आक्रोशित हो गया है. शहर के तानसेन चौक में संगठन के पदाधिकारी और सदस्य धरने पर बैठ गए हैं. मामले में पुलिस और राजस्व विभाग आमने-सामने आ गए हैं. राजस्व निरीक्षक संघ की मांग है कि पहले विभागीय जांच होनी चाहिए, इसके बाद FIR दर्ज की जानी चाहिए. जबकि पुलिस का कहना है कि इस मामले में राजस्व विभाग से कई बार पत्राचार करने की कोशिश की गई, लेकिन कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला. जिसके बाद मामले में संदिग्ध भूमिका वाले पूर्व पटवारी को बुलाकर पूछताछ की गई है.

पटवारी संघ का धरना

कोरबा में पाम मॉल के पास प्रार्थी अरुणिमा सिंह की जमीन है. अरुणिमा ने कोतवाली थाना में शिकायत दर्ज कराई है कि उनके पिता ने साल 1991 में एक जमीन खरीदी थी. पिता की मृत्यु के बाद अरुणिमा के नाम पर जमीन का नामांतरण हुआ था. जिसका खसरा B1, पंचशाला प्रार्थिया के नाम पर दर्ज है. साल 2017 में प्रार्थी ने जमीन पर बाउंड्री वॉल बनाना चाहा. लेकिन मौके पर उसे जमीन नहीं मिली. तब राजस्व विभाग से जमीन का नकल प्राप्त किया. तब प्रार्थी की जमीन कृष्णा बिल्डकॉन प्राइवेट लिमिटेड द्वारा बनाए गए पाम मॉल क्षेत्र के अंदर दिखी. जिसका नक्शा प्रार्थी ने थाने में प्रस्तुत किया.

अलग-अलग जगह पर दिखाई गई जमीन

जब इसी जमीन का नक्शा और खसरा साल 2018 में भुइयां एप के जरिए निकाला गया, तब जमीन को किसी और जगह दिखा दिया गया. अलग-अलग समय पर जमीन के अलग-अलग क्षेत्र में दर्शाए जाने से रिकॉर्ड में छेड़छाड़ की शिकायत दस्तावेज सहित पुलिस को मिली थी. शिकायत के संबंध में 22 दिसंबर 2020 को पुलिस ने गैरजमानतीय धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया था.

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राजस्व विभाग से मांगी गई थी जानकारी

पुलिस ने इस मामले में राजस्व विभाग से और जानकारी मांगी थी. पुलिस के मुताबिक राजस्व विभाग ने निर्धारित बिंदुओं पर 3 महीने बीत जाने के बाद भी जानकारी उपलब्ध नहीं कराई है. इस मामले में हल्का में तैनात पटवारी, RI और तहसीलदार की तैनाती के संबंध में भी स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है.

पूछताछ के लिए बुलाया और शुरू हुआ आंदोलन

पुलिस ने इस मामले में संबंधित क्षेत्र के पूर्व पटवारी रहे चक्रधर सिदार जो कि वर्तमान में राजस्व निरीक्षक है, इन्हें पूछताछ के लिए थाने बुलाया था. सोमवार को सिदार से कोतवाली पुलिस ने इस मामले के संबंध में पूछताछ की थी. जिसके बाद बुधवार को राजस्व निरीक्षक और पटवारी संघ ने संयुक्त तौर पर एक दिवसीय धरना दे दिया है.

विभागीय जांच के बाद कार्रवाई की मांग

राजस्व निरीक्षक संघ का कहना है कि वह किसी भी कार्रवाई के खिलाफ नहीं है. उनका कहना है कि पुलिस महानिरीक्षक ने जो आदेश जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि किसी भी सरकारी कर्मचारी के खिलाफ पहले विभागीय जांच होगी. जिसके बाद ही पुलिस FIR और अग्रिम कार्रवाई करेगी. संघ की मांग है कि विभागीय जांच के बाद ही पटवारी या राजस्व निरीक्षकों पर FIR दर्ज की जाए.

कोरबा: पूर्व पटवारी के खिलाफ जमीन हेराफेरी मामले में कूटरचना के आरोप और FIR के बाद अग्रिम कार्रवाई से राजस्व निरीक्षक संघ और पटवारी संघ आक्रोशित हो गया है. शहर के तानसेन चौक में संगठन के पदाधिकारी और सदस्य धरने पर बैठ गए हैं. मामले में पुलिस और राजस्व विभाग आमने-सामने आ गए हैं. राजस्व निरीक्षक संघ की मांग है कि पहले विभागीय जांच होनी चाहिए, इसके बाद FIR दर्ज की जानी चाहिए. जबकि पुलिस का कहना है कि इस मामले में राजस्व विभाग से कई बार पत्राचार करने की कोशिश की गई, लेकिन कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला. जिसके बाद मामले में संदिग्ध भूमिका वाले पूर्व पटवारी को बुलाकर पूछताछ की गई है.

पटवारी संघ का धरना

कोरबा में पाम मॉल के पास प्रार्थी अरुणिमा सिंह की जमीन है. अरुणिमा ने कोतवाली थाना में शिकायत दर्ज कराई है कि उनके पिता ने साल 1991 में एक जमीन खरीदी थी. पिता की मृत्यु के बाद अरुणिमा के नाम पर जमीन का नामांतरण हुआ था. जिसका खसरा B1, पंचशाला प्रार्थिया के नाम पर दर्ज है. साल 2017 में प्रार्थी ने जमीन पर बाउंड्री वॉल बनाना चाहा. लेकिन मौके पर उसे जमीन नहीं मिली. तब राजस्व विभाग से जमीन का नकल प्राप्त किया. तब प्रार्थी की जमीन कृष्णा बिल्डकॉन प्राइवेट लिमिटेड द्वारा बनाए गए पाम मॉल क्षेत्र के अंदर दिखी. जिसका नक्शा प्रार्थी ने थाने में प्रस्तुत किया.

अलग-अलग जगह पर दिखाई गई जमीन

जब इसी जमीन का नक्शा और खसरा साल 2018 में भुइयां एप के जरिए निकाला गया, तब जमीन को किसी और जगह दिखा दिया गया. अलग-अलग समय पर जमीन के अलग-अलग क्षेत्र में दर्शाए जाने से रिकॉर्ड में छेड़छाड़ की शिकायत दस्तावेज सहित पुलिस को मिली थी. शिकायत के संबंध में 22 दिसंबर 2020 को पुलिस ने गैरजमानतीय धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया था.

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राजस्व विभाग से मांगी गई थी जानकारी

पुलिस ने इस मामले में राजस्व विभाग से और जानकारी मांगी थी. पुलिस के मुताबिक राजस्व विभाग ने निर्धारित बिंदुओं पर 3 महीने बीत जाने के बाद भी जानकारी उपलब्ध नहीं कराई है. इस मामले में हल्का में तैनात पटवारी, RI और तहसीलदार की तैनाती के संबंध में भी स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है.

पूछताछ के लिए बुलाया और शुरू हुआ आंदोलन

पुलिस ने इस मामले में संबंधित क्षेत्र के पूर्व पटवारी रहे चक्रधर सिदार जो कि वर्तमान में राजस्व निरीक्षक है, इन्हें पूछताछ के लिए थाने बुलाया था. सोमवार को सिदार से कोतवाली पुलिस ने इस मामले के संबंध में पूछताछ की थी. जिसके बाद बुधवार को राजस्व निरीक्षक और पटवारी संघ ने संयुक्त तौर पर एक दिवसीय धरना दे दिया है.

विभागीय जांच के बाद कार्रवाई की मांग

राजस्व निरीक्षक संघ का कहना है कि वह किसी भी कार्रवाई के खिलाफ नहीं है. उनका कहना है कि पुलिस महानिरीक्षक ने जो आदेश जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि किसी भी सरकारी कर्मचारी के खिलाफ पहले विभागीय जांच होगी. जिसके बाद ही पुलिस FIR और अग्रिम कार्रवाई करेगी. संघ की मांग है कि विभागीय जांच के बाद ही पटवारी या राजस्व निरीक्षकों पर FIR दर्ज की जाए.

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